ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए पैरवी करवाई तो होगी कार्रवाई, गृह मंत्रालय ने अपने आदेश में क्या कहा

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श्रीनारद मीडिया, स्‍टेट डेस्‍क:

बिहार में तबादले के लिए सिफारिश कराना अधिकारियों और कर्मचारियों को महंगा पड़ेगा। किसी बाहरी व्यक्ति से पैरवी कराने पर न सिर्फ स्पष्टीकरण देना होगा बल्कि उनके सर्विस बुक में भी इसे दर्ज किया जाएगा। ऐसा हुआ तो सरकारी सेवकों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। गृह विभाग ने राज्य सरकार द्वाराअधिकारियों-कर्मियों के स्थानांतरण और पदस्थापन के लिए बनी नीति का सख्ती से पालन करने का आदेश दिया है। गृह विभाग के सचिव ने पुलिस मुख्यालय के साथ ही कारा एवं सुधार सेवाएं और गृहरक्षा वाहिनी समेत अधीनस्थ कार्यालयों को पत्र लिखकर हिदायत दी है।

 

क्या है मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग की नीति साल 2007 में राज्य सरकार के मंत्रिमंडल सचिवालय एवं समन्वय विभाग द्वारा अधिकारियों-कर्मचारियों के स्थानांतरण और पदस्थापन को लेकर नीति निर्धारित की गई है। जारी दिशा-निर्देश के मुताबिक तबादले के लिए कोई भी सरकारी सेवक किसी बाहरी व्यक्ति से सिफरशि नहीं करा सकते हैं। पैरवी या दवाब डालने का प्रयास करते हैं तो उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाएगा पुलिस में सिफारिशों की रहती है भरमार गृह विभाग के अधीन कई कार्यालय आते हैं। पुलिस के अलावा गृहरक्षा वाहिनी एवं अग्निशाम सेवाएं, कारा एवं सुधार सेवाएं, अभियोजन निदेशालय, सैनिक कल्याण निदेशालय समेत आते हैं।

 

खासकर पुलिस और अन्य कार्यालयों में अधिकांश अधिकारी व कर्मचारी पटना या फिर अपने मनपसंद जिला मुख्यालय में तैनाती के लिए पैरवी कराते हैं। कई राजनेताओं से भी सिफारिश कराई जाती है।पैरवी के मामले सामने आने के बाद उठाया गया कदम गृह विभाग द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि सरकारी सेवकों द्वारा अपने स्थानांतरण और पदस्थापन को लेकर बाहरी व्यक्ति से अनुशंसा कराने के कई मामले सामने आ रहे हैं।

 

ऐसा आचरण सरकार द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के खिलाफ है। ऐसा करनेवाले अधिकारी-कर्मचारी कार्रवाई के हकदार हैं। गृह विभाग ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि सभीअधिकारियों-कर्मचारियों को इस संबंध में निर्धारित प्रक्रिया से अवगत करा दें। बावजूद इसके तबादले के लिए किसी बाहरी शख्स से पैरवी कराई जाती है या दवाब बनाया जाता है तो उनके खिलाफ नियम के तहत कार्रवाई करें।

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