बिहार में भाजपा विधायक ने कहा,’का पर करुं श्रृंगार जब पिया मोरे आंधर’.
मंत्री जी आपका जवाब ‘हंसुआ की शादी में खुरपी के गीत जैसा’.
विधानसभा परिसर में महंगाई और अपराध के मुद्दे पर विपक्ष का प्रदर्शन.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार विधानसभा में रोजाना अजब नजारा देखने को मिल रहे है। सत्ताधारी विधायक सवालों से अपनी ही सरकार को घेर रहे हैं या सत्ता में रहते हुए विपक्ष जैसा दर्द जता रहे हैं। आज भी सदन की कार्यवाही में कुछ ऐसा ही हुआ। शून्यकाल के दौरान भाजपा विधायक का दर्द उभरकर सामने आया।
‘का करुं श्रृंगार जब पिया मोरे आंधर’
भाजपा विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने सदन में कहा कि ‘जब हमारी सरकार बनी तो सोचा कि सैंया भए कोतवाल को डर काहे का। लेकिन अब इस सोच को बदलना पड़ रहा है।’ विधायक ने आगे कहा, ‘लेकिन अब मैं जो स्थिति देख रहा हूं उससे तो यही कहा जा सकता है कि का करूं श्रृंगार जब पिया मोर आंधर।’ भाजपा विधायक के ये कहने के बाद सदन में मौजूद सत्ता और विपक्ष के सभी सदस्य हंसने लगे।
विधायक ने ऐसा क्यों कहा
भोजपुर जिले के बड़हरा से भाजपा विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने शून्यकाल के दौरान कहा कि राज्य में वृद्ध, विधवा और दिव्यांगों के लिए 400 रुपये की सहायता राशि दी जाती है जो बहुत कम है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में दिव्यांगों के लिए 2500, हरियाणा में 3000, गोवा में 3000 की सहायता राशि दी जा रही है। ऐसे में सरकार को वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन एवं दिव्यांग सहायता राशि को 400 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये करना चाहिए।
इसपर समाज कल्याण मंत्री मदन साहनी ने कहा कि राज्य सरकार 95 लाख लोगों को सहायता राशि प्रदान करती है। राज्य सरकाक अन्य राज्यों की तुलना में पेंशन या दूसरी सहायता राशि नहीं दे सकती है। सरकार की तरफ से अपनी मांग के अनुरूप जवाब नहीं मिलने पर दुखी विधायक ने यह कहावत कही।
बिहार विधानसभा की कार्यवाही फिर बेहद दिलचस्प अंदाज में चली। एक तरफ विपक्ष ने विभागों के बीच सवालों की फेंका-फेंकी को लेकर विरोध जताया तो वृद्ध और दिव्यांग पेंशन के सवाल पर भाजपा के विधायक ने ही सरकार को घेर दिया। पेंशन की राशि बढ़ाने की मांग को लेकर मंत्री के जवाब पर विधायक राघवेंद्र प्रताप ने कहा-‘ यह जवाब, हंसुआ के विवाह में खुरपी के गीत’ जैसा है।
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी वृद्ध और दिव्यांग पेंशन में बढ़ोत्तरी की पुरजोर मांग उठाई। उन्होंने कहा कि महंगाई बढ़ने के साथ सरकार का बजट बढ़ा है। पेंशन भी अब कम से कम 15 सौ रुपए महीना होनी चाहिए। उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द पेंशन की राशि को बढ़ाकर 1500 रुपए मासिक करने की मांग की।
हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग उठी
उधर, विपक्ष ने विधायक संतोष मिश्रा के परिजन के हत्यारे की गिरफ्तारी नहीं होने और विधायक रेखा देवी का नाम मुकदमे में शामिल होने पर हंगामा किया। इस दौरान दाखिल-खारिज में देरी का मुद्दा भी उठा। विपक्ष के एक सवाल पर मंत्री रामसूरत राय ने सदन को भरोसा दिलाया कि दाखिल-खारिज में देर होने पर जिम्मेदार अफसर और कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
प्रश्नकाल में जमकर हुई सवालों की फेंका-फेंकी
प्रश्नकाल के दौरान विधानसभा में पूछे गए सवाल एक से दूसरे विभाग में घूमते रहे। इस पर सवाल पूछने वाले विधायकों ने असंतोष जताया। विधायकों ने सवालों की फेंका-फेंकी के लिए जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई की मांग की।
राजद विधायकों ने गुरुवार को भी बिहार विधानसभा के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया। महंगाई और अपराध मुद्दे पर विधायकों ने जमकर सरकार विरोधी नारे लगाए।
वहीं खाद्य पदार्थों से इथेनॉल बनाने के निर्णय के विरोध में माले विधायकों ने विधानसभा परिसर में प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारे लगाए।
वहीं विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान जमीन म्यूटेशन (दाखिल खारिज) में अफसरों द्वारा गड़बड़ी किये जाने का सवाल उठा। सदस्यों ने पूछा कि दाखिल-खारिज आवेदन को लंबित रखा जा रहा है। म्यूटेशन में जान बूझ कर गड़बड़ी की जाती है। बावजूद इसके लापरवाही बरतने वाले और भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होती।
इस पर राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने कहा कि अब तक म्यूटेशन के 46 लाख आवेदन आये हैं। इनमें करीब 77 फीसदी आवेदन को निपटा लिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार अब इस कोशिश में है कि सभी आवेदनों को समय से निपटा लिया जाये। विभाग ऐसा नियम बना रहा कि समय से आवेदन का निपटारा नहीं करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई हो। इसको लेकर नियम-कानून बनाने की तैयारी की जा रही है। जल्द ही इस पर नियंत्रण होगा और लोगों की जमीन का समय से दाखिल-खारिज हो सकेगा।