तालाबों पर अवैध कब्जे सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवहेलना-उपराष्ट्रपति जी
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने तालाबों, जोहड़ों, बावड़ियों, पोखरों पर अवैध कब्जों अथवा उनकी जमीन का इस्तेमाल दूसरे कामों में करने को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन बताते हुए कहा कि इनका पुनरुद्धार युद्ध स्तर पर होना चाहिए।
यहां चौथे राष्ट्रीय पुरस्कार देते हुए धनखड़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि जोहड़-पोखर अपरिवर्तनीय हैं। इनकी भूमि का उपयोग किसी अन्य काम में हो ही नहीं हो सकता। सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना चिंता का विषय है। तालाब और जलाशय अतिक्रमण के शिकार हो रहे हैं, इसे नजरअंदाज किया जा रहा है। इसे दलगत भावना अथवा पूर्वाग्रह से ऊपर उठकर दुरुस्त किया जाना चाहिए, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन हमारा संवैधानिक दायित्व है।
उपराष्ट्रपति ने क्या कुछ कहा?
पारंपरिक जल संचयन की संरचनाओं को पुनर्जीवित करने की जरूरत पर बल देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि पानी का संरक्षण हमेशा भारत की सभ्यागत प्रकृति का अभिन्न अंग रहा है। यह हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह प्रकृति के उपहारों का बुद्धिमानी से उपयोग सुनिश्चित करे।
धनखड़ ने कहा कि जन आंदोलन की भावना जल आंदोलन को गति दे, इसके लिए जरूरी है कि सभी नागरिक जल संरक्षण को अपने दैनिक जीवन में शामिल करें।
समारोह में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि बढ़ते शहरीकरण, आर्थिक प्रगति और कृषि के विस्तार को देखते हुए पानी की उपलब्धता बढ़ाना और उसका सदुपयोग सुनिश्चित करना एक बहुत बड़ी चुनौती है। इस चुनौती को पूरा करने के लिए हर व्यक्ति को योगदान देना होगा।
गजेंद्र सिंह शेखावत ने किसे बताया असली हीरो?
उन्होंने राष्ट्रीय जल पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए उन्हें असली हीरो बताया। शेखावत ने कहा कि भारत की सफलता की हर गाथा में उन सभी लोगों का नाम लिखा जाएगा जिन्होंने जल के संरक्षण के लिए अपने स्तर पर योगदान दिया।
शेखावत ने पानी के क्षेत्र में बढ़ रही जागरूकता का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नजरिये को देते हुए कहा कि उन्होंने जल जीवन मिशन की शुरुआत करते हुए एक महाभियान की नींव रखी थी। आज लगभग 62 प्रतिशत ग्रामीण घरों में टैप के जरिये पेयजल की आपूर्ति की जा रही है, जबकि तीन साल पहले यह संख्या मुश्किल से 15 प्रतिशत थी।
सर्वश्रेष्ठ राज्य का किसे मिला पुरस्कार?
राष्ट्रीय जल पुरस्कार 11 श्रेणियों में दिए गए। मध्य प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार मिला। दुसरे स्थान पर उड़ीसा और आंध्र व बिहार संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर रहे। सर्वश्रेष्ठ जिले का पुरस्कार उड़ीसा के गंजम जिले को मिला।
जल संरक्षण के लिहाज से सबसे अच्छी पंचायत रही तेलंगाना की जगन्नाथपुरम (भद्राद्रि कोटागुडम जिला)। चंडीगढ़ नगर निगम को सर्वश्रेष्ठ नगर निकाय का पुरस्कार मिला। दूसरे स्थान पर रहा इंदौर नगर निगम, जबकि तीसरा स्थान सूरत नगर निगम को मिला.
तालाबों पर अवैध कब्जे के अधिकांश मामलों में लेखपालों की मिलीभगत सामने आती है। राजस्व विभाग के अफसर अगर खाली कराने के लिए दबाव बनाते हैं तो, वे तरह-तरह के बहाने बताकर गुमराह कर देते हैं। इससे अधिकारी अपने पैर पीछे खींच लेते हैं।
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