बिहार में नवनियुक्त शिक्षकों को लेकर विभाग के कर्मियों की छुट्टियां रद्द,क्यों?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार में बीपीएससी द्वारा आयोजित शिक्षक नियुक्ति से चयनित 1.2 लाख नये स्कूल शिक्षकों को लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक का नया आदेश सामने आया है. पाठक ने बुधवार को सभी जिला अधिकारियों को पत्र लिखकर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करते हुए यह साफ किया है कि नवनियुक्त शिक्षकों को 1 नवंबर से 21 नवंबर के बीच पदस्थापित किया जायेगा. शिक्षकों की पोस्टिंग ग्रामीण इलाकों के स्कूल में होगी. इसके साथ ही शिक्षकों के योगदान को लेकर शिक्षा विभाग के सभी पदाधिकारियों व कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई है.
स्कूल में योगदान की तिथि से शुरू होगा वेतन
अपर मुख्य सचिव ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों (DEO) को कहा है कि नवनियुक्त शिक्षकों को दो नवंबर को औपबंधिक नियुक्ति पत्र दिया गया था, उस पत्र में शिक्षकों का स्कूल में जल्द योगदान कराए जाने की बात कही गई थी. इसके साथ ही शिक्षकों का वेतन और परिवीक्षा (प्रोबेशन) अवधि स्कूल में योगदान की तिथि से शुरू होगी. इन शिक्षकों को फिलहाल ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल में पदस्थापित किया जाएगा.
21 नवंबर तक शिक्षकों को किया जाएगा पदस्थापित
केके पाठक ने कहा है कि सभी जिलों में चरणबद्ध तरीके से विद्यालय अध्यापकों को स्कूलों में पदस्थापित करें. स्कूलों में पदस्थापना की कवायद हर हाल में 21 नवंबर तक पूरी हो जाये. ताकि छठ के बाद जैसे ही स्कूल खुलें , वैसे ही पठन -पाठन का कार्य पूरे समर्पण के साथ शुरू हो सके.
मेधा सूची के अनुसार वरीयता तय
अपर मुख्य सचिव ने साफ किया कि चयनित शिक्षकों को स्कूलों में योगदान के लिए आपाधापी नहीं करना चाहिए, क्योंकि विद्यालय योगदान की तिथि से उनकी वरीयता का कोई संबंध नहीं है. उनकी वरीयता बिहार लोक सेवा आयोग की मेधा सूची के अनुसार पहले से ही तय हो चुकी है.
औपबंधिक नियुक्ति पत्र वाले शिक्षकों का ही हो योगदान
अपर मुख्य सचिव ने जिला पदाधिकारियों से कहा है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि स्कूलों में योगदान उन्हीं अध्यापकों का हो, जिन्होंने बीपीएससी से परीक्षा दी है. साथ ही इस बात की भी जांच कर लें कि क्या इनकी काउंसिलिंग सफलतापूर्वक की गई है. क्या ये वही अध्यापक हैं, जिन्हें दो नवंबर को औपबंधिक नियुक्ति पत्र दिये गये हैं.
जिला पदाधिकारियों को अपर मुख्य सचिव ने यह दिये खास निर्देश
- प्रत्येक जिले में जिला पदाधिकारियों से मीटिंग कर यह बताएं कि आपके जिले में कितने चरणों में योगदान लिया जायेगा.
- सभी जिला पदाधिकारी तय करें कि किस तरह और कितने चरणों में योगदान लिये जायें.
- प्रधानाध्यापकों के सामने ही योगदान कराया जाये. प्रधानाध्यापक ही योगदान पत्र को जिला शिक्षा पदाधिकारी से स्वीकृत करायेंगे.
- योगदान अभियान मोड में लें. इसके लिए शिक्षा विभाग के सभी पदाधिकारियों व कर्मियों की छुट्टियां रद्द की जायें. उन्हें किसी भी लॉ एंड आर्डर के काम में न लगाया जाये.
शिक्षकों की आवश्यक जानकारी सॉफ्टवेयर में की जा रही अपलोड
अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने बताया है कि स्कूल आवंटन की प्रक्रिया के लिए स्कूल और सब्जेक्ट के हिसाब से शिक्षकों की आवश्यक जानकारी विभागीय सॉफ्टवेयर में अपलोड करने के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारियों से कहा गया है. उन्होंने बताया कि कई छोटे एवं मध्यम श्रेणी के जिलों में यह कवायद पूरी की जा चुकी है. बड़े जिलों में यह काम एक से दो दिन में पूरा कर लिया जायेगा. सॉफ्टवेयर में डेटा फीड हो जाने के बाद रैंडमाइजेशन का काम प्रारंभ किया जायेगा.
