खिचड़ी खाएंगे और गारी नही सुनेंगे ऐसा कैसे प्रभु श्री राम ?
@रामनगर की रामलीला से जुड़ी कुछ यादें
श्रीनारद मीडिया / सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी
वाराणसी / रामनगर में आज से कुछ साल पहले हिन्दू विवाहों की एक अनिवार्य रस्म हुआ करती थी ‘खिचड़ी’। जिसमे दूल्हा सहबाला समेत उसके परिजन खिचड़ी खाते थे और लड़की पक्ष की महिलाएं गारी गाती थी।
इस गारी के बदले उन्हें डांट नही बल्कि दूल्हा पक्ष नेग देता था। प्रभु श्रीराम ने भी तो मनुष्य रूप में अवतार लिया था। अब ऐसा कैसे हो सकता है कि प्रभु खिचड़ी खाने बैठे तो गारी न सुने। सुनते है और जी भर के सुनते हैं। जी हां ऐसी ही है रामनगर की रामलीला।
रीति रिवाजों के साथ मानवीय मूल्यों का यह रामलीला बखूबी ख्याल रखती है। आज रामलीला होती तो सातवें दिन लोग हिन्दू विवाहों की इन भुला दी गई रस्मों को खुली आँखों से देखते। रामनगर की रामलीला।