हाई कोट ने जीविका कर्मियों  को होली का  दिया बड़ा तोहफा

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श्रीनारद मीडिया, पटना (बिहार)

बिहार ग्रामिण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहार, पटना के अधीन संविदा पर कार्यरत MIS Executives  एवं Data Entry Operators  को आज दिनांक-26.03.2021 को माननीय उच्च न्यायालय, पटना से उस वक्त बड़ी राहत मिली जब उनके अस्तित्व की रक्षा हेतु दायर रिट याचिका सं0-9928 /2020 में माननीय न्यायमुर्ति श्री मोहित कुमार साहजी की खण्डपीठ ने Status quo को आदेश्‍ दिया।
विद्ति हो कि दिनांक- 06.08.2015 को निर्गत कार्यालय आदे

के आलोक में उक्त कर्मियों की सेवा असंतोषजनक पाये जाने के स्थिति में एक सप्ताह की पूर्व सूचना के उपरांत ही हटाये जाने का प्रावधान संसूचित था लेकिन विगत कुछ महीनों से उक्त प्रावधान की सरासर अनदेखी करते हुए एक प्राइवेट एंजेसी को अनुचित लाभ दिलवाने कि मंसा से र्निदोष जीविका कर्मियों को संविदा मुक्त करने का कलुषित खेल जारी था।

क्‍या कहते हैं अधिवक्‍ता

याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता  शशि शेखर तिवारी ने बताया कि उक्त न्यायादेश के आने से जिन संविदा कर्मीयों की सेवावधि दिनांक-31.03.2021 को समाप्त हो रही थी को स्वतः विस्तार मिल गया है।
होली से ठीक पहले आये माननीय उच्च न्यायालय, पटना के इस   न्‍यायादेश के आलोक में संविदा कर्मीयों द्वारा तोहफे के रूप में देखा जा रहा है और साथ इस बात की सम्भावना भी जतायी जा रही है कि Model Employer  की छवि रखने वाली बिहार सरकार निश्चित तौर पर अपने सेवाकर्मीयों के हितों की रक्षा न्याय की परिधि में सुनिश्चित करना चाहेगी।

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