नहीं संभल रहा तो सेना को सौंप दें कोविड प्रबंधन का जिम्‍मा-पटना हाईकोर्ट.

नहीं संभल रहा तो सेना को सौंप दें कोविड प्रबंधन का जिम्‍मा-पटना हाईकोर्ट.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच पटना हाईकोर्ट ने एक बार बिहार सरकार को फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने मंगलवार को कोरोना मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के कोरोना से निपटने में असफल होने पर नाराजगी जताई। अदालत ने कहा कि बार-बार आदेश के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं होना शर्म की बात है।

इसके साथ ही काफी तल्‍ख टिप्‍पणी करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि इस स्थिति में तो राज्‍य में कोविड प्रबंधन की जिम्‍मेदारी सेना को सौंप देनी चाहिए। इस टिप्‍पणी के साथ ही हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई छह मई तक के लिए स्‍थगित कर दी। अब इस मामले में सुनवाई छह मई को होगी। हाईकोर्ट ने राज्‍य सरकार को दो दिन के अंदर कोरोना पर एक विस्‍तृत रिपोर्ट देने को कहा है।

सुनवाई के दौरान राज्‍य सरकार ने पटना हाईकोर्ट को प्रदेश में लॉकडाउन लगाने के निर्णय की जानकारी दी। मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस सीएस सिंह की खंडपीठ को राज्‍य सरकार ने बताया कि पूरे बिहार में 5 मई से लेकर 15 मई तक लॉकडाउन लगाने का निर्णय लिया गया है।

अदालत ने कोरोना नियंत्रण के हालात पर नाराजगी व्‍यक्‍त करते हुए यहां तक कहा कि हमारी नज़र में आप लोग फेल हो रहे हैं तो क्‍यों नहीं सेना को बिहार की कोविड प्रबंधन की जिम्‍मेदारी सौंप दी जाए। ऑब्जर्वेशन के दौरान ये सवाल उठाया गया था, जिस पर सरकार ने अपना पक्ष रखा कि आप किस आधार पर कोविड मैनेजमेंट की जिम्मेदारी सेना को देने की बात कर रहे हैं? अगर यहां जमीनी हकीकत सही है तो क्या आपके नहीं लगने से आप ये जिम्मेदारी सेना को सौंप सकते हैं?’

अंत में अदालत ने कहा कि अभी इस विषय को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। पहले आप अपनी सारी डिटेल सौंप दें। उसके बाद इस पर विचार किया जायेगा। एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने बताया कि अभी उन्हें डिटेल फाइल करने के लिए कहा गया है। इसके लिए उनके पास कल तक का समय है। छह मई को इस पर आगे की कार्यवाही होगी।

गृह विभाग ने चार मई को जारी अपने विस्‍तृत आदेश में कहा है कि कोरोना वायरस जनित महामारी की दूसरी लहर से देश के कई राज्‍यों सहित बिहार में भी मरीजों की संख्‍या में वृद्ध‍ि हुई है। इसे ध्‍यान में रखते हुए आपदा प्रबंध समूह की बैठक में राज्‍य में कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई। समीक्षा में पाया गया कि राज्‍य में संक्रमण की दर पिछले एक हफ्ते से लगातार 10 प्रतिशत से अधिक बनी हुई है। इस स्थिति में पांच मई से 15 मई तक ये प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं-

क्‍या खुलेगा और क्‍या रहेगा बंद
-स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान, प्रशिक्षण, अनुसंधान जैसे तमाम संस्थानों को बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं।
– सिनेमा हॉल भी नहीं खुलेंगे। पार्क और जिम भी बंद रहेंगे। वाणिज्यिक और निजी प्रतिष्ठान बंद रहेंगे।
– अनावश्यक आवागमन प्रतिबंधित रहेगी, बिना वजह घुमते पकड़े जाने पर कड़ी कार्रवाई, सभी प्रकार के वाहनों का परिचालन बंद रहेगा।
– बिहार में शॉपिंग मॉल नहीं खुलेंगे, धर्म स्थल पर पहले की तरह ही पाबंदी जारी रहेगी। पार्क भी बंद रहेंगे।
– रेस्तरां को सिर्फ होम डिलीवरी की इजाजत होगी। वहीं जरूरी सामानों की दुकानों को पाबंदियों के साथ खोलने की इजाजत दी गई है।
– विवाह में 50 लोग से अधिक नहीं, डीजे पर प्रतिबंध रहेगा
– अंतिम संस्कार-श्राद्ध में 20 लोग से अधिक नहीं
– सभी डीएम को चिन्हित स्थान पर आइसोलेशन सेंटर और सामुदायिक किचन बनाने के निर्देश
– राशन कार्ड धारकों को मुफ्त में अनाज
– सभी आवश्यक सेवा लॉकडाउन से मुक्त, दवा दुकान, अस्पताल, एंबुलेंस, सरकार की ओर से लिए गए वाहन को छूट
– सब्जी वगैरह सुबह 7 बजे से सुबह 11 बजे तक ही घूम-घूम कर बेच सकेंगे
– ई-पास लेकर लोग बाहर जा सकेंगे
-निर्माण कार्य जारी रहेगा
– पब्लिक ट्रांसपोर्ट 50 फीसदी क्षमता के साथ ही चलेगी लेकिन इसमें वही लोग सफर कर सकेंगे जो विमान या रेल की यात्रा करने वाले हों
– सभी सरकारी और निजी कार्यालय बंद
– बैंकिंग, बीमा, एटीएम संबंधित प्रतिष्ठान को कुछ छूट रहेगी। पेट्रोल पंप, एलपीजी, पेट्रोलियम प्रतिष्ठान, प्रिंट इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को छूट रहेगी। कृषि से जुड़े कार्य को छूट रहेगी।

