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हिंदी हमारे जीवन में प्रत्येक क्षण की साक्षी है। - श्रीनारद मीडिया

हिंदी हमारे जीवन में प्रत्येक क्षण की साक्षी है।

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हिंदी मन की भाषा है,संवाद का साहित्य है।

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

हिंदी हमारे जीवन के क्षण प्रति क्षण में समाहित है। हिंदी के खड़ी बोली में लेखन सन 1900 से प्रारंभ होती है, लेकिन इससे पहले 1872 में भारतेंदु युग (1850-1900) से ही गद्य लेखन की शुरुआत हो चुकी थी। गद्य लेखन ने हिंदी के क्षेत्र एवं पाठकों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि किया।

हिंदी संपर्क भाषा के रूप में स्वतंत्रता की लड़ाई में जो भूमिका निभाई, वह अकल्पनीय थी। देश को सामाजिक-सांस्कृतिक रूप से एक सूत्र में बांधने का कार्य किया। यही कारण था कि देश के स्वतंत्र होने पर उसे राष्ट्रभाषा का स्तर देने की बात हुई। परंतु हिंदी प्रदेश के कुछ अंग्रेजी प्रेमी व्यक्तियों के विरोध एवं अहिंदी क्षेत्र के विद्वानों द्वारा असहमति के स्वर ने हिंदी को राजभाषा और अंग्रेजी को कार्यालयों, न्यायालयों,अंतरराष्ट्रीय व्यापार एवं अन्य उच्च सेवकों की परीक्षाओं में माध्यम भाषा के रूप में स्थापित कर दिया। परन्तु हिंदी हमारे प्रत्येक पहलू में समाहित है।

अक्षरों के मेल से बने शब्द हमें गुदगुदाते हैं। कल्पना के संसार में ले जाते है। उसके मर्म में छिपे ग्रंथियों को खोलने हेतु प्रेरित करते हैं। इन शब्दों के विन्यास से हिंदी साहित्य में कालजयी ग्रन्थों की रचना हुई है।

मेरा मानना है कि हमारे हिंदी में ‘कामायनी’, ‘गोदान’ एवं ‘शेखर एक जीवनी’ ऐसी कृति है जिसकी आप विश्व की किसी भाषा की कृति से बराबरी कर सकते है। हिंदी में ऐसी ताकत है जिसने कई भाषा के शब्दों को अपने में कोश में समाहित करके और सुदृढ हुई है।

बहरहाल हिंदी दिवस पर हम आपके जीवन के विभिन्न पहलू से परिचित कहानी, उपन्यास, नाटक एवं अन्य विधाओं की सूची प्रस्तुत कर रहा हूं। आपको जब भी अवकाश का मिले तब इसे अवश्य पढ़ें। यह आपको निश्चित तौर पर नए संसार से परिचित कराती है।