शहरी क्षेत्रों के स्कूलों में पदस्थापना नहीं
अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने कहा है कि विभाग ने यह तय किया है कि नव नियुक्त विद्यालय अध्यापकों की पदस्थापना केवल ग्रामीण स्कूलों में की जायेगी. फिलहाल की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है. यह समिति सॉफ्टवेयर के माध्यम से हर जिले के स्कूल शिक्षकों की पोस्टिंग सुनिश्चित करेगी. शहरी क्षेत्रों के स्कूलों में पदस्थापना नहीं की जायेगी.
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) से चयनित एक लाख से अधिक शिक्षकों के स्कूल आवंटन को लेकर तैयारी चरम पर है. इन शिक्षकों को छठ के बाद स्कूल पहुंचाने की तैयारी चल रही है. अध्यापकों की पदस्थापना विभागीय सॉफ्टवेयर के जरिये रेंडमाइजेशन करते हुए की जायेगी. इस रेंडमाइजेशन और आवंटन की पूरी प्रक्रिया को सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में किया जाएगा. इस संबंध में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने एक फरमान जारी कर कहा है कि नव नियुक्त शिक्षकों के स्कूल आवंटन के अहम चरण रेंडमाइजेशन की प्रक्रिया सीसीटीवी कैमरे में रिकार्ड की जाये. इसके साथ ही पूरी रिकार्डिंग को प्रमाण के तौर पर सुरक्षित रखा जाए. जिला स्तर पर जहां भी रेंडमाइजेशन की प्रक्रिया होगी, वहां सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे.
तीन बार होगा रेंडमाइजेशन
अपर मुख्य सचिव पाठक द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि प्रत्येक जिले में रेंडमाइजेशन की प्रक्रिया तीन बार की जाये. तीसरी बार का रैंडमाइजेशन को अंतिम माना जायेगा. तीसरे बार के रैंडमाइजेशन को फाइनल और आखिरी माना जाएगा. इसी के निष्कर्ष के आधार पर ही विद्यालय अध्यापकों को पदस्थापित किया जायेगा. इस सारी प्रक्रिया की देख रेख माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बनायी गयी एक समिति करेगी.
इन लोगों को बनाया गया कमिटी का सदस्य
रैंडमाइजेशन और पदस्थापना की प्रक्रिया की देख रेख करने वाली इस समिति के सदस्य प्राथमिक शिक्षा निदेशक, अपर राज्य परियोजना निदेशक रविशंकर सिंह, प्राथमिक शिक्षा के उप निदेशक संजय कुमार चौधरी, माध्यमिक शिक्षा के उप निदेशक अब्दुस सलाम अंसारी बनाए गये हैं.
सॉफ्टवेयर के माध्यम से होगा स्कूल आवंटन
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित सभी विद्यालय अध्यापकों को स्कूल आवंटन की प्रक्रिया सॉफ्टवेयर के माध्यम से की जानी है. इसके पहले शिक्षकों की सूची और पदों को सॉफ्टवेयर में अपलोड किया जाएगा. राज्य में स्कूल आवंटन की प्रक्रिया पहली बार सॉफ्टवेयर से की जा रही है.
ग्रामीण स्कूलों में होगी पोस्टिंग
बता दें कि एक लाख 20 हजार से अधिक शिक्षकों को बीपीएससी की परीक्षा से चयन हुआ था. इनमें से काउंसिलिंग के बाद लगभग एक लाख दस हजार शिक्षकों को औपबंधित नियक्ति पत्र दिया गया था. जिसके बाद अब इनके पदस्थापना की प्रक्रिया तेजी से चल रही है. इन नव नियुक्त विद्यालय अध्यापकों की पदस्थापना केवल ग्रामीण स्कूलों में की जायेगी. जिसके लिए युद्ध स्तर पर कार्रवाई जारी है.
21 नवंबर तक शिक्षकों से दिला दिया जाएगा योगदान
चयनित शिक्षकों को 11 नवंबर से 21 नवंबर के बीच स्कूलों में योगदान दिया जायेगा. जिला स्तर पर योगदान करा कर उन्हें ग्रामीण स्कूलों में पदस्थापित किया जायेगा. हर हाल में चरणबद्ध तरीके से हर जिले के स्कूलों में स्कूली शिक्षकों की तैनाती की कवायद 21 नवंबर तक पूरी कर ली जायेगी. ताकि छठ के बाद स्कूल खुलते ही नये शिक्षक स्कूलों में पढ़ाना शुरू कर सकें.
योगदान देने वाले नये शिक्षकों को नवंबर का वेतन एक दिसंबर तक
वैसे नये शिक्षक जो आवंटित स्कूल में नवंबर में योगदान कर लेते हैं, उन्हें नवंबर का वेतन एक दिसंबर तक दे दिया जायेगा. अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने इस संदर्भ में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को आदेश जारी कर दिये हैं. जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि वेतन भुगतान से संबंधित कार्यवाही एचआरएमएस के तहत ऑन बोर्डिंग प्राॅन नंबर जनरेट किया जाए. समूची कवायद एक सप्ताह में पूरी कर ली जाए.