मुख्तार की बैरक में पत्ता भी हिलेगा तो योगी सरकार को पता चलेगा,कैसे?
25 महीने 16 दिन बाद हुई वापसी.
कटीले तार से घिरी बैरक मुख्तार का नया पोस्टल एड्रेस.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
पंजाब की रोपण जेल से यूपी की बांदा जेल लाए गए माफिया मुख्तार अंसारी की बैरक में अब पत्ता भी हिलेगा तो सूबे की योगी सरकार को पता चल जाएगा। सरकार ने अंसारी पर चौबीसों घंटे निगरानी का पूरा प्लान बनाया है जिसे पिछले कुछ दिनों में यूपी के सबसे काबिल और वरिष्ठ अफसरों ने बांदा जेल में लागू कर दिया है। बांदा जेल में मुख्तार अंसारी को बाकी कैदियों से अलग बैरक नंबर-15 में अकेले रखा गया है जहां सीसीटीवी कैमरों से हर पल उन पर बांदा से लखनऊ तक कई आंखों की नज़र है। लखनऊ कमांड से सीधे मुख्तार की निगरानी की जा रही है।
अपने शातिराना दिमाग और अपराध की दुनिया में महारत के नाते पूर्वांचल में दशकों तक दहशत का पर्याय रहे मुख्तार अंसारी के गुर्गों के लिए अब जेल में उनसे मिलकर साजिशें रचना आसान न होगा। जेल में मुख्तार से कब कौन मिलने आया, इसकी पूरी जानकारी सरकार के पास होगी। यही नहीं मिलने आए हर शख्स की पूरी पृष्ठभूमि, वर्तमान और भूत का सरकार पता लगाएगी और रिकार्ड अपने पास सुरक्षित रखेगी। मुख्तार को लेकर यूपी सरकार और पुलिस-प्रशासन कितना सतर्क है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है बांदा में घर-घर किराएदारों के सत्यापन का आदेश दिया गया है। बांदा के तमाम होटलों में ठहरे हुए लोगों के बारे में पूरी जानकारी जुटाई जा रही है। पुलिस ने होटल संचालकों से कहा है कि अपने हर अतिथि के बारे में पूरी जानकारी साझा करें।
दो डिप्टी जेलर, पीएसी तैनात
बांदा जेल में मुख्तार पर निगरानी और उसकी सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए गए हैं। जेल में दो डिप्टी जेलरों की तैनाती के साथ पीएसी की टुकड़ी भी तैनात की गई है। कुल मिलाकर ऐसे इंतजाम किए गए हैं कि बांदा जेल के आसपास बिना इजाजत कोई फटक भी न पाए।
मुख्तार पर हो रही हर कार्रवाई पर सीएम योगी की भी नज़र
डॉन मुख्तार अंसारी और उसके गुर्गों पर हुई हर कार्रवाई पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बराबर नजर रही है। मंगलवार को मुख्तार के यूपी की सीमा में पहुंचते ही अपर मुख्य सचिव गृह और डीजीपी ने खुद मुख्यमंत्री को पूरी जानकारी दी। दरअसल, जीरो टॉलरेंस नीति के तहत चल रही यूपी पुलिस ने मुख्तार और उसके गुर्गों के खिलाफ पहले भी जो कार्रवाई की है, सीएम योगी को उसकी पूरी जानकारी दी जाती रही है। पुलिस ने अब तक मुख्तार के कब्जे में रही 192 करोड़ से ज्यादा कीमत की सरकारी जमीन खाली कराई और संपत्तियां जब्त कीं। इसमें ध्वस्तीकरण की कार्रवाई भी शामिल है।
मुख्तार गिरोह के 96 सदस्य किए जा चुके हैं गिरफ्तार
पुलिस ने गिरोह के 96 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। 75 अपराधियों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्यवाही भी की गई है। माफिया और उसके गैंग के 72 शस्त्र लाइसेंस निरस्त और निलंबित किए गए हैं। पीडब्ल्यूडी और कोयले की ठेकेदारी करने वाले सात सहयोगियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर शस्त्र लाइसेंस निलंबित किए गए हैं। छह अन्य ठेकेदारों का चरित्र प्रमाण पत्र निरस्त किया गया है। गुंडा एक्ट के तहत 12 अपराधियों को जिला बदर किया गया है।
माफिया की पत्नी और दो सालों पर भी है केस
पुलिस ने माफिया की पत्नी अफसा अंसारी और दो साले सरजील रजा, अनवर शहजाद के खिलाफ गाजीपुर में कुर्क की गई जमीन पर अवैध कब्जा करने पर मुकदमा दर्ज किया है। कब्जा मुक्त जमीन की कीमत करीब 18 लाख है और क्षतिपूर्ति के रूप में लगभग 26.5 लाख रुपये की वसूली की जा रही है। पुलिस ने माफिया की पत्नी और बेटों अब्बास अंसारी व उमर अंसारी सहित 12 लोगों के खिलाफ जालसाजी कर पट्टे की जमीन हड़प कर होटल बनाने पर मुकदमा किया है। साथ ही पत्नी व साले के खिलाफ गैंगेस्टर में भी मुकदमा किया गया है। इनके कब्जे से करीब 2.75 करोड़ की जमीन खाली कराई गई है।
