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कैसे हुआ लुधियाना गैस कांड? - श्रीनारद मीडिया

कैसे हुआ लुधियाना गैस कांड?

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श्रीनारद  मीडिया सेंट्रल डेस्क

रविवार का दिन पंजाब के लिए दर्दनाक बन गया। सुबह-सुबह पंजाब के लुधियाना के ग्यासपुरा में गैस लीक होने की वजह से तीन बच्चों समेत 11 लोग मौत की नींद सो गए। सूरज निकलने के साथ सभी को जागना था, लेकिन जहरीली गैस ने 11 लोगों को हमेशा के लिए सुला दिया। गैस लीक होने से पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। कई लोग बेहोश हो गए, तो कईयों को सांस लेने में दिक्कत आने लगी।

लुधियाना में हुए गैस रिसाव के कारण का पता लगाने के लिए लगातार जांच की जा रही है। लुधियाना के पुलिस कमिश्नर मनदीप सिंह सिद्धू ने बताया कि एनडीआरएफ द्वारा गैस की सैंपलिंग की जाएगी, वे पुष्टि करेंगे कि यह किस तरह की गैस थी। उन्होंने बताया कि गैस की सैंपलिंग से ये पता चलेगा की ये जहरीली गैस किस तरह की थी।

इसके साथ ही साथ लुधियाना के पुलिस कमिश्नर ने बताया कि इस गैस लीक से जान गंवाने वाले लोगों के ब्लड की सैंपलिंग की जा रही है। इससे गैस रिसाव की गुत्थी को सुलझाने में मदद मिलेगी। ब्लड सैंपलिंग कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि गैस से उनके फेफड़ों पर कम बल्कि दिमाग पर ज्यादा असर हुआ है। इससे यह पता चलता है कि लीक हुई गैस काफी जहरीली थी। इस गैस ने तुरंत ही अपना प्रकोप दिखाया और 11 लोग काल के गाल में समा गए।

दिमाग पर हुआ ज्यादा असर

लुधियाना के पुलिस कमिश्नर मनदीप सिद्धू ने कहा कि डॉक्टरों ने इस पूरे मामले को लेकर खुलासा किया है। डॉक्टरों ने बताया कि मरने वालों के फेफड़े ठीक हैं। इस गैस से उनके ब्रेन पर ज्यादा इफेक्ट हुआ है। ब्रेन पर सीधे असर पड़ने की वजह से लोगों की मौत हुई। पुलिस कमिश्नर ने बताया कि मेडिकल बोर्ड बनाकर मरने वालों का पोस्टमार्टम करवा रहे हैं। उनके ब्लड सैंपल भी लिए जा रहे हैं।

घुटने लगा लोगों का दम

लुधियाना में गैस रिसाव के चलते पूरे इलाके में इसका प्रभाव देखने को मिला। गैस रिसाव के 300 मीटर के एरिया में जो भी व्यक्ति जा रहा था, उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। पुलिस अधिकारी और फॉरेंसिक टीम भी मुंह पर मास्क लगा कर जांच में जुटे हैं। गैस की जहरीली गंध से लोगों का दम घुटने लगा था।

मैनहोल से नमूने होंगे एकत्र

डीसी ने कहा कि क्षेत्र को खाली कर दिया गया है और कहा कि रिसाव के स्थान पर घेरा गैस फैलते ही बढ़ाया जाएगा। फिलहाल के लिए इलाके को खाली कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि हम मैनहोल से नमूने एकत्र करने जा रहे हैं। यह काफी संभावना है कि कुछ रसायन मैनहोल में मीथेन के साथ प्रतिक्रिया करते हैं,ऐसे में ये जहरीली गैस यहां से भी निकल सकती है।

उन्होंने आगे कहा कि गैस लीक से मरने वालों में सांस की समस्या के कोई लक्षण नहीं दिखे। लोगों के दम घुटने की समस्या काफी कम थी। ऐसा लगता है कि मौतें न्यूरोटॉक्सिन के कारण हुई हैं।

एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत

गैस रिसाव के चलते 11 लोगों की मौत हो गई है। इन 11 लोगों में से पांच एक ही परिवार के हैं। एक ही परिवार के पांच लोग इस जहरीली गैस से हमेशा के लिए सो गए। हादसे में आरती क्लीनिक चलाने वाले अभिलाष कुमार, उनकी पत्नी वर्मा देवी, बेटी कल्पना, बेटे अभय और 9 वर्षीय बेटे नारायण की मौत हुई है। अभिलाष के भाई ने बताया कि रविवार होने के कारण परिवार के सभी लोग लेट तक सोए हुए थे और वह सोते हुए ही बेहोश हो गए।

पांच सदस्यों का परिवार एक रात में काल के गाल में समा गया। रात में सोने गया परिवार जहरीली गैस की वजह से हमेशा के लिए सो गया। किसी को उम्मीद नहीं थी कि रात में सोए हुए लोगों की सुबह कभी नहीं होगी।

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