बिहार में एनडीए को 38 सीट, कांग्रेस को 2 सीट
किशनगंज और जहानाबाद छोड़ 38 सीट भाजपा
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
लोकसभा चुनाव के सभी सात चरणों के चुनाव संपन्न हो चुके हैं। शनिवार को अंतिम चरण में बिहार की आठ सीटों पर मतदान का काम पूरा हो गया है। शाम साढ़े छह बजे के बाद चुनाव आयोग ने एग्जिट पोल पर लगी रोक हटा लिया है। इसके साथ ही विभिन्न सर्वे एजेंसियों के आंकड़े सामने आने लगे हैं। एक एजेंसी स्कूल ऑफ पॉलिटिक्स के सर्वे के अनुसार बिहार में एनडीए को फिर से भारी बढ़त मिलती दिख रही है।
एजेंसी के अनुसार एनडीए को बिहार में एक सीट का लॉस होता दिख रहा है। फिर भी राज्य की 40 में से 38 लोकसभा सीटों पर बीजेपी, जेडीयू, एलजेपी आर, हम और रालोमो के उम्मीदवारों की जीत का अनुमान है। एक सीट कांग्रेस पार्टी को मिल रही है तो एक सीट आरजेडी के मिलती दिख रही है। इस एजेंसी के अनुसार बिहार में वाम दलों और मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी का खाता भी नहीं खुलने जा रहा है। स्कूल ऑफ पॉलिटिक्स का यह भी दावा कि एजेंसी ने
स्कूल ऑफ पॉलिटिक्स के आंकड़ों के अनुसार किशनगंज औऱ जहानाबाद को छोड़कर बिहार की सभी 38 सीटें एनडीए के खाते में जा रही हैं। किशनगंज में फिर से कांग्रेस का कब्जा बरकरार रहेगा। कांग्रेस प्रत्याशी मोहम्मद जावेद आजाद ने 2019 के लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की लाज बचाई थी। इस बार भी कांग्रेस ने उन्हें उतारा है।
एजेंसी के सर्वे के अनुसार जावेद आजाद एनडीए के जेडीयू प्रत्याशी मुजाहिद आलम को पराजित करके किशनगंज जीतकर इंडिया गठबंधन की झोली में डालेंगे। जहानाबाद में जेडीयू के चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी चुनाव हार रहे हैं। राजद के उम्मीदवार सुरेंद्र यादव यह सीट निकाल लेंगे। पिछले चुनाव में मात्र 1751 वोटों से वह चुनाव हार गए थे। उनकी जीत से बिहार में राजद का खाता खुलता दिख रहा है। हालांकि जहानाबाद में बीएसपी से पूर्व सांसद अरुण कुमार भी चुनाव लड़ रहे हैं।
स्कूल ऑफ पॉलिटिक्स के अनुसार आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की दोनों बेटियां मीसा भारती और रोहिणी आचार्या अपनी अपनी सीटों से लोकसभा चुनाव हार रही हैं। बड़ी बेटी मीसा भारती को पाटलिपुत्र में बीजेपी के रामकृपाल यादव और छोटी बेटी रोहिणी आचार्य को सारण लोकसभा सीट पर बीजेपी के राजीव प्रताप रूडी से मात मिलती दिख रही है। काराकाट की चर्चित सीट पर पवन सिंह भी चुनाव हार रहे हैं। इससीट पर एनडीए उम्मीदवार और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा जीतते दिखाई पड़ रहे हैं।
एजेंसी के अनुसार पूर्णिया की हॉट सीट पर पप्पू यादव चुनाव हार रहे हैं। वहां जदयू के संतोष कुशवाहा जीत रहे हैं। सीवान में भी हेना शहाब की हार का अनुमान एजेंसी ने लगा दिया है। वहां जेडीयू की विजय लक्ष्मी देवी चुनाव जीत रही हैं। चिराग पासवान हाजीपुर से, ललन सिंह मुंगेर से लवली आनंद शिवहर से, देवेश चंद्र ठाकुर, सीतामढ़ी से, वीणा देवी वैशाली से और राजभूषण निषाद मुजफ्फरपुर से चुनाव जीत रहे हैं। मुकेश सहनी के तीनों उम्मीदवार चुनाव हार रहे हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 के टीवी 9 पोलस्ट्रैट के एग्जिट पोल के नतीजों में बिहार में एनडीए की 29 सीटों पर जीत का दावा किया गया है। बीजेपी बिहार में अपने खाते की सभी 17 सीटों पर परचम लहरा सकती है। वहीं, नीतीश कुमार की जेडीयू को 16 में से सिर्फ 7 सीटों पर जीत मिल सकती है, चिराग पासवान की लोजपा रामविलास पांच में से 4 सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है।
वहीं जीतनराम मांझी गया सीज से जीतते दिख रहे हैं। उपेंद्र कुशवाहा के काराकाट जीतने का अनुमान नहीं है। दूसरी ओर, महागठबंधन में आरजेडी अपने खाते की महज 6 सीटों पर ही जीत दर्ज सकती है। कांग्रेस को भी 2 सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है। इस सर्वे के मुताबिक निर्दलीय एवं अन्य दलों के खाते में 3 सीटें जाती दिख रही हैं।
