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कन्हैया के हत्यारे कैसे छटपटाए जब अपनी जान पर बन आई? - श्रीनारद मीडिया

कन्हैया के हत्यारे कैसे छटपटाए जब अपनी जान पर बन आई?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

कन्हैयालाल चीखता रहा, रहम की भीख मांगता रहा, जान बचाने को वह धरती का सीना फाड़ देना चाहता होगा, खंजर से वार कर रहे कसाइयों के चंगुल बचने के लिए उसने कितनी कोशिशें की होंगी, कितना छटपटाया होगा… लेकिन सब बेकार गया। उन धोखे से हमला करने वाले क्रूर हत्यारों ने उस निहत्थे शख्स को खौफनाक मौत देते समय जरा भी दया नहीं की। कन्हैया की गर्दन पर दर्जनभर से अधिक वार करके उसके जिस्म का सारा खून सड़क पर निकाल दिया। अब कानून का फंदा गले में फंसने के बाद यही दरिंदे चलने के लिए चार पुलिसवालों के कंधों का सहारा खोजते हैं और अपनी जान बचाने को बेचैन भी दिखते हैं।

जयपुर में शनिवार को जब इन्हें एनआईए कोर्ट में पेश किया गया तो भीड़ ने घेर लिया। कन्हैया की मौत से आक्रोशित भीड़ कानून को हाथ में लेने को आतुर दिखी। सुरक्षाबलों ने बड़ी मुश्किल से इन्हें बचाकर गाड़ी में डाला। भीड़ के गुस्से को देखकर कन्हैया के कसाई बेहद डरे हुए दिखे और अपनी जान बचाने की छटपटाहट भी साफ दिख रही थी। भीड़ की हर हाथ से खुद को बचाते हुए वह जल्दी से जल्दी गाड़ी में चढ़ जाना चाहते थे। जान की फिक्र ऐसी थी कि शायद पैर में लगी चोट का दर्द भी भूल बैठे। इससे पहले कोर्ट के बाहर वकीलों ने ‘देश के गद्दारों को, गोली मारों ….. को’ का नारा लगाया।

10 दिन की रिमांड
जयपुर की एनआईए अदालत ने रियाज अत्तारी, गौस मोहम्मद समेत सभी चार आरोपियों को 10 दिन के लिए नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) रिमांड पर भेज दिया है। इससे पहले जब उदयपुर कोर्ट में भी जब इन आरोपियों को पेश किया गया था तो वहां बड़ी संख्या में उमड़ी भीड़ ने आरोपियों को खुद ही सजा देने की कोशिश। ‘सर तन से जुदा’ का नारा लगाकर कन्हैया को मौत के घाट उतारने वाले आरोपियों के लिए भी कोर्ट परिसर में यही नारा लगाया गया। तब भी सुरक्षाबलों को भीड़ से बचाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी।

उदयपुर में हुए जघन्य हत्याकांड के बाद से इलाके में तनाव है। इस हत्याकांड में मारे गए कन्हैया लाल के कारीगर ईश्वर के भी शरीर पर घाव लगे हैं। उन्हें 20 से अधिक टांके लगे हैं। ईश्वर अभी राजकीय एमबी अस्पताल उदयपुर के सुपर स्पेशिएिलटी विंग में न्यूरो सर्जरी आईसीयू में भर्ती हैं। ईश्वर ने इस पूरी घटना को अपनी आंखों से देखा है। उनका इलाज जारी है और वो खतरे से बाहर हैं।

ईश्वर ने इस पूरी वारदात की कहानी सुनाई है। उनके मुताबिक, मंगलवार को दो युवक (मोहम्मद रियाज अत्तारी व गौस मोहम्मद) झब्बा पायजामा सिलवाने के लिए कन्हैयालाल के पास आए थे।  कपड़े काउंटर पर रखकर उनमें से एक ने कहा कि झब्बा पायजामा सिल दोगे। इसपर कन्हैयालाल ने कहा कि क्यों नहीं…जरूर सिएंगे। इसके बाद कन्हैयालाल एक युवक अत्तारी का नाप लेने लगे।

ईश्वर और राजकुमार दोनों दुकान में ही कपड़े सिल रहे थे। अचानक चिल्लाने की आवाज आई तो ईश्वर और राजकुमार भागे। इस दौरान हमलावर युवक ने ईश्वर पर भी वार किए। ईश्वर को मालूम नहीं चला। वो जब जान बचाने के लिए दूसरी दुकान में गये तो उनके हाथ से खून बह रहा था। कन्हैयालाल दुकान के बाहर लहूलुहान हालात में पड़े थे।

ईश्वर ने बताया कि वो दस साल से कन्हैया की दुकान पर काम कर रहा है। उनके मुताबिक, कन्हैया का सभी से अच्छा व्यवहार है। वो हमेशा कहते थे कि कपड़े ऐसे सिलो कि आदमी सज जाए। हमे नहीं मालूम था कि वो बदमाश कपड़े सिलवाने नहीं आए कफन पहनाने के लिए आए थे। ईश्वर ने बताया कि सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर पिछले कुछ दिनों से विवाद चल रहा था। धमकियां भी मिल रही थीं। बहरहाल ईश्वर अस्पताल में अपना इलाज करवा रहे हैं, लेकिन अब भी वो दहशत में है।

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