कैसा होता है तुर्किये मेड जिगाना पिस्टल?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
शनिवार, रात के 10:35 बज रहे थे। जगह थी प्रयागराज का कॉल्विन हॉस्पिटल। 18 सेकेंड में 20 राउंड गोलियां चलती हैं। माफिया अतीक और उसका भाई अशरफ मारा जाता है। एक भी सेकेंड रुके बिना ये फायरिंग एके-47 से नहीं बल्कि एक ऑटोमैटिक पिस्टल से की गई थी। दरअसल, ये विदेशी पिस्टल थी, जिसे जिगाना कहते हैं। करीब 10 महीने पहले इसी पिस्टल से पंजाब में सिद्धू मूसेवाला की हत्या हुई थी।
क्या है वो जिगाना पिस्टल, जिससे हुई अतीक और उसके भाई की हत्या
तुर्किये में बनी जिगाना एक ऑटोमैटिक पिस्टल है। इस पिस्टल के कई मॉडल हैं। भारत में ज्यादातर 9mm की जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल होता है। 2001 में पहली बार इस पिस्टल को तुर्किये की TISAS कंपनी ने बनाया था।
अब इस पिस्टल के कुल 16 मॉडल बाजार में मौजूद हैं। इस पिस्टल में सेफ्टी के लिए ऑटोमैटिक फायरिंग पिन ब्लॉक भी होता है। इस समय 4 देशों की पुलिस और सेना भी इस पिस्टल का इस्तेमाल करती हैं। जिगाना स्पोर्ट इस पिस्टल का अपडेटेड मॉडल है, जिसका अभी सबसे ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है।
पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए भारत आती है जिगाना पिस्टल
जिगाना पिस्टल भारत में बैन है। इस पिस्टल को बॉर्डर क्रॉस करके भारत लाया जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में भी इसी जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल किया गया था। दरअसल, पंजाब में पिछले कई सालों से कई गैंग एक्टिव हैं, जो सीमा पार से ड्रग्स और अवैध हथियारों की सप्लाई के काम को अंजाम देने में लगे हैं।
इनमें से अधिकतर गैंग्स को पाकिस्तान पैसों के अलावा हथियार और गोला-बारूद देकर भी मदद करता है। खुफिया एजेंसियों के अनुसार, भारत में जिगाना पिस्टल पाकिस्तान से ही आती है। 11 अगस्त 2022 को अमृतसर में 4 जिगाना पिस्टल और 8 मैगजीन जब्त की गई थीं। ऐसा सिर्फ एक मामला नहीं है, आए दिन जिगाना पिस्टल को पुलिस जब्त करती है। पाकिस्तान में अवैध रूप से भी जिगाना पिस्टल बनाई जाती है।
ये हथियार पंजाब से देश भर में भेजे जाते हैं। पाकिस्तान भारत में हथियार पहुंचाने के लिए ड्रोन की मदद ले रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक ड्रोन एक बार में 10 किलो हथियार व विस्फोटक पाकिस्तान से पंजाब के खेतों में गिरा देता है, जिसे बाद में स्थानीय एजेंट उठाते हैं और आगे के ठिकानों तक पहुंचाते हैं।
अतीक और उसके भाई पर 16 सेकेंड में 10 राउंड गोलियां चलीं
रिपोर्ट्स के मुताबिक अतीक और उसके भाई को मारने के लिए 16 सेकेंड में 10 राउंड गोलियां चलाई गईं। मौके पर ही दोनों की मौत हो गई। घटनास्थल से पुलिस ने 9mm की जिगाना पिस्टल बरामद की। इस पिस्टल से अतीक को बेहद करीब से सिर में गोली मारी जाती है, जिसकी वजह से वह गिर जाता है।
इसके बाद दूसरी गोली पीछे से अशरफ को लगती है। फिर अगले 16 सेकेंड तक एक के बाद एक 10 राउंड गोलियां चलती हैं। 9mm की इस पिस्टल से करीब 340 मीटर/सेकेंड की रफ्तार से गोली चलती है। ऐसे में करीब से मारे जाने पर इस बात की संभावना होती है कि बुलेट आसानी से शरीर को छलनी कर एक तरफ से दूसरी तरफ निकल जाए।
भारत में 5 से 7 लाख रुपए में मिलती है जिगाना पिस्टल
भारत में चोरी-छिपे अवैध रूप से जिगाना पिस्टल की खरीद-बिक्री होती है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि इस पिस्टल की कीमत करीब 4 लाख रुपए है। हालांकि भारतीय बाजार में अवैध रूप से पाकिस्तान और दूसरे देशों से ये हथियार लाए जाते हैं। इसकी वजह से कीमत बढ़ जाती है।
भारत में 5 से 7 लाख रुपए में इस हथियार के मिलने का दावा किया जा रहा है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि अतीक और उसके भाई अशरफ पर फायरिंग करने वाले तीनों शूटर्स लवलेश तिवारी, सनी और अरुण मौर्य के पास इतने महंगे हथियार कहां से आए?
शूटर सनी को सुंदर भाटी गैंग से मिली जिगाना पिस्टलः मीडिया रिपोर्ट्स
महंगी जिगाना पिस्टल मिलने के बाद ये माना जा रहा है कि इस घटना को अंजाम देने में किसी बड़ी गैंग का हाथ हो सकता है। तीनों आरोपियों की क्रिमिनल हिस्ट्री रही है। पुलिस के मुताबिक शूटर सनी पहले सुंदर भाटी के लिए पहले काम करता था। वह सबसे पहले हमीरपुर जेल में सुंदर भाटी से मिला था। इसके बाद दोनों में करीबी बढ़ी और सनी उसकी गैंग में शामिल हो गया।
रिपोर्ट्स में सनी को ये पिस्टल भाटी गैंग से मिलने का दावा किया जा रहा है। इससे पहले मूसेवाला की हत्या में भी जिगाना का इस्तेमाल हुआ था और लॉरेंस गैंग ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली थी। ऐसे में साफ है कि बड़े गैंग की मदद लिए बिना तीनों बदमाशों तक ये पिस्टल पहुंचना मुश्किल है।
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