क्‍या कहा है गृह विभाग ने

1) राज्‍य सरकार से सभी कार्यालय (आवश्‍यक सेवाओं को छोड़कर) बंद रहेंगे। जिला प्रशासन, पुलिस, सिविल डिफेंस, बिजली, जलापूर्ति, स्‍वच्‍छता, फायर ब्रिगेड, स्‍वास्‍थ्‍य, आपदा प्रबंधन, दूरसंचार, डाक विभाग से सम्‍बन्धित कार्यालय यथावत काम करेंगे। न्‍यायिक प्रशासन के बारे में माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा लिया गया निर्णय लागू होगा।

2) अस्‍पताल और अन्‍य सम्‍बन्धित प्रतिष्‍ठान (पशु स्‍वास्‍थ्‍य सहित), उनके निर्माण और वितरण की इकाईयां, सरकारी और निजी, दवा की दकानें, मेडिकल लैब, नर्सिंग होम, एम्‍बुलेंस सेवाओं से सम्‍बन्धित प्रतिष्‍ठान यथावत काम करेंगे।

3) वाणिज्यिक और अन्‍य निजी प्रतिष्‍ठा बंद रहेंगे।

अपवाद-
क) बैंकिंग, बीमा और एटीएम संचालन से सम्‍बन्धित प्रतिष्‍ठान
ख) औद्योगिक एवं विनिर्माण कार्य से सम्‍बन्धित प्रतिष्‍ठान
ग) सभी प्रकार के निर्माण कार्य
घ) ई कार्मस से जुड़ी सारी गतिविधियां
ड.) कृषि और इससे जुड़े काम
च) प्रिंट और इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया
छ) टेलीकम्‍युनिकेशन, इंटरनेट सेवाएं, ब्रॉडकास्टिंग और केबल सेवाओं से सम्‍बन्धित गतिविधियां
ज) पेट्रोल पंप, एलपीजी, पेट्रोलियम आदि से सम्‍बन्धित खुदरा और भंडारण प्रतिष्‍ठान
झ) आवश्‍यक खाद्य सामग्री, फल और सब्‍जी (ठेला पर घूम-घूम कर बिक्री सहित) मांस-मछली/ दूध/ पीडीएस की दकानें- सुबह सात बजे से 11 बजे पूर्वाह्न तक।
ञ) कोल्‍ड स्‍टोरेज ओर वेयर हाउसिंग सेवाएं।
ट) निजी सुरक्षा सेवाएं।

अन्‍य सभी प्रतिष्‍ठान वर्क फ्रॉम होम के आधार पर काम कर सकते हैं। 
4) सार्वजनिक स्‍थानों और मार्गों पर अनावश्‍यक आवागमन (पैदल सहित)
पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा।

5) सभी प्रकार के वाहनों पर रोक रहेगी।

अपवाद
क) पब्लिक ट्रांसपोर्ट में बैठने की क्षमता के 50 प्रतिशत उपयोग की अनुमति रहेगी। केवल रेल, वायुयान या लम्‍बी दूरी की यात्रा करने वालों और अनुमान्‍य सेवाओं से सम्‍बन्धित लोगों को ही सार्वजनिक परिवहन के उपयोग की अनुमति होगी।

ख) स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़ी गतिविधियों में लगे वाहन और स्‍वास्‍थ्‍य से सम्‍बन्धित जरूरतों के लिए इस्‍तेमाल होने वाले निजी वाहन

ग) अनुमान्‍य कार्यों से सम्‍बन्धित कार्यालयों में सरकारी वाहन

घ) वैसे निजी वाहन जिन्‍हें जिला प्रशासन द्वारा किसी विशेष काम के चलते ई-पास दिया गया हो
ड.) सभी प्रकार के माल वाहक वाहन

हाईकोर्ट के सख्‍त रुख के बाद सरकार ने उठाया कदम
सोमवार को कोरोना संक्रमण में वृद्धि और उपचार को लेकर पटना हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए महाधिवक्ता से कहा कि राज्य सरकार से बात करें और मंगलवार यानी चार मई को बताएं कि राज्य में लॉकडाउन लगेगा या नहीं। साथ ही कहा कि अगर आज निर्णय नहीं आता है तो हाईकोर्ट कड़े फैसले ले सकता है। कोरोना मरीजों के उपचार के संबंध में दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने यह सवाल पूछा था। हाईकोर्ट ने कहा कि आदेश के बाद भी कोरोना मरीजों के उपचार की सुविधाएं नहीं बढ़ी हैं। राज्य के अस्पतालों में निर्बाध ऑक्सीजन आपूर्ति की ठोस कार्ययोजना नहीं बनी है। केंद्रीय कोटा से मिले रोजाना 194 टन की जगह मात्र 160 टन ऑक्सीजन का उठाव हो रहा है। राज्य में एडवाइजरी कमेटी तक नहीं बनी, जो इस कोरोना विस्फोट से निपटे, कोई वार रूम तक नहीं बना है।

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