जानना जरूरी है – गुरुद्वारे में शादी का ड्रेस कोड ! लहंगा नहीं, सिर्फ ये जोड़ा पहन सकेंगी दुल्हनें
श्रीनारद मीडिया, स्टेट डेस्क:
सिख धर्म में गुरुद्वारा साहिब में आनंद कारज के दौरान दुल्हन के लिए ड्रेस कोड तय कर दिया गया है।
सिखों के 5 तख्तों के जत्थेदारों की तख्त श्री हजूर साहिब में मीटिंग के दौरान इस संबंध में प्रस्ताव पारित किया।
जिसके बाद सिख धर्म को सख्ती से अमल करने को भी कहा है। अगर, इनका पालन सही से नहीं किया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इन निर्देशों में कहा गया है कि दुल्हन लावां-फेरे के दौरान भारी लहंगे न पहने। सिर्फ कमीज-सलवार व सिर पर चुन्नी पहने।
देखने में आया है कि लावों के समय लड़कियां महंगे व फैशनेबल लहंगे और घाघरे पहनकर गुरुद्वारों में आती हैं।
वे कपड़े इतने भारी होते हैं कि दुल्हन के लिए उन्हें पहनकर चलना, उठना-बैठना और गुरु महाराज के सामने नतमस्तक होना भी मुश्किल हो जाता है।
📌सिर पर चुन्नी की छाया करने पर भी रोक👉🏻
मीटिंग के दौरान सिंह साहिबों ने कहा कि आनंद कारज के दौरान दुल्हन पर चुन्नी या फूलों की छाया करने का प्रचलन शुरू हो चुका है, जो ठीक नहीं है।
रिश्तेदार गुरु ग्रंथ साहिब के आगे तक दुल्हन पर चुन्नी व फूलों की छाया कर के लाते हैं। ऐसे में अब लावां-फेरे के दौरान गुरुद्वारों में फूलों या चुन्नी की छाया कर लाने पर रोक लगा दी गई है।
📌कार्ड के अंदर-बाहर सिंह-कौर लिखना होगा👉🏻
सिंह साहिबों ने बताया कि आज कल आनंद कारज के निमंत्रण कार्डों पर लड़के व लड़की के नाम के आगे सिंह व कौर नहीं लिखा जाता है। ये भी ठीक नहीं है।
इसे देखते हुए अब कार्ड के बाहर व अंदर दोनों जगह दुल्हन व दूल्हे के नाम के आगे कौर व सिंह का लिखना अनिवार्य होगा।
📌बीच या रिजॉर्ट में श्री गुरु ग्रंथ साहिब ले जाने पर भी रोक👉🏻
इसके अलावा सिख मर्यादा के साथ नहीं हो रही शादी में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के ले जाने पर रोक लगाई जा चुकी है। दरअसल, श्री अकाल तख्त साहिब के ध्यान में आया था कि आज कल डेस्टिनेशन वेडिंग्स का प्रचलन बढ़ गया है।
इसके चलते कुछ लोग श्री गुरु ग्रंथ साहिब को समुद्र किनारे या रिजॉर्ट में ले जाकर प्रकाश करते हैं और लावां- फेरे लेते हैं, तब भी सिंह साहिबों ने ऐसे शादी के दौरान श्री गुरु ग्रंथ साहिब के ले जाने पर रोक लगाई थी।
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