Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
हमारे समाज में डॉक्टर को भगवान का स्तर प्राप्त है! - श्रीनारद मीडिया

हमारे समाज में डॉक्टर को भगवान का स्तर प्राप्त है!

हमारे समाज में डॉक्टर को भगवान का स्तर प्राप्त है!

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

सेहतमंद बने रहना हर किसी की प्रियोरिटी लिस्ट में सबसे ऊपर आता है। इसलिए कहा गया है, ‘स्वास्थ्यमानव जीवन की सबसे बड़ी पूंजी’ है। स्वस्थ रहकर व्यक्ति अपने जीवन को खुलकर और अच्छे से जी पाता है। तमाम छोटी-बड़ी बीमारियों के इलाज के लिए डॉक्टर्स की मदद ली जाती है। इसलिए डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया जाता है। इसलिए डॉक्टर्स के प्रति आभार जताने के लिए हर साल 01 जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स दिवस मनाया जाता है।

कब और कैसे हुई शुरूआत

प्रसिद्ध डॉक्टर और बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉक्टर बिधान चंद्र राय के सम्मान में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया जाता है। हालांकि डॉक्टर्स के प्रति आभार जताने के लिए देश-दुनिया में अलग-अलग दिन इसे मनाया जाता है। लेकिन भारत में 01 जुलाई को डॉक्टर्स डे सेलिब्रेट किया जाता है। क्योंकि 01 जुलाई को भारत के फेमस फिजीशियन डॉ. बिधान चंद्र राय का जन्म हुआ था और 01 जुलाई 1962 को इनका निधन हुआ था। मेडिकल के क्षेत्र में इनके अभूतपूर्व योगदान को सम्मान देने के लिए 01 जुलाई को डॉक्टर्स डे मनाने की शुरूआत की गई।

उद्देश्य

डॉक्टर्स डे मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य चिकित्सकों के योगदान उनके कार्यों के प्रति लोगों को जागरुक करना है। डॉक्टर अपने सुख-दुख की परवाह किए बिना मरीजों के लिए जीते हैं। डॉक्टर्स समाज को रोगमुक्त बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। ऐसे में उनके इस योगदान की सराहना करने के लिए इस दिन को मनाया जाता है। वहीं कोरोना महामारी के दौरान हम सभी ने डॉक्टर्स के भगवान वाले रूप को देखा है, जो अपनी जान और परिवार की परवाह किए बिना मरीजों की सेवा में लगे रहे। इस दौरान कई डॉक्टर्स ने अपनी जान भी गंवा दी थी।

साल 2024 की थीम

हर साल डॉक्टर्स डे एक खास थीम रखी जाती है। इस बार साल 2024 में नेशनल डॉक्टर्स डे की थीम’Healing Hands, Caring Hearts’ रखी गई है।

अगर धरती पर चिकित्सक नहीं होते तो मानव जीवन खतरे में पड़ जाता. चिकित्सकों के सम्मान में हर साल एक जुलाई डॉक्टर्स डे यानी चिकित्सक दिवस मनाया जाता है. भारत में पहली बार राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाने की शुरुआत साल 1991 से हुई थी. यह दिन डॉक्टरों के सम्मान का है. जिस तरह एक चिकित्सक मरीजों के उत्तम स्वास्थ्य के लिए दिन-रात उनकी सेवा करते हैं. हालात कैसी भी हो, एक चिकित्सक अपने मरीज का इलाज के बीच में नहीं छोड़ता. हमारा भी कर्तव्य है कि हम चिकित्सक का सम्मान करें, क्योंकि यही धरती के भगवान हैं.

एसएनएमएमसीएच है शानदार उदाहरण :

हमारे आस-पास ऐसे चिकित्सकों के कई उदाहरण देखने को मिल जायेंगे, जिनकी वजह से मरीजों का भरोसा सरकारी अस्पतालों पर बढ़ा है. धनबाद के सबसे बड़े अस्पताल शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) पर ही भरोसा है कि यहां रोजाना विभिन्न गंभीर बीमारियों से ग्रसित 150 से 200 से मरीज रोजाना पहुंचते हैं. ओपीडी में रोजाना 1500 मरीजों का इलाज होता है. इसके अलावा सड़क दुर्घटना समेत विभिन्न कारणों से घायल लोग भी इलाज के लिए एसएनएमएमसीएच पहुंचते है. सीमित संसाधन के बावजूद चिकित्सकों के प्रयास से मरीज न सिर्फ ठीक होते है, बल्कि उनके चेहरे पर मुस्कान भी आती है.

हर परिस्थिति में इलाज के लिए तैयार रहते हैं चिकित्सक :

एसएनएमएमसीएच में धनबाद के अलावा, गिरिडीह व जामताड़ा के मरीज भी इलाज कराने के लिए पहुंचते है. परिस्थिति कैसी भी हो, मरीजों की हालत कितनी भी गंभीर ही क्यों न हो. यहां पहुंचने वाले हर मरीज का इलाज अस्पताल के चिकित्सक करते है. सैकड़ों मामले हैं, जहां, मरणासन्न स्थिति में अस्पताल पहुंचे मरीजों को चिकित्सकों के अथक प्रयास से नयी जिंदगी मिली.

मरीजों के इलाज में इंटर्न की भूमिका अहम

: एसएनएमएमसीएच में एमबीबीएस पास करने के साथ ही इंटर्न के रूप में डॉक्टर मरीजों की सेवा में जुट जाते हैं. इंटर्न डॉक्टर अस्पताल की इमरजेंसी से लेकर इंडोर व ओपीडी तक में मरीजों को सेवा देते हैं. खासकर इमरजेंसी में तीन शिफ्ट में एमबीबीएस पास चिकित्सक दिन रात मरीजों की सेवा करते हैं. गंभीर स्थिति में अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचने वाले मरीजों को यही इंटर्न संभालते हैं.

समाज का काला धब्बा, जिसे बदलना जरूरी :

यह भी देखा गया है कि दिन रात मरीजों की सेवा में लगे होने के बावजूद डॉक्टरों को असामाजिक तत्वों का निशाना बनना पड़ता है. सच्चे मन से सेवा करने के बावजूद इनपर इलाज में लापरवाही का आरोप लगता है. कई मामलों में डॉक्टरों के साथ मारपीट भी हो जाती है. इनसे रंगदारी तक की मांग की जाती है. पिछले कुछ सालों में शहर के प्रसिद्ध चिकित्सकों से रंगदारी की मांग की बात सामने आ चुकी है. डर के इस माहौल में भी उक्त चिकित्सकों ने पूरी ईमानदारी के साथ अपना काम जारी रखे हुए हैं. ताकि, कुछ अपराधियों के कारण मरीजों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े.

Leave a Reply

error: Content is protected !!