मोदी ने अमेरिका और मिस्र से लौटने के बाद की महत्वपूर्ण बैठक
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
अमेरिका और मिस्र की अपनी राजकीय यात्रा समाप्त करने के बाद रविवार की रात दिल्ली पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में अमित शाह, निर्मला सीतारमण और हरदीप सिंह पुरी समेत कई केंद्रीय मंत्री शामिल हुए।
शाह ने पीएम को दी मणिपुर के घटनाक्रम की जानकारी
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पीएम मोदी से मुलाकात कर उन्हें मणिपुर के घटनाक्रम की जानकारी दी। रविवार को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने शाह को राज्य की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी दी और कहा कि राज्य और केंद्र सरकार काफी हद तक हिंसा को नियंत्रित करने में सक्षम हैं।
नड्डा से पीएम मोदी ने पूछा- देश में क्या चल रहा है
इससे पहले, पीएम मोदी अमेरिका और मिस्र की सफल यात्रा के बाद रविवार की रात दिल्ली पहुंचे। पालम एयरपोर्ट पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और दिल्ली के सभी सांसदों ने उनका स्वागत किया। इस दौरान पीएम मोदी ने नड्डा से पूछा कि देश में क्या चल रहा है, जिस पर नड्डा ने बताया कि पार्टी के नेता उनकी सरकार के नौ वर्षों के रिपोर्ट कार्ड के साथ लोगों तक पहुंच रहे हैं। देश के लोग भी काफी खुश हैं।
एकसाथ आ रहे भारत और अमेरिका
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पीएम मोदी की अमेरिका और मिस्र की राजकीय यात्रा पर बात की। उन्होंने कहा, यह एक बहुत ही ऐतिहासिक यात्रा थी। यह बहुत गर्व का क्षण था, जब व्हाइट हाउस में भारत पर चर्चा हुई। अमेरिका भारत को एक समान भागीदार के रूप में देखता है। यात्रा के दौरान भारत पर केंद्रित कई विदेश नीतियों पर हस्ताक्षर किए गए। भारत और अमेरिका एक बड़ी ताकत के रूप में एक साथ आ रहे हैं। पीएम मोदी की यात्रा को विश्व स्तर पर एक मील का पत्थर माना जाता है। भारत अब एक बड़ी ताकत बन गया है।
अब वैश्विक खिलाड़ी के तौर पर देखा जाता है भारत
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत को अब एक महत्वपूर्ण तकनीकी भागीदार और वैश्विक खिलाड़ी के रूप में देखा जाता है। यात्रा के दौरान अमेरिका के साथ 35 उभरती हुई तकनीकों पर साझेदारी की गई। भारत-अमेरिका अर्धचालकों के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करेंगे। जेट इंजन सौदा सबसे महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
मणिपुर में पिछले दो महीने से जारी हिंसा थमने का नाम ही नहीं ले रही है। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा की बदलती प्रकृति पर चिंता व्यक्त की है।
केंद्रीय गृह मंत्री कथित तौर पर इम्फाल घाटी के जिलों में हिंसा और नागरिक अशांति के स्थानांतरित होने से चिंतित हैं। स्थिति पर हल ढूंढ़ने के लिए केन्द्रीय गृह मंत्री ने सर्वदलीय बैठक भी बुलाई थी।
मणिपुर में फैली हिंसा पर शाह ने जताई चिंता
रविवार देर रात नई दिल्ली से लौटने के बाद मुख्यमंत्री एन बीरेन ने यहां मीडिया से कहा, “क्षेत्रों में गोलीबारी से लेकर घाटी के जिलों में नागरिक अशांति तक हिंसा की बदलती प्रकृति अमित शाह जी के लिए चिंता का विषय बन गई है।”
एन बीरेन सिंह ने किया ट्वीट
सिंह ने ट्वीट कर लिखा, “आज नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और मणिपुर में जमीनी स्तर पर बदलती स्थिति के बारे में जानकारी दी. अमित शाह की करीबी निगरानी में, राज्य और केंद्र सरकार पिछले हफ्ते में काफी हद तक हिंसा को नियंत्रित करने में कामयाब हुई है।”
राज्य और केंद्र सरकार ने हिंसा पर किया काफी नियंत्रण
मुख्यमंत्री ने कहा, “शाह ने केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन सिंह के घर और राज्य मंत्री सुशींद्रो मैतेई के आवास पर हमले, चल रही आगजनी और सरकारी संपत्तियों को नष्ट करने और सुरक्षा बलों की आवाजाही में बाधा डालने जैसे मुद्दे उठाए।” सीएम बीरेन सिंह ने कहा कि 13 जून के बाद से हिंसा के कारण किसी के हताहत होने की कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
केन्द्र सरकार स्थिति बहाल करने के लिए हर संभव कदम उठाएगी
सीएम बीरेन सिंह ने कहा कि उन्होंने मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की एक रिपोर्ट केन्द्र को सौंपी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा, “हिंसा का प्रारंभिक चरण अत्यधिक राजनीतिक और संवेदनशील थे, लेकिन हम यह नहीं कह सकते कि अब क्या हो रहा है। स्थिति बहुत अराजक है।”
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार मणिपुर में सामान्य स्थिति वापस लाने के लिए हर संभव कदम उठाएगी।
मणिपुर हिंसा को लेकर हुई सर्वदलीय बैठक
मणिपुर की स्थिति पर गृह मंत्री द्वारा नई दिल्ली में सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करने के एक दिन बाद शाह और सिंह के बीच बैठक हुई। तीन घंटे तक चली बैठक में अठारह राजनीतिक दल, पूर्वोत्तर के चार सांसद और दो मुख्यमंत्री शामिल हुए।
गृह मंत्री ने सर्वदलीय बैठक में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले दिन से ही हिंसा प्रभावित राज्य की स्थिति पर नजर रख रहे हैं और समस्या का समाधान खोजने के लिए पूरी संवेदनशीलता के साथ हमारा मार्गदर्शन कर रहे हैं।
दो महीने में 100 से अधिक लोगों की मौत
पूर्वोत्तर राज्य में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में अब तक 100 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद 3 मई को पहली बार झड़पें हुईं।
मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं। आदिवासी – नागा और कुकी – आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा है और पहाड़ी जिलों में रहते हैं।
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