सर्जना न्यास के कार्यालय में गाँधी-जेपी की परंपरा के अनूठे और जीवंत कर्मयोगी घनश्याम शुक्ला के निधन पर शोक सभा आयोजित
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क*:
सर्जना न्यास के कार्यालय में आज गाँधी-जेपी की परंपरा के अनूठे और जीवंत कर्मयोगी बिहार के सिवान जिले के पंजवार गांव के घनश्याम शुक्ल जी के निधन पर एक सभा का आयोजन किया गया|
गुरुदेव शुक्ल जी महान शिक्षाविद जिनहोने स्कूल, कॉलेज, संगीत विद्यालय, स्पोर्ट्स अकादमी आदि के साथ आखर के संरक्षक भी थे, न्यास के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ चित्रकार संजीव सिन्हा ने उनके साथ बिताएं पल को याद करते हुए कहा की उनसे मेरी पहली मुलाकात भोजपुरीया स्वाभिमान आंदोलन के कार्यक्रम, पंजवार में जब बच्चों के नाटक को लेकर गया था तब हुई।
नाटक की प्रस्तुति के बाद जब बच्चे मंच से उतरे तब उन्होंने सभी बच्चों को गले लगा कर जो स्नेह किया वह मुझे आज भी याद है बच्चे भी उनके प्यार को याद करते हैं, भोजपुरी संस्कार गीतों के कार्यक्रम में जब वो आरा आए तब उनहोंने उन बच्चों को खोजा और उनसे मिले।
भोजपुरी कला यात्रा, पंजवार में कार्यशाला के दौरान वो बच्चों के बिच बैठ कर भोजपुरी चित्रकला सिख रहे थे और उनहोंने कहा अभी आप मरे गुरु हैं और ये गौरव उनहोंने मुझे दिया|
उनके साथ बिताए हुए पल मेरे जीवन के बेशकिमती पल्लो में से एक है, उनका व्यक्तित्व, कर्तृत्व उन्हें हमेशा अमर रखेगा.ऐसे सौम्य व्यक्तित्व को बार बार नमन है, औन लाईन जुड़े लोगों में मनोज दुबे, शशि रंजन मिश्रा, बृजम पाण्डेय ने भी उन्हें याद किया।
कार्यालयों में उपस्थित लोगों में आशिष श्रीवास्तव, दीपेश कुमार, मदुरई, श्रील सिन्हा, दीपा श्रीवास्तव, चंद्रभूषण पाण्डेय, अखौरी विजय कुमार आदि ।
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