थाने के अंदर नाबालिक लड़की से बलात्कार के मामले में हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार व शिकायतकर्ता पीड़िता की मां से किया जवाब तलब
मीडिया में खबर आने पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने योगी सरकार पर महिला सुरक्षा के मामले में हल्ला बोला था
श्रीनारद मीडिया, स्टेट डेस्क:
ललितपुर : ललितपुर जिले के थाना पाली के अंतर्गत वर्ष 2022 में 8 बच्चो की माँ ने अपनी नाबालिक 13 साल की बेटी के साथ चार लड़कों चंदन ,राजभान,हरिशंकर, महेंद्र चौरसिया के द्वारा अपहरण करके भोपाल ले जाकर वहां के जंगल व पुलिया के नीचे तीन दिन तक लगातार गैंगरेप किए जाने का आरोप लगाया और वहां से लौटकर आने पर पीड़िता के अपनी सगी मौसी के साथ थाने जाने पर शाम को 8 बजे थाने के अंदर तत्कालीन इंस्पेक्टर तिलकधारी सरोज को उनके कमरे में ले जाकर पकड़ा दिया जिस पर उसके द्वारा नाबालिक बेटी के साथ रेप होने के आरोप पर मीडिया में चर्चा होने पर मुकदमा दर्ज कराया था ।
एफ आई आर दर्ज होने से पहले वादिनी की शिकायत पर एस पी ,ललितपुर के आदेश पर बनी कमेटी ने 2 दर्जन गाँव वालों व 22 पुलिस कर्मियों के बयान लिए थे जिस पर सभी गवाहों ने कहा था कि घटना झूठी है पीड़िता की माँ दुष्चरित्र महिला है जो थाने के रिकॉर्ड में भी दर्ज है और देह व्यापार,कच्ची शराब तस्करी,लोगो को 376,354,sc/st एक्ट में फसाकर धन ऐंठ लेना, फिर न्यायालय में समझौता कर लेना।लेकिन मामला मीडिया में चर्चित होने पर एफ आई आर के बाद फिर एक कमेटी गठित हुई जिसमें याची के अलावा उसके हमराही कांस्टेबल सुनील सहित अन्य 11 लोगो के खिलाफ गैंग रेप,पॉक्सो, sc /st एक्ट ,अपहरण सहित कई गंभीर धाराओं में चार्ज सीट दाखिल किए जाने पर याची के द्वारा उन्मोचन प्रार्थना पत्र अपर सेशन जज (पॉस्को एक्ट),ललितपुर द्वारा खारिज किए जाने पर याची ने माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका दाखिल की ।एफ आई आर दर्ज होने पर याची निलंबन के बाद प्रयागराज अपने घर आने पर ए.डी. जी . ज़ोन प्रयागराज,प्रेम प्रकाश ने गिरफ्तारी कराई थी।
याची की ओर से अधिवक्ता सुनील चौधरी ने माननीय न्यायमूर्ति संजय कुमार पचौरी के समक्ष बहस में बताया याची ललितपुर जिले में बतौर थानाअध्यक्ष वर्ष 2022 में था। शिकायतकर्ता जो पीड़िता की मां है जिसका थाने के रिकॉर्ड के अनुसार अन्य तीन महिलाओं के साथ दुश्चरित्र महिला के गैंग के रूप में पिछले कई सालों से दर्ज है शिकायतकर्ता पीड़िता की मां ने स्थानीय राशन दुकानदारों, व्यापारियों ,ग्राम वासियों के विरुद्ध एक दर्जन से अधिक मुकदमे /शिकायत बलात्कार ,पोक्सो एक्ट ,एससी एसटी एक्ट सहित अन्य गंभीर धाराओं में दर्ज कर धन वसूली का काम कुछ फर्जी वकील जो पूरी तरह से वकालत के पेशे में न होकर गैंग के रूप में ऐसी महिलाओं के साथ लोगो को फसाने का काम करते है जो सरकार व पीड़िता से आरोपी गणों का का राजीनामा कर पैसा का बंदर बाट कर लेते है । पीड़िता की मां के ऊपर भी चार मुकदमे फर्जी रेप केस का आरोप लगाने,मारपीट करना, लोगो से धनउगाई,कच्ची शराब का अवैध कारोबार करने सहित गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत है। घटना से पूर्व पीड़िता की मां व नाबालिक बेटी के द्वारा चंदन ,राजभान व महेंद्र चौरसिया, याची व अन्य के विरुद्ध कई शिकायत गैंग रेप,पॉक्सो,एस सी – एस टी एक्ट आदि का आरोप जांच उच्च अधिकारी के द्वारा कराए जाने पर झूठे पाए गए और जांच अधिकारी ने कहा पीड़िता की मां झूठे मुकदमे करने में एक अभ्यस्त महिला है आम सोहरत ठीक नही ।झूठे मुकदमे कराए जाने व लोगों से धन ऐंठने के लिए आए दिन पुलिस अधिकारियों व स्थानीय ग्राम वासियों के विरुद्ध झूठी प्रार्थना पत्र देती रहती है ।