विभिन्न विषयों पर उपन्यास, कहानी, नाटक एवं अन्य विद्या—
1. मनोविज्ञान- परख, सुनीता, त्यागपत्र, विवर्त, शेखर एक जीवनी, नदी के द्वीप, अपने-अपने अजनबी, प्रेत और छाया, अजय की डायरी, गुनाहों का देवता, पथ की खोज,
2. मुंबई फिल्मी दुनिया पर’ कुरु कुरू स्वाहा,लेखक श्याम मनोहर जोशी,
3. पुलिस तंत्र के क्रूर मानवीय पक्ष का चित्रण- वीरेंद्र जैन की उपन्यास सबसे बड़ा सिपहिया,
4. डॉक्टरी पेशा – नरक यात्रा, ज्ञान चतुर्वेदी,
5. पूंजीवाद – फाॅस
6. साम्यवाद – एनिमल फार्म- जॉर्ज ऑरवेल,
8. बाजारवाद- काशी का अस्सी,अखिलेश कृत निर्वाचन,
9. आदिवासी समस्या- जहां बांस फूलते हैं, रामेंद्र कृत ग्लोबल ग्राम का देवता,
10. वैश्वीकरण- समय सरगम, रेहन पर रघु,
11. भारत की सभ्यता एवं संस्कृति पर- संस्कृत के चार अध्याय,
12. पितृसत्ता- मुझे चांद चाहिए, चाॅक, कठ गुलाब,
13. सम्प्रदायवाद- तमस, झूठा सच, सेज पर संस्कृत, आखिरी कलाम, कितने पाकिस्तान, उन्माद, हमारा शहर उस बरस,
14. राजनीतिक भ्रष्टाचार- राग दरबारी, जहाज का पंछी, एक चूहे की मौत, विश्रामपुर का संत, महाभोज,
15. जेल की जिंदगी का चित्रण- कामतानाथ का उपन्यास एक और हिंदुस्तान,
16. प्रवासी जीवन की विडंबना और संत्रास- अंतर्वसी, दूसरी तरफ, वेयर डू यू आई बिलॉन्ग,
17. देश के बंटवारा पर- आधा गांव, झूठा सच,मलवे का मालिक, सिक्का बदल गया, सूखा बरगद, लाहौर ना देखया, शरणदाता,
18. नौकरशाही-जामुन का पेड़,19. मुस्लिम विमर्श- सहमे हुए, अतिथि देवो भव, परदा, तमस,
20. प्रवासी साहित्य- लाल पसीना प्रवासी मन का अंतर्द्वंद,
21. सरकारी कार्यालय में बाबुओं की कार्यशैली- भोलाराम का जीव, विकलांग श्रद्धा का दौर, इंस्पेक्टर मातादीन चांद पर, सदाचार का ताबीज, ठिठुरा हुआ गणतंत्र,
22. बुजुर्गों की प्रासंगिकता- चीफ की दावत,
23. दलित पर अत्याचार- धरती धन न अपना,
24. विश्व में हथियारों की होड़- नाखून क्यों बढ़ते हैं,
25. आत्मपीड़ा-सरोज स्मृति,26. द्वंद- राम की शक्ति पूजा,
27. सूचना क्रांति- रात का रिपोर्टर, लेकिन दरवाजा, एक जमीन अपनी, 28. उत्तर आधुनिकतावाद- हमजाद, क्याप, विमल उर्फ जाएं तो कहां जाएं, दीवार में खिड़की रहती थी, खिलेगा तो देखेंगे, हरिया हरकयूलीज की हैरानी,
30. भूमंडलीकरण- ईंधन, एक ब्रेक के बाद, विसर्जन, रह गई दिशाएं इस पार,
31. तृतीय लिंगी या थर्ड जेंडर’- जिंदगी 50-50, पोस्ट बॉक्स नंबर 203 नाला सोपारा, यमदीप, मुन्नी मोबाइल, तीसरी ताली, किन्नर कथा, गुलाम मंडी,
32. वृद्धा अवस्था- अंतिम अरण्य, गिलीगडु, दौड़, उस चिड़िया के नाम, चार दरवेश, पत्थर ऊपर पानी,
33. यौन चेतना- चंद हसीनों के खतूत, मछली मरी हुई, एक पति के नोटस, सफेद मेमने, सूरजमुखी अंधेरे में ,चितकोबरा,
महापुरुषों पर उपन्यास-
34. विवेकानंद-तोड़ो कारा तोड़ो- नरेंद्र कोहली,35. भिखारी ठाकुर- सूत्रधार, संजीव,
36. महात्मा गांधी- पहला गिरमिटिया, गिरिराज किशोर,
37. जयप्रकाश नारायण- रामवृक्ष बेनीपुरी,
38. शरत चंद चट्टोपाध्याय- आवारा मसीहा, विष्णु प्रभाकर,
39. बाबूजी- नागार्जुन, शोभाकांत,
40. उत्तर योगी- श्री अरविंद, शिवप्रसाद सिंह, 41. बापू- महात्मा गांधी, घनश्याम दास बिरला,
42. भारती के सपूत- भारतेंदु हरिश्चंद्र, रांगेय राघव,
43. मानस का हंस- तुलसीदास, अमृतलाल नागर,
44. खंजन नयन- सूरदास, अमृतलाल नागर,
45. कारावास की कहानी, जयप्रकाश नारायण,
46. सत्यमेव जयते- आपातकाल पर, गोपाल व्यास,
47. इमर्जेंसी में गुप्त क्रान्ति- पत्रकारों पर, दीनानाथ मिश्र,
48. भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम-1857, वीर सावरकर,
49. गदर के फूल- अमृत लाल नागर,
50. इन्हीं हथियारों से- अमरकांत,
51. वोल्गा से गंगा- (अन्तर सांस्कृतिक अध्ययन) राहुल सांकृत्यायन,
महाभारत पर पुस्तक
52. भारत सावित्री- वासुदेव शरण अग्रवाल,
53. मृत्युंजय- शिवाजी सावंत,
राम कथा पर पुस्तक
54. राम कथा- फादर कामिल बुल्के,
55. राम कथा- नरेंद्र कोहली,
अपराध पर पुस्तक
56. वर्चस्व- डॉ. राजेश पाण्डेय,
57. इटावा फाइल्स- बृजलाल,
58. डेढ बिस्वा जमीन- बृजलाल,
बौद्ध कालीन समाज
59. वैशाली की नगरवधू- आचार्य चतुरसेन शास्त्री,
60.वयंम रक्षाम- आचार्य चतुरसेन।
धन्यवाद, शेष अगले अंक में।

 

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