कैसे चीटियां की गतिविधि बता देती है मानसून कब आने वाला है?

कैसे चीटियां की गतिविधि बता देती है मानसून कब आने वाला है?

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

मानसून की सटीक भविष्यवाणी अब वैज्ञानिक तरीके से संभव हो पाई है। किन्तु प्राचीन काल से लोग पशु-पक्षी, कीट-पतंगे और खास प्रकार के पेड़ पौधों के व्यवहार से भी मानसून के बारे में सटीक जानकारी हांसिल कर पाते थे। यहां तक पर्यावरणविद् और जीव विज्ञानी भी मानते हैं कि पशु-पक्षियों, कीट-पतंगों और पेड़-पौधों के व्यवहार को देखकर बारिश का अनुमान किस तरह सटीक लगाया जा सकता

पर्यावरण वैज्ञानिक बताते हैं कि बारिश के बारे में चींटी की गतिविधियों को देखकर सबसे पहले अंदाजा लगाया जा सकता है। चीटियां विभिन्न कारणों से भारी मात्रा में अपने समूह के साथ अंडे या लार्वा लेकर इधर-उधर जाती दिखाई देती हैं तो इसमें एक कारण यह भी माना जाता है कि वे अपने अंडों या लार्वा को गीली जगह से बचाने के लिए ऐसा करती हैं।

इससे यह संभावना दिखाई देती है कि मानसून जल्द आने वाला है। इन दिनों विशेषकर देखा जा रहा है कि चीटियां अपने प्यूपा बनने की कगार पर आ रहे लार्वा को लेकर ऊपरी स्थानों पर जाती दिखाई दे रही हैं जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि बारिश जल्द ही आएगी और सामान्य से ज्यादा आएगी। प्यूपा बन रहे लार्वा को मादा चीटिंयां ले जाती हैं। यहां तक पर्यावरणविद् और जीव विज्ञानी भी मानते हैं कि पशु-पक्षियों, कीट-पतंगों और पेड़-पौधों के व्यवहार को देखकर बारिश का अनुमान किस तरह सटीक लगाया जा सकता है।

आटा नहीं खाती चींटियां :

चींटियां कभी भी आटा नहीं खाती। लोग यदि किसी स्थान पर आटा डालते भी हैं तो वे उस स्थान को छोड़कर चली जाती है। ‘क्रेजी आंट’ प्रजाति की चींटियां घास के बीज, फल और कार्निवर्स ही खाती हैं। चूंकि फलों में मीठापन पाया जाता है इसलिए चीटियां चीनी को पसंद करती है जिसकी वजह से वे हमारे घरों में मीठे खाद्य पदार्थों पर देखी जाती है।

 

Leave a Reply

error: Content is protected !!