सरकारी अस्पतालों के साथ आंगनबाड़ी केंद्रों पर आशा के सहयोग से नियमित अंतराल पर अंतरा की सुई लगाने के लिए किया जाता है आयोजन 

सरकारी अस्पतालों के साथ आंगनबाड़ी केंद्रों पर आशा के सहयोग से नियमित अंतराल पर अंतरा की सुई लगाने के लिए किया जाता है आयोजन

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गर्भ निरोधक उपायों को नियमित रूप से लेना महत्वपूर्ण: सिविल सर्जन

अंतरा को छोड़ने के उपरांत महिला कभी भी हो सकती है गर्भवती: डीसीएम

श्रीनारद मीडिया, छपरा, (बिहार):

जिला सहित राज्य और देश में बढ़ती जनसंख्या को कम करने के उद्देश्य से मिशन परिवार विकास अभियान संचालित किया जाता है। ताकि जनसंख्या को स्थिर किया जा सके। जिसको लेकर सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि जो महिला अंतरा लेने का निर्णय ले चुकी है, उन्हें प्रत्येक तीन माह पर इसे लेने की आवश्यकता होती है। क्योंकि गर्भ- निरोधक उपायों को नियमित रूप से लेना महत्वपूर्ण माना जाता है। सदर अस्पताल सहित जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में अंतरा की सुई भरपूर मात्रा में उपलब्ध है। हालांकि यह सुई प्रशिक्षित जीएनएम, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) या एएनएम के द्वारा दी जाती है। उसके बाद आशा कार्यकर्ताओ के द्वारा उनका फॉलोअप करते हुए नियमित अंतराल पर उन्हें अगले टीके के लिए समय पर याद दिलाया जाता हैं। ताकि, उक्त महिलाओं को समय पर अंतरा की सुई दी जा सके। सबसे अहम बात यह है कि अंतरा की सुई लेने वाली महिलाओं की सूचनाएं शत प्रतिशत गुप्त रखी जाती है। उपरोक्त सुई की शुरुआत करने से पहले किसी प्रकार की प्रयोगशाला जांच की आवश्यकता नहीं होती है।

 

अंतरा छोड़ने के उपरांत महिला कभी भी हो सकती है गर्भवती: डीसीएम
जिला सामुदायिक उत्प्रेरक (डीसीएम) ब्रजेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि परिवार नियोजन में अस्थायी साधनों में गर्भनिरोधक सुई अंतरा को उसके गाइडलाइन के अनुसार महिला लाभार्थी को माहवारी के सात दिवस तक लगा सकते हैं। यदि इसके बाद में लगाना है तो गर्भनिरोधक जांच करने के बाद ही लगाना होता है। दिलचस्प बात यह है कि दूध पिलाने वाली धात्री महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित है, क्योंकि यह दूध की मात्रा एवं गुणवत्ता को प्रभावित नहीं करता है। हालांकि अंतरा की सुई छोड़ने के उपरांत सामान्य महिला आसानी से गर्भवती हो सकती है। अंतरा की सुई का उपयोग करने वाली महिलाओं को गर्भधारण रोकथाम के लिए अन्य किसी साधन का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं होती है। जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों सहित आंगनबाड़ी केंद्रों पर आशा कार्यकर्ताओं के सहयोग से नियमित अंतराल पर अंतरा की सुई लगाने के लिए आयोजन किया जाता है।

 

प्रत्येक तीन माह पर इच्छुक महिलाएं आसानी से ले सकती है अंतरा की सुई: डॉ नवनीत कुमार
बड़ा तेलपा स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ नवनीत कुमार का कहना है कि शहरी क्षेत्र सहित जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में प्रत्येक माह परिवार कल्याण सेवाओं में बच्चों के बीच अंतराल रखने और साधनों की प्रगति बढ़ाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य कर्मियों और आशा कार्यकर्ताओं को गर्भनिरोधक सुई अंतरा को अधिक से अधिक लगवाने के लिए समय समय पर जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है। जिस दौरान योग्य महिलाओं को अंतरा की सुई दी जाती है। साथ ही, उन्हें परिवार नियोजन को लेकर जागरूक भी किया जाता है। ताकि, महिलाओं में इसके लिए जानकारी बढ़े। यह सुई प्रत्येक तीन माह पर इच्छुक महिलाओं को दिया जाता है। यह गर्भधारण को लंबे समय के लिए रोकता है एवं बच्चों में अंतर रखने में मदद करता है।

 

गर्भनिरोधक अपनाने वाली महिलाओं को मासिक धर्म की पीड़ा में आती है कमी: डॉ हरि नारायण प्रसाद
शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मासुमगंज के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ हरी नारायण प्रसाद ने बताया कि गर्भनिरोधक अपनाने वाली महिलाओं को मासिक धर्म की पीड़ा में भी कमी आती है। क्योंकि यह कभी- कभी मासिक धर्म के दौरान रक्तस्राव को रोककर चक्र में परिवर्तन लाता है, जो कि महिलाओं में हानिकारक नहीं है। सही अर्थ में माना जाए तो यह मासिक रक्तस्राव रोक कर एनीमिया से बचाव करता है। किसी अन्य दवा के साथ किसी प्रकार का अंतर्संबंध नही है। महिला रोग विशेषज्ञ की माने तो महिलाओं के गर्भाशय एवं अंडाशय में होने वाली कैंसर जैसी बीमारियों से भी सुरक्षित रखता है।

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