रांची में महिला को डायन बताकर बेरहमी से पीटा, प्रताड़ना से दुखी महिला ने खाया जहर.
कुएं में जहरीली गैस,पिता-पुत्र सहित तीन की मौत.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
झारखंड में एक बार फिर से एक पंचायत ने तालिबानी शक्ल अख्तियार कर लिया। पंचायत ने दर्जनों लोगों की भीड़ के सामने एक महिला को बेरहमी से पीटा। इसके बाद प्रताड़ित महिला अपमान बर्दाश्त नहीं कर पाई और उसने जहर खाकर जान देने की कोशिश की है।
ये वारदात झारखंड के चतरा जिले के सिमरिया प्रखंड के मनातू गांव में अंजाम दी गई है। इस कांड में ग्रामीणों का जो तालिबानी चेहरा सामने आया है, उसे जानकर आप सिहर जाएंगे। आरोप है कि गांव के दबंगों ने मिलकर एक महिला को डायन करार देते हुए भरी पंचायत में बेरहमी से पीटा। जिससे महिला ने स्वयं पर लांछन लगते देख आहत होकर जहर खा ली।
पीड़ित परिवार ने दर्ज कराई शिकायत
पीड़ित परिवार ने इस मामले में गांव के कुछ लोगों के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई है। फिलहाल महिला का इलाज चल रहा है। सिमरिया थाना क्षेत्र के मनातू गांव में दबंगों का क्रूर चेहरा तब सामने आया जब एक तालिबानी पंचायत बैठाकर ग्रामीणों की भीड़ के बीच पंचों ने महिला को डायन करार दे दिया।
पंचायत के सामने पिटाई और बेइज्जती
पंचायत के फैसले के मुताबिक भीड़ ने पहले महिला को जमकर पीटा। इस दौरान महिला खुद को छोड़ देने की गुहार लगाती रही, मजमा देख रहे लोग या तो तमाशबीन बने रहे या फिर उन्हीं की एक जमात महिला के साथ हैवानियत करती रही। इस दौरान महिला को भद्दी भद्दी गालियां भी दी जाती रही।
जब किसी ने गुहार नहीं सुनी तो पिटाई से बचने के लिए महिला ने भीड़ के सामने समर्पण कर दिया। इसके बाद उसका और बुरा हाल किया गया। महिला डायन होने के झूठे आरोप और इस अपमान का बर्दाश्त नहीं कर सकी और उसने जहर खा लिया।
अभी तक एक भी गिरफ्तारी नहीं
इधर पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। हालांकि अब तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। लोक प्रेरणा केंद्र की सदस्य अनीता मिश्रा ने कहा इस मामले में पुलिस को पूरे कठोरता के साथ कार्रवाई करनी चाहिए ताकि पीड़िता को कानूनी सहायता के साथ इंसाफ मिले सके। उन्होंने कहा कि कमजोर लोगों पर डायन-बिसाही का आरोप लगाकर उनके सामाजिक बहिष्कार के बहाने उनकी संपत्ति हड़पने की यह एक साजिश है।
लातेहार जिले के बालूमाथ प्रखंड अंर्तगत पाल्ही गांव में कूप के अंदर पंप बंद करने उतरे सीमोन टप्पो 45 वर्ष और उनके पुत्र आशिष टोप्पो 12 वर्ष की मौत जहरीली गैस के कारण हो गई। दोनो को बचाने उतरे अनूप टोप्पो 35 वर्ष भी गैस की चपेट में आकर पानी में गिर पड़े। घटना से गांव में कोहराम मच गया।
ग्रामीण समझ चुके थे कि डीजल पंप के चलने से कुएं के अंदर गैस और धुआं भर गया है। इसलिए उन्होने तीनों को निकालने के लिए झग्गर का इस्तेमाल किया। तीनों को बाहर निकाला गया। शायद कुछ चमत्कार हो जाए यह सोचकर सीएचसी बालूमाथ लाया गया। जहां डॉ. अशोक ओडिया ने जांचोपरात तीनो को मृत घोषित कर दिया। इस हादसे से परिजन सकते में हैं।
पंप से निकली गैस बनी मौत का कारण
जिस कूप में हादसा हुआ उसका व्यास कम है और गहराई 40 फीट है। पानी नीचे होने के कारण डीजल पंप को कुएं के अंदर लटका कर चलाया जा रहा था। ग्रामीणों ने बताया कि सीमोन ने दो घंटे तक मशीन चलाकर सब्जी का पटवन किया था। पटवन समाप्त होने के बाद वे मशीन बंद करने के लिए रस्सी के सहारे नीचे उतरे।
उन्होने अपने पुत्र आशिष को भी सेक्शन पाइप पकड़ने के लिए नीचे उतरने को कहा। पर जैसे ही दोनो पंप के पास पहुंचे उन्हें बेहोशी छाने लगी। दोनो ही पानी में गिर पड़े। सीमोन का छोटा बेटा ऊपर से यह देख रहा था। उसने दौड़कर अपने चचेरे भाई अनूप को यह खबर दी। अनूप दो रस्सी लेकर कुएं में उतरा, उसने एक रस्सी आशिष को बांध भी दी। लेकिन वह न तो सीमोन को और न खुद को रस्सी से बांध कर बचा सका। गैस की चपेट में आकर वह भी बेहोश होकर पानी में गिर पड़ा।
खबर मिलते ही पूरा गांव दौड़ पड़ा। तीनो को झग्गर के सहारे कुएं से बाहर निकाला गया। तब तक बहुत देर हो चुकी थी। शायद कुछ चमत्कार हो जाए यह सोचकर उन्हें सीएचसी बालूमाथ लाया गया। जहां डॉ. अशोक ओड़िया, डॉ. पुरूषोत्तम कुमार, डॉ. सुरेश राम ने जांच के बाद उन्हे मृत घोषित कर दिया। पाल्ही गांव के समाजसेवी लालजी उरांव ने बताया कि कुएं के अंदर पंप चलाने से उसके धुएं को बाहर निकालना जल्द संभव नहीं होता। सबने मिलकर बहुत प्रयास किया पर बेहोशी की हालत में पानी में गिर जाने के बाद जीवन की संभावना कम हो जाती है।