Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
कैसे हर कोई कर रहा डिजिटल पेमेंट? - श्रीनारद मीडिया

कैसे हर कोई कर रहा डिजिटल पेमेंट?

कैसे हर कोई कर रहा डिजिटल पेमेंट?

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद  मीडिया सेंट्रल डेस्क

भारत के डिजिटल पेमेंट के देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में डंका बज रहा है। डिजिटल पेमेंट के मामले में भारत दुनिया में सबसे बेहतर और सबसे आगे है। साल 2022 में कुल 782 करोड़ ट्रांजैक्शन किए गए थे। इस दौरान भारत ने दुनिया के कई बड़े देशों को पछाड़ दिया है, जिसमें अमेरिका, यूके और जर्मनी जैसे देश भी शामिल हैं।

आपने देखा होगा कि इन दिनों ऑटोरिक्शा चालक, सब्जी बेचने वाले और यहाँ तक कि कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने वाले मजदूर, किराना स्टोर, रेहडी़ वाले भी डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल कर रहे हैं।बता दें कि इसकी शुरुआत 2016 में हुई थी, लेकिन कुछ ही सालों में अब ये उसी तरह से व्यापक हो गया है जैसे आज मोबाइल फोन है। डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में भारत ने एक लंबी छलांग मारी है।

क्या होता है डिजिटल वॉलेट? (what is digital wallet)

डिजिटल वॉलेट को ई-वॉलेट या मोबाइल वॉलेट के रूप में भी जाना जाता है। ये एक बैंकिंग सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन  है, जो उपयोगकर्ताओं की भुगतान जानकारियों का प्रबंधन करता है।डिजिटल वॉलेट से लोग नकद पैसे या क्रेडिट कार्ड की आवश्यकता के बिना ऑनलाइन खरीदारी कर सकते हैं। इसके साथ ही डिजिटल वॉलेट से किसी दूर बैठे व्यक्ति को आसानी से और कुछ ही सेकेंड़ में पैसे ट्रांसफर किए जा सकते हैं। लोग आसानी से इस वॉलेट के जरिए अपना बिल भुगतान जैसे इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन कर सकते हैं।

किसी भी व्यक्तिगत जानकारी को आमतौर पर एक पासवर्ड या बायोमेट्रिक सर्टिफिकेशन से एन्क्रिप्टेड और सुरक्षित किया जाता है। कुछ डिजिटल वॉलेट अतिरिक्त सुविधाएँ भी प्रदान करते हैं, जैसे लॉयल्टी प्रोग्राम, डिस्काउंट और कूपन आदि।

भारत में इस समय कई डिजिटल वॉलेट उपलब्ध हैं, जिनमें पेटीएम, फ़ोनपे, गूगलपे, अमेजनपे और फ्रीचार्ज का काफी इस्तेमाल होने लगा है। चीन में अलीपे और वीचैटपे सबसे बड़े हैं, जबकि अमेरिका और यूरोप में ऐपलपे सबसे प्रचलित डिजिटल वॉलेट है।

UPI ने किया लेन-देन को आसान

वहीं, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (Unified Payments Interface, UPI) ने भारतीयों के लेन-देन के तरीके में एक बहुत बड़ी क्रांति ला दी है और लोगों के लिए तुरंत पैसा भेजना और तुरंत पैसा प्राप्त करना काफी आसान कर दिया है।

UPI को भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और भारतीय बैंकों के सहयोग से विकसित किया गया है। इसे 2016 में लॉन्च किया गया था। इसने बिल भुगतान समेत विभिन्न वित्तीय सेवाओं के एकीकरण की भी सुविधा प्रदान की है।2016 में 21 बैंकों से शुरू होकर UPI सिस्टम में आज 381 बैंक शामिल हो चुके हैं, जिससे हर महीने अरबों का डिजिटली लेन-देन किया जा रहा है।

वहीं, भारत सरकार का कहना है कि 2022 के अंत में, डिजिटल वॉलेट का कुल लेन-देन करीब 126 लाख करोड़ रुपए हुआ था। पिछले साल हर सेकेंड 2,348 लोगों ने डिजिटल वॉलेट के जरिए लेन-देन किया था।

मोदी सरकार के Digital India का है हिस्सा

डिजिटल वॉलेट और कैशलेस व्यवस्था असल में मोदी सरकार के डिजिटल इंडिया के विजन का एक हिस्सा है। वैसे तो डिजिटलीकरण का सफर 2006 में शुरू हो चुका था, लेकिन इसमें तेजी 2015 से आई, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने औपचारिक रूप से 1 जुलाई 2015 को डिजिटल इंडिया का अभियान शुरू किया था।

