
पटना में बोले राहुल गांधी
हम दलितों-महिलाओं के लिए राजनीति का दरवाजा खोलकर बिहार का चेहरा बदलना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में हमने कांग्रेस जिलाध्यक्षों की नई सूची जारी की। पहले जिलाध्यक्षों की सूची में दो तिहाई अपर कास्ट के लोग थे मगर अब नई सूची में दो तिहाई ईबीसी, ओबीसी, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समाज के लोग हैं।
एनडीए सरकार अडाणी-अंबानी की राजनीति कर रही है, हम उन्हें हराने जा रहे हैं। इस देश को आजादी से लेकर अब तक बिहार ने दिशा दी है, फिर से बिहार की जनता यह काम करेगी।
संविधान 70-80 साल पुरानी किताब नहीं, हजारों साल की विचारधारा
राहुल गांधी ने सम्मेलन में संविधान की प्रति दिखाते हुए कहा कि यह सिर्फ 70-80 साल पुरानी किताब नहीं, हजारों साल पुरानी विचारधारा है।इसमें भगवान बुद्ध, गुरु नानक, महात्मा गांधी, बाबा साहेब आंबेडकर, कबीर जैसे महापुरुषों की सोच है। इसमें सावरकर की विचारधारा नहीं क्योंकि वह सच्चाई का सामना नहीं कर पाए।संविधान हिंदुस्तान की सच्चाई का स्वर है। गांधी जी ने आत्मकथा लिखी- माई एक्सपेरिमेंट विद ट्रूथ (सच के साथ मेरे प्रयोग)। माई एक्सपेरिमेंट विद लाई (झूठ के साथ मेरे प्रयोग) नहीं लिखी, शायद मोदी जी लिख पाएंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने शेयर मार्केट की धज्जियां उड़ा दी है। फिर हाल में बैठे लोगों से सवाल किया- कितने लोग शेयर बाजार में पैसा लगाते हैं?
गिने-चुने लोगों के हाथ उठाने पर कहा कि एक प्रतिशत भी नहीं। तेलंगाना में जाति गणना हुई तो ऐसी ही सच्चाई सामने आई।वहां बैंक लोन लेने से लेकर बड़ी कंपनियों के मालिक, सीईओ, मैनेजमेंट टीम में एक भी ईबीसी, ओबीसी, दलित, आदिवासी नहीं मिले।
दूसरी तरफ मजदूरों की सूची में 95 प्रतिशत पिछड़े-आदिवासी और दलित हैं। इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार, डॉ शकील अहमद खां, अनिल जयहिंद, अंशुल अभिजीत, डॉ रतन लाल, ओम प्रकाश महतो, भागीरथ मांझी सहित विभिन्न दलित-वंचित समुदाय के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
हम संविधान की रक्षा करना चाहते हैं
राहुल गांधी ने कहा कि मैंने बिहार की टीम को साफ बता दिया है कि आपका काम बिहार के गरीबों का नेतृत्व करना है। आपको गरीबों, दलितों को आगे बढ़ाना है। हम आपको राजनीति में लाकर बिहार का चेहरा बदलना चाहते हैं। जो आज बिहार में हो रहा। जो एनडीए की सरकार बिहार में कर रही है। चुने हुए अरबपतियों के जरिए राजनीति चल रही है।
अंबानी-अदाणी की राजनीति चल रही, उसको हम हराने जा रहे हैं। हम जानते हैं कि इस देश को बिहार की जनता डायरेक्शन देती है। जब राजनीतिक बदलाव हुआ, अंग्रेजी के खिलाफ राजनीतिक बदलाव आया, तो बिहार की जनता ने आवाज बुलंद कर यह बदलाव लाया। हम सबसे जरूरी लक्ष्य संविधान की रक्षा करना चाहते हैं। पहले पीएम मोदी 400 पार का नारा देते थे तो इंडिया गठबंधन सामने आया तो रिजल्ट सबके सामने है। आपने लोकसभा चुनाव में संविधान को बचाने का काम किया। जहां भी मेरी जरूरत होगी आप मुझे बुलाओ मैं हाजिर हो जाऊंगा। आपकी लड़ाई मेरी लड़ाई है।
राहुल गांधी ने बिहार में कांग्रेस पार्टी का रोल बताते हुए कहा कि गरीब, कमजोर, ईबीसी, ओबीसी, दलित और सामान्य लोगों को जोड़कर इज्जत देकर आगे बढ़ाना ही कांग्रेस पार्टी का काम है। कांग्रेस को पहले जो काम करना चाहिए था, जिस मजबूती से काम करना चाहिए था। वह हमने नहीं किया। हम अपनी गलती से समझे हैं।
और, हम बिना रुके पूरी शक्ति के साथ बिहार के कमजोर और गरीब लोगों को लेकर एकसाथ आगे बढ़ेंगे। कुछ दिन पहले हमने अपने जिला अध्यक्षों का चुनाव किया। मैं यह नहीं कहूंगा कि यह एक बड़ा कदम है। लेकिन, यह जरूरी कदम है। पहले हमारे जिलाध्यक्षों की लिस्ट में दो तिहाई सवर्ण थे। अब हमारे लिस्ट में पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग के लोग हैं।
पदयात्रा के बाद पटना रवाना हुए राहुल गांधी
राहुल गांधी “पलायन रोको नौकरी दो यात्रा” में शामिल होने के लिए राहुल गांधी बेगूसराय के सुभाष चौक पर पहुंचे। यहां से राहुल गांधी पैदल ही सुभाष चौक से लेकर हर हर महादेव चौक तक यात्रा में शामिल हुए। हजारों की संख्या में लोग उनके स्वागत में जुटे हुए थे। जगह-जगह राहुल गांधी को फूल बरसा कर उनका स्वागत किया। यह पदयात्रा कन्हैया के नेतृत्व में की गई थी। वहीं राहुल गांधी को देखने के लिए लोगों की काफी भीड़ लगी हुई थी। यात्रा में शामिल होने के बाद राहुल गांधी बेगूसराय से पटना के लिए रवाना हो गए।