देखते ही देखते करेंट के संपर्क में आकर राख में तब्दील हो गया 70 बोझा गेहूं
श्रीनारद मीडिया, सीवान , बिहार।
तपती धरती और पछिया हवा के थपेड़ों के बीच किसानों की जिंदगी सांसत में पड़ गयी है। कभी गेहूं की खड़ी फसल आग की चपेट में आने से जलकर स्वाहा हो जा रही है तो कभी खलिहान में पड़ा गेहूं का बोझा छोटी-सी चिंगारी से जलकर राख में तब्दील हो जाता है। तो कभी जमीन के समीप बिजली के लटकते तार बर्बादी का सबब बन जाते हैं। जबतक गेहूं का अनाज घर नहीं आ जाता,तबतक किसानों को चैन नहीं है। घटना जिले के बड़हरिया प्रखंड के मुसेहरी गांव की है,जब किसान की आंखों के सामने ही ट्रैक्टर पर लदा गेहूं का 70 बोझा धूं-धूंकर जल गया और किसान मुनीलाल गद्दी की बेबस निगाहें अपने निवाले को टुकूर-टुकूर निहारती रह गयीं।
सोमवार की सुबह 9 बजे जिले के बड़हरिया प्रखंड के नबीहाता के किसान मुनीलाल गद्दी मुसेहरी चंवर से ट्रैक्टर पर गेहूं का करीब 60 से 70 बोझा लादकर आ रहे थे। तभी अचानक मुसेहरी पच्छिम टोला में बिजली के तार लोडिंग ट्रैक्टर में टकरा गया। जिससे अचानक आग लग गई और गेहूं का बोझा धूं-धूंकर जलने लगा। और देखते ही ट्रैक्टर पर लदा 70 बोझा गेहूं खाक बन गया। यह सबकुछ किसान मुनीलाल की आंखों के सामने हो गया। ग्रामीण आनन फानन में वहां पहुंचकर आग बुझाने मे लग गये। लेकिन आग बुझने से पहले उनका पूरे गेहूं का बोझा जलकर राख हो चुका था l आग जैसे ही मुसेहरी गांव के अन्य खेतों की तरफ बढ़ ही रही था कि मुसेहरी गांव के मनीष कुमार ने बुद्धिमानी दिखाई और उन्होंने ट्रांसफार्मर का चेंजर गिराकर बिजली की प्रवाह को कम कर दिया। तब आग पर काबू पाया जा सका। नतीजतन गेहूं की फसल के साथ ही ट्रैक्टर बच सका। ग्रामीण प्रमोद सिंह, अफरोज अली, बिट्टू सिंह, इमरान अली, सागर सिंह, धर्मेंद्र सिंह, रवींद्र सिंह, आसिफ अली, टूना अली, राकेश कुमार, संतोष कुमार,मो आरिफ,मड़ई सिंह आदि ने आग बुझाने में बड़ी भूमिका निभाई। बहरहाल, इन युवकों की मेहनत रंग लायी और सैकड़ों एकड़ में खड़ी गेहूं की फसल स्वाहा होने से बच सकी।
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