याची के अधिवक्ता सुनील चौधरी ने बताया कि पीड़िता ने स्वयं अपनी मां व सौतेले पिता के विरुद्ध 2021 में थाने में आकर याची को बताया की मेरी उम्र 17 साल है मेरे सौतेला पिता और उसकी माँ गाँव के चंदन व अन्य लोगो के विरुद्ध झूठा बलात्कार का मुकदमा लिखाने के लिए मारपीट करती रहती है और घर से निकाल दिया है जिस पर याची ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था और सौतेले पिता व पीड़िता की मां के ऊपर मारपीट गली गलौच किए जाने पर विवेचक के द्वारा चार्ज सीट न्यायालय में दाखिल किया जा चुका है ।
इस केस में चार लड़कों में आरोपी राजभान के ऊपर बलात्कार का मुकदमा होने पर जेल के अंदर फांसी लगा लिया और वर्ष 2008 में आरोपी राजभान के सगे भाई जगन्नाथ के ऊपर भी पीड़िता की मां ने रेप का आरोप लगाते हुए जेल भिजवा दिया था उसके बाद ट्रायल के दौरान पीड़िता ने आरोपी राजभान की मां से लाखों रुपए की वसूली कर पक्ष द्रोही घोषित हो गई उसके इस काम में उसका पति गवाह के रूप में पक्ष द्रोही घोषित होकर कहा की जगन्नाथ ने कोई भी बलात्कार नहीं किया है जिस पर जगन्नाथ को निचली अदालत ने 2008 में निर्दोष करार कर दिया । निर्दोष होने के पश्चात फिर पीड़िता की मां ने और पैसे मांगे न देने पर न्यायालय में झूठा शपथपत्र देकर फिर मुकदमे की पैरवी शुरू कर दिया जिससे दुखी होकर जगन्नाथ ने भी फांसी लगा लिया था गांव के एक व्यक्ति ने भी पीड़िता की मां के द्वारा बलात्कार का आरोप लगाए जाने पर जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी । आरोपी महेंद्र चौरसिया जो लगभग 55 वर्ष के है जिसके दो बेटों की शादियां हो चुकी है पीड़िता कि मां ने पूर्व में कई बार बलात्कार का आरोप लगाकर न्यायालय में 156( 3) के तहत याची सहित अन्य आरोपियों के विरुद्ध बलात्कार,छेड़खानी, पोक्सो एक्ट व एससी एसटी एक्ट के तहत प्रार्थना पत्र दिया है। पीड़िता की मां ने पूर्व में भी याची के ऊपर
गंभीर आरोप लगाकर शिकायत की है क्योकि याची ने अपने थाने पर पीड़िता की शिकायत मिलने पर मुकदमा पंजीकृत करने का आदेश दिया था।
पीड़िता की मां ने याची, महेंद्र चौरसिया, दो दरोगा ,दो महिला कांस्टेबल के ऊपर थाने में मारपीट करने का आरोप लगाकर शिकायत की थी जो जांच में झूठा पाया गया था याची के ऊपर पीड़िता की मां के गुप्तांग में लात मार कर घायल करने अन्य पुलिस कर्मियों के द्वारा मारपीट करने का गंभीर आरोप थाने में लगा चुकी है ।
पीड़िता का 3 बार मेडिकल टेस्ट कराए जाने पर नो इंजरी और डी. एन.ए . का मिलान नहीं हो सका।
घटना की सूचना मिलने पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पीड़िता से मिलकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे वही कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी योगी सरकार के थाने में बलात्कार होने के आरोप की सूचना मिलने पर ट्विटर पर योगी सरकार को आड़े हाथों लिया था। आरोपी महेंद्र चौरसिया और याची की पत्नीयो ने भी अखिलेश यादव व प्रियंका गांधी जी से पत्र भेजकर निवेदन किया था कि उनके पतियों को झूठा फसाया जा रहा है हमारे भी घर मे बेटियां है और आप भी बेटी के पिता है, बेटी है।
याची के अधिवक्ता ने बताया कि पीड़िता की मां (वादीनी)की शादी वर्ष 2003 में मध्य प्रदेश में हुई थी जहां से वह बिना तलाक दिए यूपी के ललितपुर जिले में आकर एक व्यक्ति के साथ रहकर गैंग का संचालन करने लगी जिसमे कुछ फर्जी वकील भी गैंग के सदस्य के रुप में शामिल हो गए जो सब कुछ जानते हुए भी शिकायकर्ता की प्रार्थना पत्र को टाइप कर लिखवाते है और इस प्रकार जनता का शोषण करने लगी । ललितपुर जिले के 10 वार्ड अध्यक्ष/ पार्षद, बीजेपी मंडल के नेता ,गांव के लोगों ने बयान दिया कि पीड़िता की मां दुश्चरित्र महिला है देह व्यापार ,कच्ची शराब का धंधा चलाकर अपने गैंग के सदस्यों के द्वारा लोगों से धनउगाही का काम करती है। कुछ फर्जी वकील बनकर पीड़िता की मां को आए दिन प्रार्थना पत्र लिखवा कर लोगों से धनउगाही का काम करवा कर पैसे का बंदर बाट करते हैं।याची के पूर्व के 2 इंस्पेक्टर पाली थाने में तैनात उन पर भी शिकायतकर्ता ने गंभीर आरोप लगाए थे।पीड़िता 8 वी पास बताती है जो कि शिक्षा विभाग ने उसकी मार्कशीट को त्रुटि पूर्ण बताया है । पीड़िता की मां भी ज्यादा नही पढ़ी है , सिर्फ हस्ताक्षर बना लेती है ।
