शारीरिक संबंध नहीं बना रही थी पत्नी तो हाईकोर्ट ने सुनाया ये फैसला
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क:
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वस्थ वैवाहिक जीवन के लिए शारीरिक संबंध को अहम हिस्सा बताते हुए शादी के बाद शारीरिक संबंध नही बनाने को क्रूरता माना है. एक पत्नी द्वारा अपने पति के साथ शारीरिक संबंध बनाने से इंकार करने पर इसे क्रूरता बताते हुए हाईकोर्ट ने तलाक को मंजूर किया है.
जस्टिस पी सैम कोशी और जस्टिस पी पी साहू की बेंच ने अगस्त 2010 से अलग अलग रह रहे पति पत्नी के मामले में पति की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए ये अहम टिप्पणी की हैं. बिलासपुर के रहने वाले एक युवक की शादी नवंबर 2007 में बेमेतरा की एक महिला के साथ हुई थी. शादी के बाद से ही उसकी पत्नी ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने से इसलिए इंकार कर दिया क्योकि वह सुंदर नहीं दिखता था.
शादी के कुछ दिन उसकी पत्नी मायके चली गयी. युवक ने कई साल तक पत्नी को वापस लाने का प्रयास किया. लंबे समय बाद भी पत्नी के नहीं आने पर उसने फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी दाखिल की. याचिका में युवक ने अदालत को बताया कि उसकी पत्नी उसे लगातार सुंदर नहीं होने का ताना देते हुए उसके साथ मानसिक क्रूरता करती रही है इसलिए उसे तलाक दी जाये लेकिन फैमिली कोर्ट ने युवक की तलाक की अर्जी को खारिज कर दिया. फैमिली कोर्ट के फैसले के खिलाफ युवक ने हाईकोर्ट में अपील दायर कर चुनौती दी.
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