जम्मू-कश्मीर में कब होंगे विधानसभा चुनाव?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने शनिवार को कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान जम्मू-कश्मीर में मतदान प्रतिशत से उत्साहित चुनाव आयोग बहुत जल्द वहां विधानसभा चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग इस योग्य हैं कि वहां उनकी अपनी सरकार हो। जम्मू-कश्मीर में मतदान प्रतिशत और क्या विधानसभा चुनाव जल्द हो सकते हैं, इस सवाल का जवाब देते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि संसदीय चुनाव में लोगों की भागीदारी से चुनाव आयोग बहुत उत्साहित है।
लोकतंत्र की जड़ें और मजबूत हो रही- राजीव कुमार
उन्होंने कहा, यह (मेरे) कानों के लिए संगीत की तरह है। युवा, महिलाएं खुशी से बड़ी संख्या में (मतदान करने) आ रही हैं। लोकतंत्र की जड़ें और मजबूत हो रही हैं। लोग चुनाव में भाग ले रहे हैं। वे अपनी सरकार के लायक हैं। हम बहुत जल्द ही यह प्रक्रिया शुरू करेंगे। ऐसा करने के लिए हम बहुत उत्साहित हैं।
विधानसभा और संसदीय चुनाव एक साथ कराना व्यावहारिक नहीं
मार्च में लोकसभा चुनाव के लिए कार्यक्रम की घोषणा करते हुए राजीव कुमार ने कहा था कि सुरक्षा और अन्य कारणों से विधानसभा और संसदीय चुनाव एक साथ कराना व्यावहारिक नहीं है। अगस्त 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद वहां पहली बार विधानसभा का चुनाव होगा।
जम्मू-कश्मीर में चुनावी प्रक्रिया एक महीने तक चलती
जम्मू-कश्मीर में चुनावी प्रक्रिया आमतौर पर एक महीने तक चलती है। परिसीमन के बाद गुलाम जम्मू-कश्मीर को आवंटित सीटों को छोड़कर विधानसभा सीटों की संख्या 83 से बढ़कर 90 हो गई है।
लोकसभा के छठे चरण के चुनाव के तहत शनिवार को जम्मू कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी सीट पर भी वोटिंग हुई। इस दौरान यहां पर 53 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। इस तरह राज्य की पांचों सीटों पर कुल 58 फीसदी मतदान हुआ, जोकि पिछले 35 सालों में सबसे अधिक है। अब भाजपा ने इस रिकॉर्ड मतदान का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व को दिया है। जम्मू-कश्मीर भाजपा के अध्यक्ष रविंदर रैना ने रविवार को कहा कि लोकसभा चुनाव में पांचों निर्वाचन क्षेत्रों में रिकॉर्ड तोड़ मतदान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नए जम्मू-कश्मीर का प्रतिबिंब है।
विधानसभा चुनाव के लिए तैयार
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पूरी तरह से तैयार है और उन्हें उम्मीद है कि अधिकतम मतदान का यह ट्रेंड, खासकर की कश्मीर घाटी में, स्थानीय निकाय समेत आगामी चुनावों में भी जारी रहेगा।
बताते चलें कि लोकसभा चुनाव के तहत सबसे पहले 19 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर की उधमपुर लोकसभा सीट मतदान हुआ था, जहां 68 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था। इसके बाद जम्मू लोकसभा सीट पर 26 अप्रैल को 69.1 प्रतिशत मतदान हुआ था।
तीन दशकों में दूसरा सबसे अधिक मतदान
चौथे चरण में श्रीनगर में 13 मई को 38 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था, जोकि तीन दशकों में दूसरा सबसे अधिक था। इसके बाद जबकि बारामूला लोकसभा क्षेत्र में 20 मई को 58.17 प्रतिशत का उच्चतम मतदान दर्ज किया गया। अनंतनाग-राजौरी में भी लगभग 53 फीसदी मतदान दर्ज किया।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार रविंदर रैना ने स्थानीय मीडिया से बातचीत में कहा कि लोगों द्वारा उत्साह के साथ किया गया बंपर मतदान नए जम्मू-कश्मीर का प्रमाण है, जो पीएम मोदी के नेतृत्व में शांति, समृद्धि, भाईचारे और विकास के रास्ते पर चल रहा है। उनकी सरकार स्थानीय लोगों के दिल और दिमाग में सुरक्षा की भावना पैदा करने में सक्षम है।
अलगाववादियों ने भी किया मतदान
अलगाववादियों की ओर से चलाए गए चुनाव बहिष्कार अभियानों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह देखकर खुशी होती है कि जो पार्टियां और उनके नेता पहले चुनावों के बहिष्कार का आह्वान करते थे, वही लोग आगे आए और इस चुनाव में जमकर मतदान किया। उन्होंने कहा, ‘लोकतंत्र में, वोट लोगों के हाथ में सबसे शक्तिशाली हथियार है जो उन्हें उनका प्रतिनिधि चुनने का अधिकार देता है। जम्मू-कश्मीर की नई तस्वीर आने वाले वर्षों में पूरी राजनीति पर असर डालेगी।’
उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि आगामी विधानसभा, जिला विकास परिषद, ब्लॉक विकास परिषद, पंचायत और शहरी स्थानीय निकाय चुनावों के दौरान उच्च मतदान का नया ट्रेंड जारी रहेगा।
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर और बारामूला में रिकॉर्ड मतदान के बाद 25 मई को अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर भी मतदान ने रिकॉर्ड तोड़ दिया। शनिवार रात 11 बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक यहां 54.30 फीसदी मतदान हुआ है। कुल मिलाकर 2024 के लोकसभा चुनाव में घाटी के तीनों लोकसभा सीटों पर औसतन 50 प्रतिशत मतदान हुआ जबकि 2019 में यह सिर्फ 19.16 फीसदी था।