कोविड वैक्सीन के सेकेंड डोज के लाभार्थियों को चिह्नित कर प्रतिरक्षित कराएं: डीआईओ
• कोविशील्ड व कोवैक्सीन के सेकेंड डोज़ वाले लाभार्थियों को दी जायेगी वैक्सीन
• हेल्थ केयर वर्कर व फ्रंटलाइन वर्करों को भी किया जा रहा है चिह्नित
• महामारी से बचाव के लिए सुरक्षा कवच है वैक्सीन
श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):
सीवान जिले में वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान को तेज कर दिया गया है। वैक्सीनेशन की प्रक्रिया दो डोज में पूरी की जा रही है। इसी कड़ी में सेकेंड डोज लेने वाले लाभार्थी काफी संख्या में हैं जिन्होंने अभी तक वैक्सीन नहीं ली है। इसको लेकर जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. प्रमोद कुमार पांडेय ने पत्र जारी कर सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों व स्वास्थ्यकर्मियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है। डीआईओ डॉ. पांडेय ने कहा है कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कोविशील्ड व कोवैक्सीन की दो खुराक सरकार के द्वारा जारी गाइडलाइन अनुसार समय अंतराल पर दी जा रही है। राज्य सरकार के द्वारा उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार सिवान जिले में कोविशील्ड व कोवैक्सीन के सेकेंड डोज से वंचित लाभार्थियों की संख्या बहुत अधिक है। जिसमें हेल्थकेयर वर्कर व फ्रंटलाइन वर्कर के साथ साथ आम नागरिक की संख्या अत्याधिक है। जिन्हें सेकेंड डोज से प्रतिरक्षित करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इसे गंभीरता से लेते हुए वंचित लाभार्थियों को चिह्नित कर टीकाकरण करवाना सुनिश्चित करें।
कोरोना टीकाकरण को लेकर नागरिकों में जबरदस्त उत्साह:
डीआईओ ने कहा कि कोरोना टीकाकरण को लेकर नागरिकों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। फिर भी कुछ लोगों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। निःशुल्क टीकाकरण किया जा रहा है। कोरोना से बचाव के लिए सबसे सशक्त उपाय टीकाकरण है। कोरोना की संभावित तीसरी लहर में टीकाकरण से लाभांवित लोगों में संक्रमण की आशंका नगण्य हो जाएगी। टीका लगने के बाद भी यदि कोरोना का संक्रमण होता है तो उसकी तीव्रता कम हो जाएगी। कोरोना की वैक्सीन लगने के बाद कुछ लोगों में बुखार व जहां टीका लगा वहां दर्द की समस्या हो सकती है। बुखार आना आवश्यक नहीं है। कोरोना महामारी से बचने के लिए वैक्सीन लेना जरूरी है। टीका लेकर आप और हम अपने और अपने परिवार के साथ समाज को सुरक्षित कर सकते हैं। इस वायरस से बचने का एकमात्र उपाय टीका ही है। ऐसे में अट्ठारह वर्ष आयु के ऊपर के सभी लोग वैक्सीन लें ताकि कोरोना को हराया जा सके। उन्होंने कहा कि कोरोना का वायरस रूप बदल रहा है।
कोविड का टीका पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी:
सिविल सर्जन डॉ. यदुवंश कुमार शर्मा ने कहा कि कोविड -19 टीके सुरक्षित हैं | टीकाकरण गर्भवती महिलाओं को कोविड -19 बीमारी से बचाता है। हालांकि किसी भी दवा की तरह, एक टीके के भी दुष्प्रभाव हो सकते हैं जो आमतौर पर हल्के होते हैं। वैक्सीन लगवाने के बाद, उसे हल्का बुखार हो सकता है, इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द हो सकता है या 1-3 दिनों तक अस्वस्थ महसूस कर सकते हैं।
लाभार्थियों को जागरूक करने के लिए प्रचार-प्रसार:
टीकाकरण सत्र का आयोजन किये जाने के पूर्व इसकी सूचना संबंधित क्षेत्र के नगारिकों को आशा, आँगनबाडी, पंचायत सेवक, जीविका के सदस्य आदि के माध्यम से एक या दो दिन पूर्व अवगत कराया जाय तथा इसे विभिन्न माध्यमों से प्रचारित प्रसारित किया जाय, जिससे लाभार्थियों में जागरूकता उत्पन्न हो| इस कार्य में स्थानीय स्तर के उत्प्रेरकों यथा आशा, आंगनबाड़ी, पंचायत सदस्य जीविका के सदस्य आदि की सेवा ली जाय।
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