स्नान, दान का महत्व, किन उपायों से मिल सकती है पाप कर्मों से मुक्ति
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
माघ माह की शुरुआत 7 जनवरी 2023 शनिवार से हो रही है जो 5 फरवरी 2023 को समाप्त होगा। माघ माह के शुरू होते ही स्नान दान का महत्व बढ़ जाता है, मान्यता है माघ माह में साधारण जल भी गंगा जल के समान पवित्र हो जाता है। माघ माह में श्री हरि विष्णु की आराधना और पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व है।
हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ माह में तिल, अन्न और वस्त्र दान का विशेष महत्व बताया गया है, साथ ही भगवान विष्णु की आराधना और गीता पाठ से भगवान श्री हरि को प्रसन्न किया जाता है। माघ में सूर्य देव की उपासना से आरोग्य की प्राप्ति होती है और पापकर्मों से मुक्ति मिलती है। बुरे कर्मों की क्षमा याचना के लिए भी माघ स्नान किया जाता है।
माघ महत्व की पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार गौतम ऋषि ने इंद्र देव को श्राप दे दिया, जिससे इंद्रदेव भयभीत हो गए और क्षमा याचना करने लगे। गौतम ऋषि ने श्राप से मुक्ति के लिए माघ माह में गंगा स्नान करने को कहा, इससे इंद्रदेव के पाप और श्राप खत्म हो गए। तभी से माघ माह में स्नान दान का महत्व है। लोग अपने पाप कर्मों से मुक्ति के लिए माघ माह में गंगा स्नान और दान करते हैं।
माघ मास में उपाय
– माघ माह में तिल का दान करें।
– माघ माह में प्रतिदिन सूर्य देव को अर्घ्य दें, सूर्यदेव के नामों का उच्चारण करें।
– भगवान विष्णु की आराधना करें इससे आपको सुख समृद्धि की प्राप्ति होगी।
– तुलसी पूजा करें, सायं काल तुलसी के सामने दीपक जलाएं।
– अन्न और वस्त्र का दान करें।
– पवित्र नदियों में स्नान करें।