दुनिया को शांति का संदेश भेज सकता है भारत-NSA डोभाल
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव मोहम्मद बिन अब्दुलकरीम अल-इस्सा, जो उदारवादी इस्लाम के प्रसिद्ध विशेषज्ञ के रूप में जाने जाते हैं, ने मंगलवार को इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में आयोजित एक कार्यक्रम में संयुक्त रूप से अन्य धार्मिक नेताओं और शिक्षाविदों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत दुनिया को शांति का संदेश भेज सकता है।
भारत के मुसलमानों को अपने संविधान पर गर्व है’
मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव शेख डॉ. मोहम्मद बिन अब्दुलकरीम अल-इस्सा ने कहा कि भारतीय समाज में मुस्लिम घटकों को अपनी राष्ट्रीयता पर गर्व है कि वे भारतीय नागरिक हैं। उन्हें अपने संविधान पर भी गर्व है।
भारतीय ज्ञान ने मानवता के लिए बहुत योगदान दिया है’
अल-इस्सा ने कहा कि हम एक साझा उद्देश्य के साथ विभिन्न समुदायों और विविधता तक पहुंचते हैं। हमने भारतीय ज्ञान के बारे में बहुत कुछ सुना है। हम जानते हैं कि भारतीय ज्ञान ने मानवता के लिए बहुत योगदान दिया है। हम जानते हैं कि शांतिपूर्ण ढंग से सह-अस्तित्व में रहना हमारा एक साझा उद्देश्य है।
मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव ने कहा कि हम जानते हैं कि भारतीय समुदाय अपनी विविधता के साथ न केवल शब्दों में बल्कि ज़मीनी स्तर पर भी सह-अस्तित्व का एक महान मॉडल हैं। हम इस संबंध में किए गए सभी प्रयासों की सराहना करते हैं। बता दें, अल-इस्सा 10 जुलाई को पांच दिवसीय यात्रा पर भारत आए हैं।
अजीत डोभाल ने इस्लाम को लेकर क्या कहा?
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा कि भारत दुनिया में दूसरी और सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी का घर है। भारतीय मुस्लिम आबादी इस्लामिक सहयोग संगठन के 33 से अधिक सदस्य देशों की संयुक्त आबादी के लगभग बराबर है। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म और इस्लाम की गहरी आध्यात्मिक सामग्री ने लोगों को एक साथ लाया और एक-दूसरे की सामाजिक और बौद्धिक समझ लाने में मदद की।
कई दशकों से आतंकवाद का शिकार रहा है भारत’
डोभाल ने कहा कि भारत कई दशकों से आतंकवाद का शिकार रहा है। देश ने 2008 (मुंबई हमले) सहित कई आतंकवादी हमलों का सामना किया है। भारत अपने सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने और आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए अन्य देशों के साथ सहयोग करने सहित विभिन्न माध्यमों से आतंकवाद से लड़ने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।
हिंदुस्तान में कोई धर्म खतरे में नहीं’- अजीत डोभाल
भारतीय संस्कृति, सभ्यता और विरासत बहुत समृद्ध है। इसकी तारीफ करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने मंगलवार को कहा कि भारत एक समावेशी लोकतंत्र है और सभी नागरिकों को जगह देता है। उन्होंने कहा कि भारत उन संस्कृतियों और धर्मों का मिश्रण रहा है, जो सदियों से सद्भाव से रह रही हैं।
भारत में इस्लाम का एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण स्थान
डोभाल ने कहा कि देश में धार्मिक समूहों के बीच इस्लाम ने एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण गौरव का स्थान रखता है। आपको बता दें कि डोभाल की यह टिप्पणी इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में एक कार्यक्रम के दौरान आई, जहां मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव शेख डॉ. मोहम्मद बिन अब्दुलकरीम अल-इस्सा, जो भारत के दौरे पर हैं, ने भी सभा को संबोधित कर रहे थे।
शेख डॉ. अल-इसा पूर्व में सउदी अरब के न्याय मंत्री रहे हैं और उन्हें गिनती प्रगतिशील इस्लामिक विद्वानों में होती है। मंगलवार को उन्होंने पीएम नरेन्द्र मोदी से भी मुलाकात की। हाल में उदारवादी विचारधारा के कई इस्लामिक विद्धानों ने भारत की यात्रा की है। मई, 2023 में मिस्त्र के सबसे बड़े मस्जिद के मुफ्ती इब्राहिम अब्दल करीम आलम भारत आये थे।
आतंकवाद का कोई धर्म नहीं : डोभाल
डोभाल ने कहा कि इस्लाम में सहयोग व बातचीत का जो सिद्धांत है वह सदियों पुरानी ‘वसुधैव कुटंबकम’ की पुरातन हिंदू सभ्यता व परंपरा में समाहित हो चुका है। डोभाल ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत में कोई भी धर्म संकट में नहीं है।
डोभाल ने अल-इसा की उदारवादी विचारधारा की काफी प्रशंसा की और कहा कि इस्लाम के बारे में उनकी गहरी जानकारी सभी के लिए अनुकरणीय है, खास तौर पर सर्व-धर्म सद्भाव की उनकी मान्यता युवाओं के लिए बहुत जरूरी है। सउदी अरब और भारत के बीच लगातार गहरे होते संबंधों के बारे में डोभाल ने कहा कि दोनो देशों के बीच बहुत ही पुरानी सांस्कृतिक व आर्थिक संबंध है।
भारत हमेशा से सभी संस्कृतियों का मिलन स्थल रहा है : डोभाल
डोभाल ने कहा,भारत हमेशा से सभी संस्कृतियों का मिलन स्थल रहा है जहां भाषाएं, धर्म व संस्कृतियां सदियों से साथ-साथ रही हैं। एक लोकतांत्रिक देश होने के नाते भारत ने अपने सभी नागरिकों को चाहे वह किसी भी धर्म या संस्कृति के हों, उचित स्थान दिया है।
भारत में मुस्लिम धर्म मानने वालों की आबादी इस्लामिक देशों के संगठन (ओआइसी) के 33 देशों में रहने वाले मुस्लिमों से ज्यादा है। भारत में इस्लाम ने अमन व शांति की जीवंत अभिव्यक्ति को बढ़ावा दिया है। हिंदु व मुस्लिम धर्मों की आध्यात्मिक विचारधारा ने लोगों को एक साथ लाने का काम किया है।”
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