Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
समान नागरिक संहिता पर संसदीय स्थायी समिति की अहम बैठक प्रारंभ - श्रीनारद मीडिया

समान नागरिक संहिता पर संसदीय स्थायी समिति की अहम बैठक प्रारंभ

समान नागरिक संहिता पर संसदीय स्थायी समिति की अहम बैठक प्रारंभ

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

देश में समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर कानून मंत्रालय की संसदीय स्थायी समिति की अहम बैठक शुरू हो गई है। भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी की अध्यक्षता में यह बैठक हो रही है। इस बैठक में कार्मिक, सार्वजनिक शिकायत, कानून और न्याय पर राज्यसभा संसदीय स्थायी समिति दोपहर 3 बजे से विचार-विमर्श कर रही है। सुशील मोदी ने पहले बताया था कि पैनल इस मामले पर हितधारकों की राय मांगेगा।

बैठक में हुए ये लोग शामिल

इस बैठक के लिए कानूनी मामलों के विभाग, विधायी विभाग के साथ-साथ भारत के विधि आयोग के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया। यूसीसी नागरिकों के व्यक्तिगत कानून बनाने और लागू करने का प्रस्ताव है जो सभी नागरिकों पर उनके धर्म, लिंग और यौन अभिविन्यास की परवाह किए बिना समान रूप से लागू होते हैं।

आम जनता से भी मांगी गई राय

वर्तमान में, विभिन्न समुदायों के व्यक्तिगत कानून उनके धार्मिक ग्रंथों द्वारा शासित होते हैं। संसदीय पैनल ने इस विषय पर चर्चा का आह्वान किया है, जबकि 22वें विधि आयोग ने पिछले महीने समान नागरिक संहिता की जांच शुरू कर दी थी। 14 जून को 22वें विधि आयोग ने समान नागरिक संहिता की जांच के लिए जनता और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों से राय मांगी थी। आम जनता इस मामले पर 14 जुलाई तक अपनी राय आयोग को भेज सकती है।

पीएम मोदी के बयान पर विपक्ष का हमला

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) की पुरजोर तरह से वकालत की थी। यूसीसी पर दिए पीएम मोदी के बयान के बाद से कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने हमला बोला हैं। दरअसल, पीएम मोदी ने यूसीसी की वकालत करते हुए कहा था कि दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चलेगा? साथ ही उन्होंने संविधान में सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार का भी उल्लेख किया था।

बताया जा रहा है कि यूसीसी पर बीते 26 जून तक लॉ कमीशन को क़रीब साढ़े आठ लाख सुझाव मिले हैं. विधि आयोग ने 14 जून को राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दे पर लोगों और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों सहित सभी हितधारकों से विचार आमंत्रित किए थे.इस बैठक में भाग लेने के लिये अलग अलग दलो के 31 सदस्यों को आमंत्रित किया गया है. इसमें 20 लोक सभा के और 11 राज्य सभा के सदस्य हैं.

यूसीसी का आमतौर पर मतलब है- देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून होना, जो धर्म पर आधारित न हो. पर्सनल लॉ और विरासत, गोद लेने और उत्तराधिकार से संबंधित कानूनों को एक समान संहिता द्वारा कवर किये जाने की संभावना है.

यूसीसी का कार्यान्वयन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चुनावी घोषणापत्र का हिस्सा रहा है. उत्तराखंड पहले से ही अपनी समान नागरिक संहिता बनाने की प्रक्रिया में है. भाजपा ने हाल के विधानसभा चुनावों से पहले कर्नाटक में भी यूसीसी का वादा किया था.

Leave a Reply

error: Content is protected !!