*हॉकी प्लेयर ललित उपाध्याय ने ओलम्पिक पदक किया बाबा विश्वनाथ को अर्पित, लिया आशीर्वाद*
*श्रीनारद मीडिया / सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी*
*वाराणसी* / ओलम्पिक जाने से पहले ही यह मन बना लिया था कि वहां से लौटूंगा तो घर से पहले बाबा विश्वनाथ की चौखट पर शीश नवाने जाऊंगा। बाबा का आशीर्वाद लेकर गया था और उनकी कृपा से हमने 41 साल बाद पदक जीता है। इसलिए आज घर वापसी पर सबसे पहले बाबा के दर्शन करने आया हूं। उक्त बातें बाबा विश्वनाथ के दरबार में शीश नवाने के बाद ओलम्पिक गयी इंडियन हॉकी टीम के सदस्य और काशी के लाल ललित उपाध्याय ने कही। ललित भारतीय टीम का हिस्सा हैं जिसने ओलम्पिक में 41 साल बाद कांस्य पदक जीता है और देश में अपना अस्तित्व खो रहे हॉकी को संजीवनी दी है। बाबा विश्वनाथ का विधिवत दर्शन पूजन करने के बाद ललित उपाध्याय ने बताया कि पूरे बनारस पर किसी की कृपा है तो वो हैं बाबा विश्वनाथ। उन्ही की कृपा से मै टीम इंडिया का हिस्सा बना और उस टीम ने बाबा की कृपा से कांस्य पदक हासिल किया। बाबा का आशीर्वाद लेने इसीलिए सबसे पहले काशी में इनके ही दर पर आया हूं। ललित ने कहा कि हॉकी इंडिया ने ओलम्पिक में यह साबित कर दिया है कि सिर्फ क्रिकेट ही खेल नहीं है, और आज जिस तरह से उत्साही बनारसियों ने मेरा स्वागत किया है उससे लगता है कि हॉकी एक बार फिर अर्श पर जायेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री का धन्यवाद देते हुए कहा कि काशी के विकास के साथ ही साथ उन्होंने हॉकी के सम्मान देश के सबसे बड़े खेल पुरस्कार राजिव गांधी खेल रत्न का नाम मेजर ध्यानचंद खेल रत्न रख के हॉकी खिलाड़ियों को सम्मानित किया है।