Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
मुजफ्फरपुर में डॉक्‍टर की लापरवाही ने छीन ली 24 से अधिक लोगों के आंखों की रोशनी, कइयों की निकालनी होगी आंख - श्रीनारद मीडिया
Breaking

मुजफ्फरपुर में डॉक्‍टर की लापरवाही ने छीन ली 24 से अधिक लोगों के आंखों की रोशनी, कइयों की निकालनी होगी आंख

मुजफ्फरपुर में डॉक्‍टर की लापरवाही ने छीन ली 24 से अधिक लोगों के आंखों की रोशनी, कइयों की निकालनी होगी आंख

श्रीनारद मीडिया,  सेंट्रल डेस्‍क:

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

बिहर के मुजफ्फरपुर शहर के जुरन छपरा स्थित आई हॉस्पिटल की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. बीते 22 नवंबर को मोतियाबिंद ऑपरेशन कैम्प लगाया गया था. इसमें कई मरीजों ने इस उम्मीद में ऑपरेशन करवाया कि वो अब देख सकेंगे. लेकिन, अस्पताल की लापरवाही ने सभी मरीजों को जीवन भर के लिए अंधा बना दिया. मामला मुजफ्फरपुर के चर्चित आई हॉस्पिटल का है जहां सोमवार को मरीजों के परिजनों ने जमकर हंगामा किया. मामले की गंभीरता को देखते हुए सिविल सर्जन डॉ विनय कुमार शर्मा ने जांच के आदेश दे दिए हैं. साथ दोषियों पर कार्रवाई करने का आश्वासन भी दिया है.

जानकारी के मुताबिक मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में बीते 22 नवंबर को सुबह 10:00 बजे से लेकर 1:00 बजे तक विशेष मोतियाबिंद ऑपरेशन का कैंप लगाया गया था. इसमें करीब 24 से अधिक महिलाओं और पुरुषों ने मोतियाबिंद का ऑपरेशन करवाया था. लेकिन, महज एक सप्ताह के अंदर ही सभी के आंखों में इंफेक्शन हो गया. हालात इतने ज्यादा बिगड़ गए कि कई लोगों को अपना इलाज अन्य जिलों में जाकर भी करवाना पड़ा.

इसी केस के पीड़ित कुछ लोग दूसरी जगहों पर इलाज करवाने में सक्षम नहीं थे वैसे लोगों ने आई हॉस्पिटल पहुंचकर चेकअप कराया तो यह कहा गया कि इंफेक्शन हो गया है, आंखें हटानी पड़ेंगी अन्यथा दोनों आंखें इंफेक्शन के कारण खराब हो जाएंगी. अस्पतालकर्मियों के द्वारा इस बात के कहे जाने के बाद मरीजों व उनके परिजनों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया. मरीजों के परिजनों ने अस्पताल में हंगामा करना शुरू कर दिया.

मरीजों के परिजनों के हंगामे के दौरान अस्पताल का कोई भी पदाधिकारी अस्पताल में मौजूद नहीं थे.  बताया जा रहा है कि जब इसकी जानकारी सिविल सर्जन को दी गई तो सभी अस्पताल कर्मी दर्द से कराहते मरीजों को छोड़कर भाग गए. इसके बाद सूचना पर पुलिस बल को भेजा गया और सभी मरीजों और उनके परिजनों को अस्पताल से बाहर निकाला गया. इनमें कई मरीज ऐसे थे जिन्हें एंबुलेंस के सहारे पटना भी भेजा गया है.

 

वहीं, स्थानीय लोगों का कहना था कि करीब 6 से अधिक लोग हैं जो बहुत ज्यादा परेशानी में थे. जिनका विभिन्न जगहों पर इलाज हुआ है और उनकी आंखों को निकाला गया है. सिर्फ इसलिए कि ठीक से ऑपरेशन नहीं हुआ. पूरी आंख में इंफेक्शन हो गया था जिसे निकालने के अलावा दूसरा कोई उपाय उनके पास नहीं था .

जब इस पूरे मामले पर सिविल सर्जन से सवाल किया गया जिसके बाद सिविल सर्जन डॉ विनय शर्मा ने कहा कि कई फोन कॉल से यह जानकारी मिली है कि ऑपरेशन के बाद लोगों को काफी ज्यादा दिक्कतें आई हैं. इस पूरे प्रकरण की गहनता से जांच के लिए तीन सदस्य डॉक्टरों की टीम बनाई गई है, जो 2 दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट जांच कर देंगे कि आखिर ऑपरेशन का प्रोटोकॉल पालन किया गया है या नहीं. या फिर किस कारण से ऐसा हुआ है. जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी.

यह भी पढ़े

ई-विन प्रणाली बनाए रखती है वैक्सीन की गुणवत्ता

कंगारू मदर केयर नवजात शिशुओं के लिए साबित होता है वरदान

भगवानपुर हाट में छिटफूट घटनाओं को छोड़ शांति पूर्ण माहौल में  चुनाव  हुआ सम्पन्न , 53 प्रतिशत मतदाताओं ने किया मतदान

 

Leave a Reply

error: Content is protected !!