वायरलेस सेट व एक बुलेट प्रूफ फाच्र्यूनर कार बरामद
लखनऊ पुलिस ने मुख्तार के सहयोगी हरविंदर सिंह उर्फ जुगनू की दो करोड़ 31 लाख 46 हजार की संपत्ति जब्त की है। डालीबाग में मुख्तार के 25-25 हजार के इनामी दो बेटों अब्बास और उमर अंसारी के अवैध रूप से बने दो टावर को जमीदोज कर खाली कराया है, जिसकी कीमत पांच करोड़ है। पुलिस ने माफिया के अन्य सहयोगियों के ठिकानों पर दबिश में मोबाइल, पांच वायरलेस सेट, छह बैट्री, एक बुलेट प्रूफ फाच्र्यूनर कार, तीन अवैध असलहे और 24 टिफिन बरामद किए हैं।
इन्हें किया गया जिला बदर
पुलिस ने गिरोह के 12 अपराधियों अल्तमश, अनीस, मोहर सिंह, जुल्फेकार कुरैशी, तारिक, मो. सलमान, आमिर हमजा, मो. तलहा, जावेद आरजू, मो. हाशिम, राशिद और अनुज कनौजिया को छह माह के लिए जिला बदर किया है। साथ ही 10 अपराधियों के खिलाफ गुण्डा एक्ट के तहत कार्यवाही की है।
बाहुबली विधायक और माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को बुधवार भोर ब्रह्ममूर्त में बांदा मंडल कारागार लाया गया। कटीले तार से घिरी बैरक नंबर 15 उनका नया पोस्टल एड्रेस हो गया है। उन्हें लाने गई स्पेशल टीम का काफिला बाईपास पहुंचते ही कारागार छावनी में तब्दील हो गया था। एक ओर से जेल रोड बैरियर से पूरी तरह ब्लॉक कर दी गई थी। एंबुलेंस और स्पेशल टीम की चार गाड़ियों को ही कारागार बाउंड्री के अंदर प्रवेश दिया गया।
25 माह 16 दिन बाद मुख्तार पंजाब की रोपड़ जेल में रहे। इससे पहले बांदा मंडल कारागार ही उनका ठिकाना था। पंजाब शिफ्ट से पहले बांदा कारागार में 21 माह 18 दिन रह चुके थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बांदा से रवाना पुलिस की स्पेशल टीम मंगलवार दोपहर दो बजकर छह मिनट पर मुख्तार को कड़े सुरक्षा के बीच रोपड़ जेल से लेकर निकली। तीन राज्यों की सीमा और 881.1 किलोमीटर का सफर तयकर सुबह ब्रह्ममूर्त सुबह के ठीक साढ़े चार बजे स्पेशल टीम की चार गाड़ियों और एंबुलेंस में सवार मुख्तार अंसारी ने बांदा मंडल कारागार बाउंड्री गेट के अंदर घुसी। वहीं, स्पेशल टीम के काफिले की अन्य गाड़ियों को पुलिस लाइन के पास ही रोक दिया गया।
सुरक्षा इंतजाम को देखते हुए कारागार को स्पेशल टीम के बांदा की सीमा पर पहुंचने से घंटेभर पहले ही कारागार को छावनी में तब्दील कर दिया गया। स्पेशल टीम मुख्तार को लेकर हमीरपुर के भरुआसुमेरपुर के बाद बीहड़ पारकर सुबह तीन बजकर 36 मिनट पर जसपुरा पहुंची, तभी कारागार में भीड़ को काबू करने के लिए रस्सा और बैरियर लगाना शुरू कर दिया गया था। टीम के तीन बजकर 52 मिनट पर पैलानी पहुंचते ही फोर्स ने एक ओर से जेल रोड बैरियर से पूरी तरह सीलकर कारगार को घेर लिया। टीम मुख्तार को लेकर सुबह सात बजकर सात मिनट पर पपरेंदा पहुंची। यहां से सीधे मवई बाईपास, महाराणा प्रताप चौक से पुलिस लाइन रोड होते हुए मंडल कारागार पहुंची।
43 मिनट में जेल मैन्युअल पूरा कर लौटी टीम
मुख्तार अंसारी को सुबह ठीक साढ़े चार बजे मंडल कारागार पंहुचाने के बाद सुबह पांच बजकर 13 मिनट पर एक-एककर स्पेशल टीम की चारों गाड़ियां बाहर निकलीं। कारागार में पहुंचाने और बाहर निकलने के बीच के 43 मिनट स्पेशल टीम को जेल मैन्युअल पूरे करने में लगे।
इसे भी पढ़े…
- भाजपा विधायक की एसपी से नोकझोंक के बाद जमीन पर लेटे.
- खुंझवा:अमवारी के छात्र व छात्राओं ने मैट्रिक परीक्षा में किया बेहतर प्रदर्शन
- जमशेदपुर में चाचा ने अपनी ही नाबालिग भतीजी को बनाया हवस का शिकार.
- दस साल बाद भी खत्म नहीं हुई दहेज की चाहत, विवाहिता की मौत.
- पुलिस की बड़ी कार्रवाई, चार शराब माफियाओं को किया गिरफ्तार.
- तब मुख्तार अंसारी को रास्ते में ही मारने की थी साजिश,एक विधायक ने दी थी 50 लाख की सुपारी!