पराली जलाने पर लगेगा भारी जुर्माना
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
नौ दिसंबर को जारी ठोस कचरा प्रबंधन नियम, 2024 के मसौदे के अनुसार, यह सुनिश्चित करना स्थानीय निकायों की जिम्मेदारी होगी कि कृषि या बागवानी अपशिष्ट जलाने की कोई घटना न हो और ऐसा करने वालों पर भारी जुर्माना लगाया जाए। इस बारे में संबंधित लोगों से आपत्तियां एवं सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। ये नियम अगले वर्ष एक अक्टूबर से प्रभावी होंगे।
वायु प्रदूषण को देखते हुए फैसला
गौरतलब है कि सर्दियों के महीनों में एनसीआर में खराब वायु गुणवत्ता के मद्देनजर केंद्र सरकार ने पिछले महीने पराली जलाने वाले किसानों के लिए जुर्माने की राशि दोगुनी कर दी थी। दो एकड़ से कम भूमि वाले किसानों को अब 2,500 रुपये के स्थान पर 5,000 रुपये पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति देनी होगी, जबकि दो से पांच एकड़ की जमीन वाले किसानों को पांच हजार के स्थान पर 10 हजार रुपये पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति देनी होगी। विभिन्न अध्ययनों का अनुमान है कि पराली जलाने के मौसम में एनसीआर के पीएम स्तर में इसके धुएं का 30 प्रतिशत तक योगदान होता है।
लगेगा भारी जुर्माना
वहीं, पिछले साल के मुकाबले इस बार पराली जलाने के मामले 40 फीसदी कम रहे हैं। पंजाब में सबसे ज्यादा लगभग 70 फीसदी की कमी आई है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे कुछ राज्यों पराली जलाने के मामलों में पहले की तुलना में बढ़ोतरी भी दर्ज की गई है।
एक बड़े हिस्से में फैल जाता है धुआं
धान की फसल के बाद खेत को गेंहू की फसल के लिए जल्दी तैयार करने के चलते खेतों में ही धान की फसल के बचे-खुचे अवशेष को जलाने की प्रवृत्ति रही है। हजारों जगहों पर लगने वाली इस आग के चलते उत्तर भारत के एक बड़े हिस्से में धुआं फैल जाता है और लोगों को भारी प्रदूषण का सामना करना पड़ता है। इसलिए हर साल ही इस पर रोक लगाने के लिए तमाम कवायद की जा रही है।
क्रीम्स के आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल 20 नवंबर तक इन छह राज्यों में कुल 52 हजार 555 मामले रिकॉर्ड किए गए थे। लेकिन, इस बार इन राज्यों में 20 नवंबर तक 29 हजार 997 मामले रिकॉर्ड किए गए हैं। यानी पहले की तुलना में इसमें लगभग चालीस फीसदी की कमी आई है।
पंजाब में सत्तर फीसदी तक आई कमी
पराली जलाने की सबसे ज्यादा घटनाएं पंजाब से ही सामने आती रही हैं। इस साल भी घटनाओं के मामले में पंजाब ही पहले स्थान पर है लेकिन राहत की बात यह है कि पंजाब में पराली जलाने के मामलों में लगभग 70 फीसदी की कमी आई है। पिछले साल पंजाब में 20 नवंबर तक पराली जलाने की 35 हजार 93 मामले दर्ज किए गए थे। जबकि, इस बार अभी तक पराली जलाने के 10 हजार 104 मामले दर्ज किए गए हैं।
हरियाणा में भी पराली जलाने के मामलों में कमी आई है। जबकि, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और दिल्ली में पिछले साल की तुलना में पराली जलाने के मामले बढ़े हैं। जिसे कि अगले सालों के लिए चिंता की बात कहा जा सकता है।
पराली जलाने की घटनाएं
राज्य | वर्ष 2024 | वर्ष 2023 |
पंजाब | 10,104 | 35,093 |
हरियाणा | 1,183 | 2,123 |
उत्तर प्रदेश | 3,703 | 2,751 |
दिल्ली | 12 | 05 |
राजस्थान | 2,356 | 1,624 |
मध्य प्रदेश | 12,639 | 10,959 |
कुल | 29,997 | 52,555 |
(आंकड़े बीस नवंबर तक के हैं और क्रीम्स के हैं)
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