सड़क दुर्घटना में FASTag कार पर लगे रहने से हो सकते हैं भारी नुकसान,कैसे?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
भारत में सड़क दुर्घटनाएं काफी आम हैं, और एक चीज जो लोग अपने वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद करते हैं, वह है कार को मौके पर छोड़ना या नजदीकी पुलिस स्टेशन से संपर्क करना। कार के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद चालक सहित कार में बैठे लोग अपने सामान को सुरक्षित करने में लग जाते हैं। वहीं हमें पूरा यकीन है कि कार से FASTag हटाना उनमें से एक नहीं है। जिस कार का एक्सीडेंट हुआ हो उससे FASTag हटाना वास्तव में काफी महत्वपूर्ण है।
जानकारी के लिए बता दें, FASTag नहीं हटाने से कार के मालिक को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। FASTag भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा संचालित एक इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली है। इसमें एक चिप होती है, जो एक खाते से जुड़ी होती है। हर बार जब कार राष्ट्रीय राजमार्ग पर टोल प्लाजा को पार करती है, तो राशि अपने आप खाते से कट जाती है। दुर्घटना की स्थिति में जो पैसा पहले से खाते में है, वह नहीं निकाला तो किसी काम का नहीं रहेगा।
क्यों हैं जरूरी
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी ने बताया कि, “दो प्रमुख कारणों से FASTag को हटाया जाना चाहिए। FASTag में सभी विवरणों के साथ एक छोटी सी चिप सामने के कांच के टूटने या टूटने की स्थिति में क्षतिग्रस्त हो सकती है। वहीं FASTag ठीक दिखेगा, लेकिन चिप काम नहीं करेगा। ऐसे में बिना फास्टैग के वाहन पर विचार किया जाएगा और चालक को जुर्माना भरना पड़ सकता है। दूसरा क्षतिग्रस्त वाहन से FASTag को हटाना इसलिए आवश्यक है, क्योंकि FASTag में शेष राशि को दूसरे FASTag में स्थानांतरित करना होता है। बाकी बची रकम को रजिस्टर्ड नंबर से ही नए FASTag में ट्रांसफर किया जा सकता है। इसलिए दुर्घटना के बाद FASTag को जरूर हटाना चाहिए।”
सरकार ने भारत में वाहनों पर FASTag अनिवार्य कर दिया था। FASTag का मुख्य मकसद टोल प्लाजा पर वाहनों के वेटिंग टाइम को कम करना है। आम तौर पर जब लोग नकद भुगतान कर रहे होते हैं, तो इसमें बहुत समय लगता है जिससे टोल के सामने लंबी कतारें लग जाती हैं।
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