भाषाई विविधता के मामले में भारत समेत दुनिया के देशों का ये है हाल.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
भारत के बारे में प्रचलित कहावत है कि कोस-कोस पर बदले पानी और चार कोस पर वाणी यानी हमारे देश में एक कोस की दूरी पर पानी बदल जाता है और चार कोस पर भाषा बदल जाती है। हालांकि बीते कुछ समय में भाषाई विविधता का प्रतिमान माने जाने वाले भारत में कई भाषाएं लुप्त हो रहा है लेकिन फिर भी दुनिया के लिए भारत एक जीवंत उदाहरण है।
एथनेलॉग की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में 7,139 भाषाएं बोली जाती है जिनमें से 2300 भाषाएं एशिया में, अफ्रीका में 2,144 और पैसिफिक रीजन में 1,313 बोली जाती है। जीवित भाषा उसे मानते हैं जिसे कम से कम व्यक्ति द्वारा पहली भाषा के तौर पर बोला जाता है। विलुप्य भाषा को दूसरी भाषा के तौर पर बोला जाता है जिन्हें इस सूची में शामिल नहीं किया गया है।
मृत भाषा या विलुप्त भाषा उसे कहा जाता है, जिसे बोलने वाला कोई भी जीवित नहीं हो। चाहे उस भाषा का किसी अन्य भाषा बोलने वालों द्वारा अन्य प्रकार से उपयोग भी क्यों न हो रहा हो। इस तरह के भाषाओं का कोई मातृभाषी नहीं होता है। किसी भाषा के मृत या विलुप्त होने का कारण, उनके बोलने वालों द्वारा किसी अन्य भाषा को स्वीकार करना या उन सभी की मृत्यु हो जाना ही होता है।
एथनेलॉग की रिपोर्ट के मुताबिक पापुआ न्यू गिनी में सबसे अधिक भाषाई विविधता है। पापुआ न्यू गिनी इंडोनेशिया के समीप प्रशांत महासागर क्षेत्र में एक स्वतंत्र राष्ट्र है जो दक्षिण पश्चिम प्रशांत महासागर क्षेत्र में द्वीपों का एक समूह है। केवल 60 लाख जनसंख्या वाला देश विविधताओं के देश के रूप में भी जाना जाता है। यहां पर 840 भाषाएं बोली जाती है। इस मामले में इंडोनेशिया दूसरे स्थान पर है। इंडोनेशिया दक्षिण पूर्व एशिया और ओशिनिया में स्थित एक विशाल देश है। 17,508 द्वीपों वाले इस देश की जनसंख्या लगभग 27 करोड़ है। यहां की मुख्य भाषा-भाषा इंडोनेशिया है।
अन्य भाषाओं में जावा, बाली, भाषा सुंडा, भाषा मदुरा आदि भी हैं। प्राचीन भाषा का नाम कावी था जिसमें देश के प्रमुख साहित्यिक ग्रंथ हैं। अंग्रेजी एवं अरबी भाषा का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है। यहां पर 712 भाषाएं बोली जाती है। भाषाई विविधता के मामले में तीसरे स्थान पर मौजूद मुल्क नाईजीरिया में 522 भाषाएं बोली जाती है। इसके अलावा यहां हौसा, योरूबा, इग्बो, फुलफुलडे, एफिक-इबिबियो क्लस्टर,, कनुरी, टिव, गबागी , नुपे बोली जाती है। भारत में 454 भाषाएं बोली जाती है। लिंग्विस्टक सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट बताती है कि पिछले 50 साल में भारत की करीब 20 फीसदी भाषाएं विलुप्त हो गई हैं।
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