दहेज के बाकी रुपये नहीं लाई विवाहित तो पति ने कर दी हत्या.

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शादी के लिए लूटा बैंक, दहेज में दामाद को दिए आभूषण और बाइक.

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार में वैशाली जिले के जंदाहा के झम्मन गंज में एक विवाहिता की दहेज के बाकी एक लाख रुपये लाने के दबाव में हत्या करने का मामला दर्ज किया गया है। इस संबंध में मृतका ममता देवी के भाई दलसिंहसराय थाना के लोदीपुर असीन चक निवासी विजय कुमार झा ने थाने में आवेदन दिया है। उन्होंने बताया कि अपनी बहन की शादी जंदाहा के झमनगंज निवासी दिनेश झा के पुत्र सचिन कुमार झा के साथ की थी।

इसी बीच परिवार के लोगों ने बहन को दहेज का बाकी एक लाख रुपया अपने पिता से मांग कर लाने के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। उसे शारीरिक और मानसिक यातनाएं दी जाने लगीं। एक बार जलाने की भी कोशिश की गई थी। सूचना पर वे लोग पहुंचें तो पंचायत के दौरान समझाने की कोशिश की गई। इसके बावजूद वे लोग अपनी हरकत से बाज नहीं आए।

इस दौरान 18 मार्च को बहन के ससुराल वालों- पति सचिन कुमार झा, ससुर दिनेश झा, सास मीना देवी, रामबालक झा, रामाकांत झा, जनार्दन झा उर्फ चिंटू झा, चंदन कुमार, सनी कुमार सभी ने राय मशविरा करके बहन की हत्या कर दी। भाई ने बताया कि सूचना मिलने पर पुलिस को घटना की जानकारी दी गई। वहीं शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए हाजीपुर सदर अस्पताल भेज दिया गया है। ससुराल वालों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।

पुलिस ने नवादा जिले के नारदीगंज थाना क्षेत्र के बस्ती बिगहा के दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक में हुई लूट की वारदात का पर्दाफाश कर दिया है। पुलिस ने घटना में शामिल आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में पुलिस को जो बातें पता चली हैं उससे वो हैरान है। एक अपराधी ने बेटी की शादी में दहेज देने के लिए लूट की राशि का इस्तेमाल किया था।

वहीं दूसरा अपराधी बाइक खरीदने के लिए शोरुम तक पहुंच गया था। पुलिस ने अपराधियों के पास से तीन देसी कट्टे, लगभग चार लाख रुपये और घटना में इस्तेमाल की गई अपाचे बाइक भी बरामद कर ली है। अपराधियों ने चार मार्च को दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक से 14 लाख रुपये से ज्यादा की लूट की थी।

पुलिस सूत्रों के अनुसार बैंक लूटने में दर्जन भर से ज्यादा अपराधी शामिल थे। इनमें से छह अपराधी सीधे बैंक पहुंचे थे। जबकि बाकी के साथी अलग-अलग स्थानों से नजर रख रहे थे। लूट को अंजाम देने से पहले कई दिनों तक रेकी की गई थी। बैंक की सुरक्षा से लेकर पुलिस की गश्ती तक की जानकारी हासिल की गई थी। इसके बाद वारदात को अंजाम दिया गया।

घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने दस टीमों का गठन किया था। तकनीकी जांच और खुफिया इनपुट के आधार पर सभी टीमें उसी दिन से ही छापेमारी कर रही थी। गया से इनपुट मिलने के बाद पुलिस ने अपराधियों को दबोच लिया। लूट की राशि का बंटवारा होने के बाद एक अपराधी बाइक लेने के लिए शोरूम पहुंच गया। जैसे ही वो शोरूम से बाहर निकला पुलिस के हत्थे चढ़ गया।

 

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