बिहार में अब पंचायतें रहेंगी बीडीओ, डीडीसी व डीएम के हवाले.

बिहार में अब पंचायतें रहेंगी बीडीओ, डीडीसी व डीएम के हवाले.

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्‍क

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

बिहार की त्रिस्तरीय पंचायतों का कामकाज 15 जून के बाद जनप्रतिनिधियों के बजाए पूरी तरह अफसरों के हवाले होगा। वार्ड से लेकर ग्राम पंचायत, पंचायती समिति और जिला परिषद तक की विकास योजनाएं बनाने और मंजूर करने का अधिकार प्रखंड से लेकर जिलों के अफसरों को देने की तैयारी की जा रही है। विकास योजनाओं की तकनीकी और प्रशासनिक स्वीकृति का अधिकार बीडीओ, डीडीसी और डीएम को सौंपने का मसौदा पंचायती राज विभाग तैयार कर रहा है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा।

रही सही कसर को कोरोना ने पूरी कर दी

उधर, सरकार की तैयारियों से स्पष्ट है कि 15 जून से पहले त्रिस्तरीय पंचायतों में चुनाव कराने के प्रस्ताव को राज्य निर्वाचन आयोग ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है। पहले तो ईवीएम विवाद और फिर रही सही कसर को कोरोना ने पूरी कर दी। तेजी से बढ़ रहे संक्रमण ने आयोग की तैयारी पर पानी फेर दिया। ऐसे में सरकार के पास एक मात्र विकल्प के रूप मेें पंचायती राज कानून-2006 में संशोधन ही शेष है। इसी के तहत पंचायती राज विभाग कानून में संशोधन का मसौदा तैयार कर रहा है।

आयोग के लिए चुनाव करना संभव नहीं

चुनाव पर विचार करने के लिए आयोग ने 21 अप्रैल को 15 दिनों का समय लिया था। आयोग को उम्मीद थी कि कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम हो जाएगी, लेकिन समय सीमा समाप्त होने के बाद कोरोना की रफ्तार कम होने के बदले बढ़ती जा रही है। ऐसे में यह तय है कि जून के पहले सप्ताह में मानसून का प्रवेश के कारण आयोग के लिए चुनाव करना संभव नहीं होगा।

संवैधानिक संकट के विकल्प की तलाश 

2006 मेें पंचायती राज अधिनियम बनाने के दौरान विशेषज्ञों को अहसास भी नहीं था कि कभी चुनाव टालने की नौबत आएगी। ऐसे में पंचायती राज संस्थाओं के अधिकार दिए जाने के बारे में अधिनियम में कोई उल्लेख नहीं है। लिहाजा वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिए सरकार को अध्यादेश लाना होगा। हालांकि विचार इसपर भी किया जा सकता है कि पंचायती संस्थाओं के कार्यकाल का विस्तार किया जाए। चुनाव को लेकर पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी का कहना है कि चुनाव कब होंगे, इसका फैसला आयोग करेगा। राज्य सरकार फंड और अन्य इंतजाम करती है। सरकार वह काम कर चुकी है, लेकिन आज की तारीख में चुनाव कराना संभव नहीं लग रहा है।

ये भी पढ़े..

Leave a Reply

error: Content is protected !!