अभियोजन पक्ष ने जांच के दौरान स्वयं माना है कि बलात्कार की घटना चार लड़कों राजभान ,हरिशंकर, महेंद्र चौरसिया (उम्र लगभग 55 वर्ष), हरिशंकर के द्वारा भोपाल जिले में नहीं हुआ है बल्कि पीड़िता चंदन व हरिशंकर के साथ राजस्थान बल्लभगढ़ में अपने जीजा के यहां तीन दिन तक थी जहां वह चंदन व हरिशंकर व अपने जीजा के साथ झील के किनारे मुस्कुराते हुए फोटो खिंचवा रही थी और जीजा फ़ोटो खिंच रहा है।जिसको विवेचक ने केस डायरी का पार्ट भी बनाया है।
याची के अधिवक्ता ने बताया कि आरोपी महेंद्र चौरसिया की पत्नी ने अपने प्रार्थना पत्र में बताया है कि पीड़िता की मां ने 11 दुश्चरित के मुकदमे कर रखे हैं पीड़िता की जन्मतिथि मार्कशीट के अनुसार 1-1 -2009 त्रुटि पूर्ण पाई गई है जिसको शिक्षा विभाग में जांच के दौरान बताया है । घटना के समय पीड़िता बालिग थी ।
13 आरोपियों की जमानत हाइकोर्ट से हुई और पीड़िता की माँ ने केवल याची के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट से जमानत निरस्त करा दिया और उस आदेश का रिव्यु सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है । याची के अधिवक्ता ने बताया कि सिर्फ याची से ही आपत्ति क्यो ।याची वर्तमान में ललितपुर जेल में है।
*शासन के द्वारा एसआईटी जांच में फर्जी घटनास्थल को पीड़िता के सामने 3 -5- 2022 को दिखाया गया है जबकि घटना के बाद पीड़िता चाइल्ड लाइन वन स्टाफ सेंटर में रह रही थी और घटना स्थल निरीक्षण के लिए पीड़िता को वन स्टाफ सेंटर से 4 -5- 2022 को रात्रि में 1:00 बजे घटनास्थल का मुआयना करने के लिए डीआईजी के निर्देश पर वन स्टाफ सेंटर से निकाला गया था और उसी दिन पीड़िता का 164 का बयान होना था।याची के अधिवक्ता ने बताया कि इस प्रकार साबित है कि घटना स्थल फर्जी है और रात्रि 1 बजे से सुबह 5 बजे तक पीडिता को सिखाया पढ़ाया गया और उसी दिन न्यायालय में 164 का बयान कराया गया।याची को झूठे केस में फसाया गया है।
याची के अधिवक्ता ने बताया कि थाने की जीडी एंट्री में घटना के दिन शाम को 6:35 पर अपने क्षेत्राधिकारी मय हमराही शांति व्यवस्था कायम करने के लिए गस्त पर था जिसकी फोटो याची ने ललितपुर व्हाट्सएप ग्रुप में डाले जाने पर ललितपुर पुलिस ने शाम को 8:00 बजे 27 अप्रैल 2022 को अपने ट्विटर हैंडल पर लाइव फोटो अपलोड किया था उस गस्त की फोटो को ए.डी.जी. ज़ोन कानपुर के द्वारा भी रिट्वीट किया गया था । याची के अधिवक्ता ने बताया कि चाइल्ड लाइन ललितपुर की निदेशक व अन्य कर्मचारी महिला ने भी पीड़िता के पक्ष में झूठा बयान देकर याची को झूठा फसाने की बात कही है पीड़िता के मेडिकल में डॉक्टर ने अपने बयान में कहा की पांच लोगों के द्वारा बलात्कार करना मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर बरी किया जाना थोड़ा मुश्किल है। जिला समाज कल्याण अधिकारी ने भी मेडिकल में बलात्कार की पुष्टि न होने पर एससी एसटी एक्ट में आर्थिक सहायता धनराशि नहीं दिया । DNA का भी मिलान नही हुआ । प्रयागराज में 50 फेक केस रेप,एस सी एस टी की जांच हाइकोर्ट के निर्देश पर सी बी आई कर रही है केस विचाराधीन होने पर उसी केस से जोड़कर इस केस में भी सी बी आई जांच कराया जाए। जिस पर हाइकोर्ट ने सरकार व शिकायतकर्ता पीड़िता की माँ से जवाब तलब किया है अगली सुनवाई की तारीख 7 अगस्त नियत किया है।
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