मेरा डॉग है, मैं चाहे जैसे रखूं या मार दूं- डॉग का मालिक लेकिन मेनका गांधी की पहल पर दर्ज हुआ FIR.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बीमार डॉग का इलाज नहीं कराना बिहार के मुजफ्फरपुर जिला अंतर्गत मिठनपुरा मालीघाट के राज कुमार को महंगा पड़ गया. ‘आवाज बेजुबानों की’ संगठन के सचिव सुमंत शेखर ने डॉग के मालिक पर मिठनपुरा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है. हालांकि एफआइआर संगठन के सचिव को एफआइआर कराने में परेशानी का सामना करना पड़ा. पूर्व केंद्रीय मंत्री सह एनिमिल एक्टिविस्ट मेनका गांधी को ईमेल किया. उनकी पहल के बाद ही एफआइआर हुआ.
लंबे समय से बीमार है डॉग
एफआइआर में बताया है उन्हें मोबाइल पर सूचना मिली मालीघाट मोहल्ले में राज कुमार के यहां लासा एप्सो प्रजाति का एक डॉग लंबे समय से बीमार है, जिसका इलाज नहीं कराया जा रहा है. उसका दायां आंख फोड़ दिया गया है और पूरे शरीर में कीड़ा लगा है. गुरुवार को संगठन के अध्यक्ष विशाल मोहन उनके घर पहुंचे और कहा कि हम इसका इलाज करायेंगे तो डॉग के मालिक ने मना कर दिया.
मेरा डॉग है, मैं चाहे जैसे रखूं या मार दूं- डॉग का मालिक
संगठन के अध्यक्ष ने कहा कि जब हमने कहा कि ये गलत है इससे आपके ऊपर कार्रवाई हो सकती है, तो डॉग मालिक ने गाली-गलौज व बदसलूकी की. कहा कि मेरा डॉग है, मैं चाहे जैसे रखूं या मार दूं. इसके बावजूद संगठन ने डॉक्टर बुला कर उसका इलाज कराया, तो डॉक्टर ने स्पष्ट कहा कि इसकी हालत बहुत खराब है. यह कई महीनों से बीमार है.
मेनका गांधी ने एसएसपी को किया फोन
संगठन के अध्यक्ष विशाल मोहन ने बताया कि जब वे लोग इस मामले को लेकर मिठनपुरा थाना पहुंचे तो आवेदन लेने से इनकार कर दिया गया. इसके बाद मेनका गांधी को ईमेल से घटना की जानकारी दी. इसके तुरंत बाद उन्हें आश्वासन मिला कि जल्द कार्रवाई होगी. जानकारी मिली की एसएसपी से मेनका गांधी ने खुद बात की. कुछ देर बाद थानेदार ने प्राथमिकी दर्ज करते हुए संगठन के अध्यक्ष को जानकारी दी.
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