उस समय केवल 19% आबादी इंटरनेट से जुड़ी हुई थी और केवल 15% लोगों की पहुँच मोबाइल तक थी।उस वक्त गरीब और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के पास बैंक खाते भी नहीं थे। लेकिन आज तस्वीर बिल्कुल बदल चुकी है। भारत में लगभग आधी आबादी स्मार्टफोन का इस्तेमाल करती है।केंद्र सरकार ने पिछले साल नवंबर में बताया कि फीचर फोन इस्तेमाल करने वालों की संख्या 1.2 अरब है और 85 करोड़ लोगों के पास इंटरनेट कनेक्शन है।

वहीं, ताजा आँकड़ों के अनुसार 16 मार्च, 2022 तक प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत कुल 43.76 करोड़ खाते खोले गए थे और इसमें प्रतिदन बढ़ोतरी हो रही है।

डिजिटलीकरण के हैं कितने फायदे? (benefits of digitization)

अगर बात करें डिजिटलीकरण की तो भारत की अर्थव्यवस्था और देश के समाज को बदलने, उन्हें अधिक दक्ष बनाने, पारदर्शिता लाने और समावेशी बनाने की कई गुना क्षमता है।

डिजिटली भुगतान करने में भारत सबसे आगे

डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटर्नल ट्रेड (DPIIT) के सचिव अनुराग जैन ने ये दावा किया था कि अमेरिका, चीन और यूरोप मिलकर रियल टाइम में जितना ऑनलाइन डिजिटल का लेन-देन करते हैं, भारत उससे अधिक करता है। लेकिन अगर सिर्फ डिजिटल वॉलेट के हर रोज के उपयोग की बात करें, तो चीन फिलहाल भारत से आगे है।

इनसाइडर इंटेलिजेंस’ पत्रिका ने 26 सितंबर 2022 की अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि डिजिटल वॉलेट का उपयोग चीन में अब तक सबसे अधिक है, जहाँ 45% लोग हर दिन इसका उपयोग कर रहे हैं। यहीं नहीं, चीन में इसके अलावा 41% लोग सप्ताह में कम से कम एक बार इस पेमेंट का इस्तेमाल करते ही हैं।तुलनात्मक रूप से, भारत में 35 प्रतिशत लोग हर दिन डिजिटल वॉलेट का उपयोग करते हैं, जबकि एक सप्ताह में एक बार इसका इस्तेमाल करने वालों की संख्या 32 प्रतिशत है।

दूसरी ओर अमेरिका में केवल 6% लोग हर दिन डिजिटल वॉलेट का उपयोग करते हैं। भारत और चीन दोनों ने ही हाल के सालों में डिजिटल वॉलेट के उपयोग में बढ़ोतरी देखी है।

आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ से जानिए अहम फायदे-

प्रभावी तरीके से होता है काम

डिजिटलीकरण कागजी काम को कम करता है। इस कारण काम प्रभावी तरीके से हो पाता है।

बेहतर होती है पारदर्शिता

डिजिटलीकरण से लेन-देन को ट्रैक करना आज के समय में बहुत ही आसान हो चुका है। इससे धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार की संभावना भी कम होती है। यह सरकारी प्रक्रियाओं और निर्णय लेने में अधिक पारदर्शिता भी देता है।

वित्तीय सेवा तक पहुँच आसान

डिजिटलीकरण अधिक लोगों को बैंकिंग प्रणाली में शामिल होने में मदद करता है। इसके साथ ही लोगों को वित्तीय सेवाओं तक आसानी से और अधिक पहुँच भी मिलती है।

नौकरी के अवसर भी ज्यादा

डिजिटलीकरण में आईटी, ई-कॉमर्स और डिजिटल मार्केटिंग जैसे क्षेत्रों में नौकरी के नए अवसर पैदा हो सकते हैं।

पर्यावरण को फायदा

डिजिटलीकरण कागज के इस्तेमाल को कम कर सकता है। इससे कागज की खपत में कमी, वनों की कटाई में कमी और कार्बन उत्सर्जन में कमी आ सकती है।

क्या होती है UPI ID? (What is UPI ID?)

jagran

चाहे आप किसी भी UPI भुगतान करने वाले एप्लिकेशन का उपयोग करें, आपके पास एक UPI आईडी होनी ही चाहिए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि UPI ID क्या होती है? एक UPI आईडी ऑनलाइन लेनदेन के लिए काफी जरूरी है। यूजर्स की पहचान के लिए एक विशिष्ट पहचानकर्ता के रूप में UPI सर्विसेज की जरूरत होती है। UPI आईडी बैंकों के लिए यूजर के अकाउंट को ट्रैक करने का यह एक आसान तरीका है।

Google Pay पर ऐसे बनाएं UPI ID (How to make google pay UPI ID)

Leave a Reply

error: Content is protected !!