पिछले चुनाव के मुकाबले बीजेपी नीत एनडीए को बिहार में 5 से 10 सीटों का नुकसान झेलना पड़ सकता है। 2019 में बीजेपी, जेडीयू और लोजपा ने मिलकर 40 में से 39 सीटें जीती थीं। वहीं, 2024 के अधिकतर एग्जिट पोल में बिहार में आरजेडी, कांग्रेस और वाम दलों को 5 से 10 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। पिछले चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाने वाली आरजेडी का इस बार खाता खुल सकता है। कांग्रेस को भी किशनगंज के अलावा एक-दो अन्य सीटों पर जीत मिल सकती है। वहीं, तीनों लेफ्ट पार्टियां- सीपीआई, सीपीएम और सीपीआई माले का सूखा इस बार भी खत्म होना मुश्किल नजर आ रहा है।
किशनगंज रही है कांग्रेस का गढ़
स्कूल ऑफ पॉलिटिक्स नाम की एजेंसी के सर्वे में इंडिया गठबंधन के खाते में सिर्फ दो ही सीटें जाती दिखाई दे रही हैं। इनमें से एक सीट है किशनगंज की। यह सीट परंपरागत रूप से कांग्रेस के पास रही है। यहां पर पिछली बार डॉक्टर मोहम्मद जावेद आजाद चुनाव जीते थे। इस बार भी कांग्रेस ने उन्हें ही मैदान में उतारा है। दूसरी तरफ एनडीए के सहयोगी जेडीयू ने इस सीट पर मुजाहिद आलम को कैंडिडेट बनाया था। इस सीट पर एआईएमआईएम ने भी उम्मीदवार उतारा है।
जहानाबाद में त्रिकोणीय लड़ाई
जहानाबाद में लड़ाई त्रिकोणीय है। जहां जेडीयू से एक बार फिर चंदेश्वर प्रसाद मैदान में हैं, वहीं आरजेडी ने पूर्व सांसद सुरेंद्र यादव को चुनावी मैदान में उतारा है। इन सबके बीच पूर्व सांसद अरुण कुमार बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। जहानाबाद का सियासी समीकरण काफी मिला-जुला रहा है। यहां पर कांग्रेसियों को पनपने का मौका मिला तो कम्युनिस्ट भी यहां खूब फले-फूले। इसके साथ ही साथ समाजवादी धारा भी यहां उठान पर रही है। साल 1996 के लोकसभा चुनाव तक यहां पर लेफ्ट का बोलबाला रहा।
वहीं इंडिया टीवी सीएनएक्स एग्जिट पोल में बीजेपी को 17, जेडीयू को 11-13, एलजेपी (आर) को 3-4, हम को 1 सीट मिलती दिख रही है। इस तरह एनडीए के खाते में वहीं इंडिया अलायंस की सहयोगी आरजेडी को 3-5, कांग्रेस को 0- 2 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं अन्य के खाते में 0-1 सीट जा सकती है।
वहीं रिपब्लिक टीवी PMARQ and Matrize के एजिग्ट पोल में बिहार की 40 सीटों में एनडीए को 32-37, इंडिया अलायंस को 2-7 सीटें और अन्य के खाते में एक सीट जाने का अनुमान है। वहीं आर भारत PMARQ Exit Poll में एनडीए को 37 सीटें और इंडिया अलायंस को 3 सीटें मिलने का अनुमान है।
वहीं न्यूज 24 टूडेज चाणक्य के एग्जिट पोल में एनडीए को 36 सीटें मिलने का अनुमान है। जिसमें 4 सीटों का घाटा और फायदा भी हो सकता है। वहीं इंडिया अलायंस को 4 मिलती दिख रही है। महागठबंधन को भी 4 सीटों का नुकसान और फायदा हो सकता है। वहीं अन्य को जीरो य फिर एक सीट मिल सकती है।
इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल की तो बिहार में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को 29-33 सीटें मिलती दिख रही हैं। वहीं आरजेडी, कांग्रेस, वाम दल, वीआईपी वाले महागठबंधन (इंडिया अलायंस) को 7-10 सीटें मिलती दिख रही हैं। वहीं अन्य के खाते में 0-2 सीटें जा सकती हैं। वहीं अगर बात करें 2019 के नतीजों की तो एनडीए को 39 सीटें मिली थी। और एक सीट कांग्रेस के खाते में गई है। उस लिहाज से इस बार एनडीए को करीब 9 सीटों का नुकसान होता दिख रहा है।
वहीं अगर बात करें न्यूज नेशन के एग्जिट पोल की तो बिहार की 40 सीटों में बीजेपी को 16, एनडीए की सहयोगी जेडीयू को 11, एलजेपी (आर) को 4 और इंडिया अलायंस की सहयोगी आरजेडी को 9 सीटें मिलती दिख रही है। इस एग्जिट पोल में कांग्रेस का खाता खुलता नहीं दिख रहा है। 2019 में जीरो सीटें पाने वाली आरजेडी को 9 सीटें मिलती दिख रही हैं।
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