अमर गीतकार आ कवि शैलेन्द्र जी के 56वां पुण्यतिथि पर शत शत नमन…विनम्र श्रद्धांजलि
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
आजु से 55 साल पहिले स्मृतियन के आकाश में विचरत उ जन साधारण के मन के बात कहे वाला कवि आ गीतकार शरीर रूपी पिंजरा के त्याग क के हमेशा खातिर कहीं विलुप्त हो गइल पर दे गइल कुछ अइसन गीत जवन कई सदियन तक गुनगुनावल जाई, कुछ अइसन गीत जवन हर आदमी के दिल के जज़्बात के जुबाँ देत रही कई बरिसन तक ।
उ जे लिखले “दुनिया न भाये मुझे अब तो बुला ले” (बसंत बहार), उहा के ही लिखनी “पहले मुर्गी हुई कि अंडा” (करोड़पति), उहे के लिखनी “डस गया पापी बिछुआ” उहे के लिखनी “क्या से क्या हो गया बेवफा तेरे प्यार में”. उहा के बइठल बइठल शब्द बुन लेत रही ।उहे के लिखल शब्दन के तब पूरा देश गुनगुनावत रहे। अइसने रहन हिन्दी सिनेमा जगत के कामयाब आ संवेदनशील गीतकारन में से एगो शंकरदास केसरीलाल शैलेन्द्र जेकरा के लोग ‘शैलेन्द्र’ के नाम से जानेला। उनकर गीत में घोर निराशा भरल अन्धकार में भी जीये के ललक देखाई देत रहे, जइसे उनकर गीत “तू जिन्दा है तो जिंदगी की जीत पे यकीन कर”।
बहुत मुश्किल बा शैलेन्द्र जी के गीतन के विशाल खजाना में से गीत चुनल।बाकिर फिर भी एगो प्रयास बा कुछ गीतन के सामने ले आवल आजु उनकर पुण्यतिथि पर सच्चा श्रद्धांजलि का रूप में ।देखी शब्दन के अमर शिल्पी शैलेन्द्र के कुछ यादगार गीत :-
छोटी सी ये दुनिया पहचाने रास्ते हैं फिर कहीं तो मिलोगे …..फिल्म- रंगोली
सजन रे! झूठ मत बोलो….फिल्म- तीसरी कसम
तू प्यार का सागर है, तेरी एक बूँद के प्यासे हम …फिल्म- सीमा
रमय्या वस्ता वैया…फिल्म- श्री420
दिल तड़प-तड़प के दे रहा है ये सदा… फिल्म- मधुमती
एह महान गीतकार के याद करत श्रद्धा सुमन अर्पित बा ।
आभार – राजेश भोजपुरिया