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बीमारी को जड़ से मिटाने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने में जुटे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मी 

बीमारी को जड़ से मिटाने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने में जुटे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मी

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रोग प्रभावित इलाकों में सिफार द्वारा गठित पेशेंट सपोर्ट ग्रुप निभा रहा महत्वपूर्ण भूमिका: डीएमओ
फाइलेरिया बीमारी से ग्रसित आशा कार्यकर्ता सामुदायिक स्तर पर ग्रामीणों को करती हैं जागरूक: एमओआईसी
पेशेंट स्पोर्ट ग्रुप से जुड़ कर सामुदायिक स्तर पर ग्रामीणों को करती हूं जागरूक: पवन रेखा

श्रीनारद मीडिया, कटिहार, (बिहार):


फाइलेरिया रोग को जड़ से खत्म करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अलावा कई अन्य सहयोगी संस्थाओं द्वारा नियमित रूप से ग्रामीण स्तर पर लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस मुहिम में विभागीय अधिकारी भी बढ़-चढ़ कर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने में जुटे हुए हैं। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ जय प्रकाश सिंह ने बताया कि बरारी प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोगी संस्था सिफार के सहयोग से रोग प्रभावित इलाकों में पेशेंट सपोर्ट ग्रुप तैयार कर सामुदायिक स्तर पर लोगों को फाइलेरिया रोग के कारण एवं बचाव के प्रति जागरूक किया जा रहा है। फाइलेरिया बीमारी लोगों को परजीवी क्यूलेक्स फैंटीगंस मादा मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर फाइलेरिया ग्रसित मरीजों को काटकर खुद संक्रमित हो जाता है और उसके बाद दूसरे व्यक्ति को काटने पर उसको भी फाइलेरिया बीमारी से ग्रसित कर देता है।

 

फाइलेरिया बीमारी से ग्रसित आशा कार्यकर्ता सामुदायिक स्तर पर ग्रामीणों को करती हैं जागरूक: एमओआईसी
बरारी प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मुशर्रफ़ आलम ने बताया कि फाइलेरिया बीमारी से ग्रसित मरीजों को लेकर आपसी सहमति के बाद ही 54 वर्षीय आशा कार्यकर्ता पवन रेखा देवी के नाम पर पवन रेखा पेशेंट सपोर्ट ग्रुप का गठन किया गया है। इसके माध्यम से मरीजों को सलाह एवं हाथी पांव की सफ़ाई करने के लिए सभी को जागरूक किया जाता है। फाइलेरिया बीमारी से ग्रसित होने के बावजूद वह आशा कार्यकर्ता के रूप में सामुदायिक स्तर पर ग्रामीणों को जागरूक करने के उद्देश्य से लगातार कार्य कर रही हैं। फाइलेरिया बीमारी शरीर के कई अंगों में हो सकता है। हालांकि यह बीमारी मुख्य रूप से किसी भी व्यक्ति के पैर या अंडकोश को प्रभावित करता है। जिसे लोग आमतौर पर हाथीपांव व हाईड्रोसील (अंडकोश का सूजन) कहते हैं। यह बीमारी महिलाओं के स्तन और जननांग को भी ग्रसित कर सकता है। इससे सुरक्षा के लिए लोगों को इसके प्रति जागरूक रहना आवश्यक है।

पेशेंट स्पोर्ट ग्रुप से जुड़ कर सामुदायिक स्तर पर ग्रामीणों को करती हूं जागरूक: आशा कार्यकर्ता
पवन रेखा पेशेंट सपोर्ट ग्रुप में मुख्य भूमिका निभाने वाली आशा कार्यकर्ता पवन रेखा बताती हैं कि सीफार संस्था के बीसी द्वारा फाइलेरिया बीमारी के कारण एवं बचाव से संबंधित विस्तृत रूप से जानकारी दी गई। इसके बाद अपने पोषक क्षेत्रों में फाइलेरिया मरीज़ों की संख्या कम होने के कारण बगल के गांव कुड़िया में ओपन मीटिंग का हिस्सा बनी। उसके बाद लगातार पेशेंट सपोर्ट ग्रुप के तहत सामुदायिक स्तर पर जागरूकता अभियान चला रही हूं। ख़ुद विगत पन्द्रह वर्षों से फाइलेरिया बीमारी से ग्रसित हूं। इसका कोई इलाज़ नहीं है लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा फाइलेरिया से बचाव को लेकर खिलाई जाने वाली गोली का सेवन प्रत्येक वर्ष करती हूं। इसके साथ ही एमएमडीपी के तहत हाथी पांव को शुद्ध ताज़े पानी एवं साबुन से सावधानी पूर्वक धोने के साथ ही नियमित रूप से सफ़ाई करने के बाद फाइलेरिया तीसरे स्टेज में ही रुक गया हैं।

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