कुमार बिहार पांडेय द्वारा बघाैत ब्रह्म मंदिर के निर्माण कराने पर मुम्बई के कानूनविद ने सम्मान में लिखा मान पत्र
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क:
कोविड-19 के प्रथम लहर से देश में तबाही होने से बचाने के लिए सरकार द्वारा लॉक डाउन लगा दिया गया। जिससे दैनिक मजदूरों को दो जुन की रोटी नसीब नहीं हो रही थी। इस दौरान सीवान के लाल दोन निवासी समाजसेवी उद्योगपति कुमार मुम्बई प्रवास पर थे। मां नारायणी ने उनको अपने पूर्वज बघौत ब्रह्म जो हजारों वर्ष से खुले
में कर्णपुरा के चंवर में हजारों वर्ष से बांध पर उनका पिंड था उसे बनवाने की प्रेरणा दी। फिर क्या श्री पांडेय ने मुम्बई में रहकर मंदिर का नक्शा बनाकर गांव भेजा और
लॉक डाउन में मंदिर निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया। पूरे लॉक डाउन में मंदिर निर्माण करवा दर्जनों मजदूरों व निर्माण कार्य से जुडे व्यवसायियों को रोजगार दिया। इसी दौरान निर्माण कार्य के फोटो उन्होंने शेयर किया था। जिसे सभी ने सराहा। इसी नव निर्मित मंदिर में गत 13 अप्रैल से श्रीशतचंडी महायज्ञ का आयोजन किया गया।
इस मंदिर के चारों तरफ वर्ष के आठ माह पानी लगे रहने से इसका नाम जल महल दिया गया। इस दौरान महायज्ञ के समापन पर जिला जल मनोज शंकर ने मंदिर
परिसर में पांच आम के पौधे लगाकर लोगों को पौधा रोपण कर ऑक्सीजन के किल्लत खत्म करने का अपील किया था।
इस कार्य को लेकर मुम्बई के एक कानूनविद ने उनके सम्मान में मान पत्र लिखकर भेजा है तथा उनके कार्यों की भूरी भूरी प्रशंसा किया है।
इस मान पत्र पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कुमार बिहारी ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है:-
आदमी की कभी पूजा नही होती है साहेब! पूजा उसके कर्मों की होती है। कुछ ही दिन पूर्व की बात है जब मां नारायणी के हाथों मेरे पूर्वज बघौत ब्रह्म महाराज जी का मंदिर निर्माणाधीन था उस समय की कुछ रमणीक ,मनमोहक मंदिर की तस्वीरें मैने आप सब से साझा किया था। जिसकी कई लोगों ने भूरि भूरि प्रसंशा की थी।
एक मित्र ने तो दो कदम आगे बढ़कर मान पत्र लिख दिया था। मैं सदा उनका ऋणी रहूंगा। आज वही मानपत्र मैं आप लोगों से साझा कर रहा हूं।
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हमसब के आदर्श व गौरव के प्रतीक कुमार बिहारी पांडेय जी…
आप का सहृदय अभिनन्दन..??
आप सदा ही सामाजिक समन्वय व सामाजिक कार्यो के सुखद परिणाम के परिपेक्ष्य में प्रमाणिकता के साथ अपनी मंजिल को प्राप्त करने हेतु सतत प्रयास करते हुए सफलता का एक उत्कृष्ट आयाम हाशिल करते हैं ,
जो आपके असीम पुरुषार्थ एवं एक महान व्यक्तित्व की महिमा को रेखांकित करता है ।
पूजनीय पूर्वज की स्मृति व सम्मान में इस मंदिर का निर्माण आपकी प्रगति पथ का सबसे भव्य व प्रशंसनीय प्रयास है , जो अतीत, वर्तमान व भविष्य की एक धरोहर के रूप में सदैव आपके सुंदर व्यक्तित्व को प्रतिस्थापित करता रहेगा ।
ज्ञातव्य है कि जीवन यात्रा में जो पथिक ,पथ के उबड़ -खाबड़ ,ऊंचा- नीचा या समतल की परवाह किये बिना मात्र अपनी मंजिल को देखता है , वही एक दिन
सफलता के उच्चतम शिखर पर अपने को स्थापित कर पाता है।
विकास की लहर अनवरत बहाते रहने का जो भगीरथ प्रयास आप करते रहते हैं , यह हम सब के लिए एक आदर्शपुरुष , एक कर्मयोगी के रूप में प्रेरणा स्वरूप हैं आप तथा आपका अनुगमन अत्यंत ही हर्ष व प्रसन्नता प्रदान करता है हम सब के लिए ..
आपके शुभ,सुखद एवं मंगलमय भविष्य की ढेर सारी शुभ कामनाएं…??
सादर,
उमा शंकर पाण्डेय
(एम ए, एल एल बी)
लीगल कन्सलटेंट ,
आवास- हीरानंदानी इस्टेट ,थाना-महाराष्ट्र ।
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