बिहार सिपाही परीक्षा का पेपर लीक कैसे हुआ था? EOU ने चार्जशीट दाखिल की, हैरान करने वाले खुलासे किए

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श्रीनारद मीडिया, स्‍टेट डेस्‍क:

बिहार में एक अक्टूबर 2023 को हुई सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने अनुसंधान पूरा करते हुए चार्जशीट दाखिल कर दी है. न्यायालय में समर्पित चार्जशीट में आइपीसी की धारा 420/467/468/120(3) एवं 66 आइटी एक्ट 2000 के अंतर्गत पेपर लीक गिरोह के सरगना संजीव मुखिया के पुत्र डॉ शिव उर्फ बिट्टू, उसके मुख्य सहयोगी अश्विनी रंजन उर्फ सोनू, विक्की कुमार, अभिषेक के अलावा प्रिंटिंग प्रेस के मालिक एवं साजिश में शामिल प्रेस के कर्मियों को आरोपित बनाया गया है.

 

संगठित अपराध करने वाले अभियुक्तों ने किया पेपर लीक- EOU इओयू के डीआइजी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि इस कांड में शामिल अभियुक्त संगठित अपराध करते हैं और पूर्व में भी प्रतियोगिता परीक्षा से जुड़े प्रश्न-पत्र लीक आदि मामलों में चार्जशीटेड रहे हैं. मालूम हो कि केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) ने 01 अक्टूबर 2023 को दो पालियों में सिपाही भर्ती परीक्षा आयोजित की थी, जिसका प्रश्न पत्र निर्धारित अवधि से कई घंटे पूर्व हीं विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वायरल हो गया, जिसके फलस्वरूप परीक्षा रद्द कर दी गई थी. इस कांड में कुल 16 अभियुक्तों को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था.

 

प्रिंटिंग प्रेस संचालकों के साथ सांठगांठ कर लीक कराया गया था पेपर सिपाही भर्ती पेपर लीक मामले की जांच के दौरान इओयू ने पाया कि संजीव मुखिया गिरोह ने सिपाही भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र की प्रिंटिंग एवं पैकिंग का काम संभालने वाली कंपनी के साथ मिल कर पेपर लीक की घटना को अंजाम दिया. कोलकाता की जिस कंपनी को यह काम मिला था, उसका पंजीकृत कार्यालय मात्र एक कमरे में चल रहा था.

 

कंपनी के द्वारा प्रश्न पत्रों की छपाई का काम अवैध रूप से किसी अन्य कम्पनी से कराया गया था. जांच में पता चला कि प्रश्न पत्रों को ट्रांसपोर्ट करने वाली गाड़ियां जिला कोषागारों में जाने के क्रम में कई जगह रुकते हुए पहुंची थी. पटना स्थित वेयर हाउस से जिन लॉजिस्टिक कंपनियों के वाहनों में प्रश्न पत्र मोतिहारी जिला भेजा गया था उन दोनों कंपनियों के मुंशी स्वयं भी सिपाही भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थी थे.

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