शिक्षक नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम पर कितना खर्च कर रही है नीतीश सरकार?
बिहार के सिर्फ 20-25 हजार युवाओं को ही नौकरी मिली- प्रशांत किशोर
27 जिलों से 25 हजार शिक्षक पहुंचेंगे
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा चयनित शिक्षकों को औपबंधिक नियुक्तिपत्र वितरण कार्यक्रम के लिए शिक्षा विभाग ने जिलों को तीन करोड़ 41 लाख की राशि जारी की है। इनमें एक करोड़ 85 हजार बस किराया के लिए है। मालूम हो कि बसों से पटना के गांधी मैदान में शिक्षकों को लाया जाएगा। वहीं, दो करोड़ 41 अन्य कार्यालय मद के लिए भेजे गए हैं। इस संबंध में विभाग ने अपने आदेश में कहा है कि पटना के गांधी मैदान तथा अन्य जिला मुख्यालय में आयोजित नियुक्तिपत्र वितरण कार्यक्रम के लिए यह राशि भेजी जा रही है। सबसे अधिक पटना जिला को एक करोड़ 57 लाख रुपये भेजे गए हैं।
गौरतलब है कि बिहार के एक लाख 20 हजार 336 नए शिक्षकों को गुरुवार को औपबंधिक नियुक्ति पत्र दिया जाएगा। इनमें से 25 हजार शिक्षक पटना के गांधी मैदान में आएंगे, जहां मुख्यमंत्री के द्वारा इन्हें नियुक्तिपत्र सौंपा जाएगा। वहीं, अन्य को उनके जिले में ही नियुक्तिपत्र दिए जाएंगे। शिक्षा विभाग ने नियुक्तिपत्र वितरण करने की तैयारी पूरी कर ली है।
30 हजार बिहारी युवाओं की नियुक्ति कर रही बिहार सरकार : सुशील मोदी
भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि शिक्षकों के एक लाख 70 हजार पद रहते हुए राज्य सरकार बमुश्किल 30 हजार बिहारी युवाओं को नयी नियुक्ति देने जा रही है। बुधवार को जारी बयान में उन्होंने कहा कि शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए 9 से 12 कक्षा के लिए आवेदन ही अपेक्षा से 40 हजार कम आये। फिर मात्र 1.22 लाख अभ्यर्थियों के पास होने से 48 हजार पद खाली रह गए। 10 हजार उत्तीर्ण लोगों ने बिहार सरकार की नौकरी स्वीकार नहीं कर खाली रह जाने वाले पदों की संख्या 60 हजार के करीब पहुंचा दी।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कल (गुरुवार 2 नवंबर को) गांधी मैदान में 25 हजार नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देंगे। इस बीच जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बड़ा दावा करते हुए कहा है कि पहले से नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी बनाने का काम किया जा रहा है। पीके ने कहा कि बिहार के मुश्किल से 20 से 25 हजार नए युवाओं को ही नौकरी मिली है। उन्होंने कहा कि सरकार को नियुक्ति पत्र देने दीजिए, इसकी संख्या मैं दो से चार दिनों में जारी करूंगा। सरकार से ये सवाल पूछना चाहिए कि बिहार में 1 लाख 25 हजार लोगों में बिहार के कितने नए लोगों को नौकरी मिली? उन नए लोगों में बिहार के कितने लोग हैं?
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि ये पहले से नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी बनाने के लिए कुछ लोगों को अपग्रेड किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया का सीधा सा मतलब यह है कि पहले से कार्यरत शिक्षकों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाएगा और कुछ नए लोगों को भी नौकरी मिलेगी। अगर वे दावा करते हैं कि बिहार के 1 लाख 20 बिहार युवाओं को नौकरी मिल गई है, तो सरकार को लिस्ट जारी करनी चाहिए।
इस बीच जेडीयू और आरजेडी ने प्रशांत किशोर पर पलटवार किया है। जेडीयू प्रवक्ता और एमएलसी नीरज कुमार ने पूछा है कि प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक सहित 1 लाख 20 हजार 382 से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति की गई है और उन्हें नियुक्ति पत्र दिया जाएगा। यह कहां लिखा है कि कार्यरत शिक्षक बीपीएससी की परीक्षा नहीं दे सकते? उन्होंने कहां से पढ़ाई की है? वहीं आरजेडी विधायक विजय सम्राट ने भी कहा कि राज्य के डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव द्वारा किये गये वादे को सरकार पूरा कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर प्रशांत किशोर को आधारहीन बयान नहीं देना चाहिए। यदि उनके पास कोई आंकड़ा है तो उसे पेश करना चाहिए।
शिक्षक बहाली में नहीं हुई है कोई गड़बड़ी : नीतीश कुमार
वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षक बहाली में किसी तरह की गड़बड़ी को सिरे से खारिज किया है। जब सीएम नीतीश से पत्रकारों ने पूछा कि भाजपा कह रही है कि बीपीएससी द्वारा पैसा लेकर शिक्षकों को नौकरी दी गई है। इस पर सीएम ने कहा कि आज तक कितना बढ़िया से बिहार में काम हुआ है। जब वे (भाजपा) लोग साथ में थे तो कभी इस तरह की बात नहीं बोलते थे। अब उटपटांग बातें करते हैं।
बिहार के एक लाख 20 हजार 336 नए शिक्षकों को गुरुवार को औपबंधिक नियुक्ति पत्र दिया जाएगा। इनमें से 25 हजार शिक्षक पटना के गांधी मैदान में आएंगे, जहां मुख्यमंत्री के द्वारा इन्हें नियुक्तिपत्र सौंपा जाएगा। वहीं, अन्य को उनके जिले में ही नियुक्तिपत्र दिए जाएंगे। शिक्षा विभाग ने नियुक्ति पत्र वितरण करने की तैयारी पूरी कर ली है। राज्य के 27 जिलों से 25 हजार शिक्षक 602 बसों से पटना के गांधी मैदान पहुंचेंगे। शिक्षकों को निर्देश है कि अपराह्न दो बजे तक गांधी मैदान में अपनी जगह पर बैठ जाएंगे। मुख्यमंत्री तीन बजे गांधी मैदान पहुंचेंगे।
जानकारी के अनुसार तीन प्रमंडलों भागलपुर, पूर्णिया और सहरसा के अंतर्गत आने वाले जिलों के शिक्षक पटना के गांधी मैदान नहीं आएंगे। इन 11 जिलों के सभी शिक्षकों को उनके जिले में आयोजित कार्यक्रम में नियुक्तिपत्र सौंपा जाएगा। वहीं, पटना, नालंदा और वैशाली जिले के सभी सफल शिक्षक पटना पहुंचेंगे। शेष जिलों के चिन्हित शिक्षकों को बसों से लाया जाएगा। इन शिक्षकों की काउंसिलिंग के बाद ओरिएंटेशन कोर्स कराया जा चुका है। अब औपबंधिक नियुक्ति पत्र देने के एक दिन बाद चार नवंबर से चरणवार नए शिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू कर दिया जाएगा। 15 दिनों का पूर्ण आवासीय प्रशिक्षण इन शिक्षकों का होगा।
किस प्रमंडल से कितनी बसों से आएंगे शिक्षक
पटना : 184 बसों से 8500 शिक्षक, मगध : 69 बसों से 2700, मुंगेर : 54 बसों से 1900, दरभंगा : 88 बसों से 3500, तिरहुत : 151 बसों से 6000 तथा सारण प्रमंडल के 57 बसों से 2400 शिक्षक आएंगे गांधी मैदान।
इन जिलों के शिक्षक गांधी मैदान आएंगे :
पटना, नालंदा, भोजपुर, बक्सर, रोहतास, गया, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद, नवादा, शेखपुरा, जमुई, लखीसराय, मुंगेर, बेगूसराय, खगड़िया, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी चंपारण, वैशाली, सारण, गोपालगंज और सीवान।
27 जिलों के करीब 25 हजार शिक्षक कल पटना पहुंचेंगे। इस बीच शिक्षा विभाग की ओर से निर्देश जारी कर कहा गया है कि अपने साथ कोई भी शिक्षक अभ्यर्थी सामग्री बैग, खाने का सामान, पानी का बोतल आदि लेकर गांधी मैदान में नहीं आएंगे। गांधी मैदान में पीने के पानी, शौचालय और यूरिनल की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। इसके अलावा गांधी मैदान में नवनियुक्त शिक्षकों को प्रवेश उनके औपबंधिक नियुक्ति पत्र और आधार कार्ड से ही मिलेगा। जिनके पास ये दोनों दस्तावेज नहीं होगा, उन्हें प्रवेश नहीं मिलेगा।
शिक्षा विभाग ने यह भी साफ किया है कि नियुक्ति पत्र वितरण समारोह के दौरान शिक्षक अपना मोबाइल को बंद या साइलेंट मोड में रखेंगे। शिक्षक चिह्नित स्थान पर ही बैठेंगे। शिक्षकों की सुविधा के लिए गांधी मैदान के विभिन्न प्रवेश द्वारों के निकट हेल्प डेस्क की व्यवस्था भी रहेगी। कार्यक्रम के दौरान मोबाइल या अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से फोटो या वीडियो नहीं बनाया जाएगा। कार्यक्रम के बाद संबंधित तस्वीरें-वीडियो जिलों को अलग से उपलब्ध करा दिया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान शांत रहना है और आपस में बातचीत या इधर-उधर चहलकदमी नहीं करनी है।
वहीं दूसरी ओर बीपीएससी के माध्यम से नवनियुक्त शिक्षकों के पदस्थापन में गांवों के स्कूलों को प्राथमिकता दी जाएगी। जिलों से प्राप्त रिपोर्ट बताती है कि शहरों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थित स्कूलों में छात्रों के अनुपात में शिक्षक कम हैं। इसको देखते हुए विभाग ने यह फैसला लिया है। इसी के हिसाब से नवनियुक्त शिक्षकों को स्कूल आवंटित करने की तैयारी चल रही है। नौवीं-दसवीं के शिक्षकों के सभी पद उन उत्क्रमित माध्यमिक स्कूलों को दिये गये हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित हैं। वहीं, 11 वीं और 12 वीं के अधिकांश शिक्षकों के पद भी ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में ही रिक्त हैं। प्राथमिक स्कूलों में भी कमोवेश यही स्थिति है।
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