सीवान के विकास के लिए एग्रोबेस्ड इंडस्ट्री पर बढ़े फोकस: अभिषेक प्रकाश
अपने गृह नगर आए वरिष्ठ आई ए एस अधिकारी, उत्तर प्रदेश सरकार के उद्योग विभाग के सचिव और इन्वेस्ट यूपी के सीईओ ने व्यक्त किए अपने विचार
श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):
अगर सीवान जिले में एग्रो बेस्ड इंडस्ट्रीज के विकास के प्रयास किए जाए तो यहां समृद्धि की बयार बह सकती है। इसके लिए समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है। ये बातें शनिवार को अपने गृह जिला सीवान आए उत्तर प्रदेश कैडर के वरिष्ठ आई ए एस अधिकारी श्री अभिषेक प्रकाश ने स्थानीय शिक्षाविद् डॉक्टर गणेश दत्त पाठक से बात चीत में कहीं। वे अभी उत्तर प्रदेश सरकार में उद्योग विभाग के सचिव सह इन्वेस्ट यूपी के सीईओ के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने बातचीत में यह भी कहा कि सिवान के युवाओं को शारीरिक सक्रियता पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। साथ ही, उन्होंने कहां की जीरादेई में एक राजेंद्र अध्ययन और शोध केंद्र स्थापित होने से सीवान की बौद्धिक प्रतिष्ठा को एक नवीन आयाम मिलेगा।
बात जब सीवान के विकास की होती है तो यह आवश्यक है कि उन विचारों को भी जाना जाए जो सीवान से जुड़े हुए हैं और अपने कार्य से अन्य जगह विकास के नए आयाम गढ़ रहे हैं। बरेली, अलीगढ़, लखनऊ के जिलाधिकारी के तौर पर विशेष प्रशासनिक प्रतिष्ठा हासिल करनेवाले और वर्तमान में इन्वेस्ट यूपी के सीईओ और उद्योग विभाग के सचिव के तौर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश में विशाल पैमाने पर विदेशी निवेश लाने वाले वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश ने सिवान के विकास के संदर्भ में अपने विशिष्ट अनुभव के आधार पर कुछ सलाह दिए।
वरिष्ठ आईएएस अधिकारी श्री अभिषेक प्रकाश ने कहा कि सिवान में गल्फ देशों और अन्य जगहों से धन आता रहा, जिससे यहां के आचरण में उपभोक्तावादी तत्व समाहित हो गए हैं। यहां की उर्वर मृदा को देखते हुए यहां एग्रोबेस्ड इंडस्ट्री के विकास की पर्याप्त संभावनाएं हैं। लेकिन उसके लिए कई स्तरों पर समन्वित प्रयास की आवश्यकता होगी। यहां के किसानों के लिए माइक्रो फाइनेंस की व्यवस्था करनी होगी। उन्हें आधुनिक कृषि अनुसंधानों से अवगत कराना होगा। बेहतर खेती के लिए आधारभूत संरचना का विकास करना होगा। सीवान में दलहन, सब्जी, गन्ना की अच्छी खेती होती रही है। आज के समय में फूड प्रोसेसिंग के माध्यम से दाल के 40 से 45 प्रॉडक्ट तैयार हो रहे हैं। यहां के उत्पादित सब्जियों से भी सैकड़ों फूड प्रोडक्ट तैयार हो सकते हैं। आवश्यकता इस बात की है कि यहां एग्रोबेस्ड इंडस्ट्री के विकास के लिए सार्थक प्रयास हो। निश्चित तौर पर इस संदर्भ में प्रशासनिक स्तर और जनप्रतिनिधियों के स्तर पर प्रयास हों। यदि सीवान के अनुकूल परिस्थितियों के मद्देनजर सार्थक प्रयास हो तो एग्रोबेस्ड इंडस्ट्री सीवान के तकदीर को बदल सकती है।
वरिष्ठ आईएएस अधिकारी श्री अभिषेक प्रकाश ने बताया कि जीरादेई में एक राजेंद्र बौद्धिक शोध और अनुसंधान संस्थान स्थापित करने के प्रयास होने चाहिए। जिसे आगे बढ़ाकर राजेंद्र विश्वविद्यालय तक पहुंचाना चाहिए। लेकिन शायद इसमें सबसे बड़ी बाधा जमीन की उपलब्धता को लेकर सामने आ सकती है। राजेंद्र शोध और बौद्धिक अनुसंधान संस्थान के स्थापित होने से बाहर के बौद्धिक विचारक भी यहां आयेंगे एक बौद्धिक विचार विमर्श को मजबूत आधार मिलेगा। जिससे कई स्तर पर फायदे मिलेंगे।
वरिष्ठ आईएएस अधिकारी श्री अभिषेक प्रकाश ने सिवान के युवाओं के मार्गदर्शन के सवाल पर कहा कि आज के दौर में सबसे बड़ी आवश्यकता इस बात की है कि युवा और बच्चे अलसुबह उठने का प्रयास करें। नियमित व्यायाम और शारीरिक सक्रियता से मस्तिष्क को ऊर्जा मिलती है। आज के मोबाइल के दौर में शारीरिक सक्रियता एक अनिवार्य तथ्य है। बच्चों में रचनात्मकता के विकास के लिए मस्तिष्क का ऊर्जस्वित रहना नितांत रूप में आवश्यक है। बच्चों को एक्टिव बनाना जरूरी है। माता पिता बच्चों को सुबह पांच बजे जगाएं और उन्हें टहलने, दौड़ने, व्यायाम, योग के लिए नियमित तौर पर प्रेरित करें। बदलती जीवन शैली के दौर में आरोग्य रक्षण सबसे बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। हमारे युवा बेहद कम उम्र में जीवनशैली जनित बीमारियों मसलन मधुमेह, रक्तचाप आदि की गिरफ्त में आते जा रहे हैं। इसलिए अपने युवाओं को स्वस्थ रखने की सबसे बड़ी जिम्मेवारी परिवारजन को ही निभानी होगी।
गौरतलब है कि श्री अभिषेक प्रकाश 2006 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के वरिष्ठ अधिकारी हैं। वे मूलतः जीरादेई प्रखंड के जामापुर गांव के निवासी हैं। उनके पिता डॉक्टर ओमप्रकाश क्षेत्र के प्रतिष्ठित फिजिशियन रहे हैं। वे आईआईटी रुड़की से ग्रेजुएट हैं।
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