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अफगानिस्तान से ज्यादा क्रूरता हिंदुस्तान में-मुनव्वर राना. - श्रीनारद मीडिया

अफगानिस्तान से ज्यादा क्रूरता हिंदुस्तान में-मुनव्वर राना.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो चुका है। भारत में भी इस पर बयानबाजी शुरू हो गई है। गुरुवार को शायर मुनव्वर राना ने इस पर एक बयान दिया। उन्होंने अफगानिस्तान के हालात को भारत से बेहतर बताया। राना ने तालिबान की तुलना RSS, BJP और बजरंग दल से की। उनके बयान पर अब विवाद शुरू हो गया है।

राना ने कहा कि अफगानिस्तान से ज्यादा क्रूरता तो हिंदुस्तान में है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा उसका अंदरूनी मसला है। तालिबानी-अफगानी जो भी हैं, जैसे भी हैं, सब एक हैं। जैसे हमारे यहां बजरंग दल, BJP और RSS सब एक हैं। 1000 साल पुराना इतिहास उठाकर देख लीजिए, अफगानियों ने कभी हिंदुस्तान को धोखा नहीं दिया है।

तालिबानी हथियार छीनते हैं, हमारे यहां माफिया खरीद लेते हैं
राना ने कहा कि अफगानिस्तान को भारत में मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। एक समय आएगा जब तालिबानी हुकूमत हिंदुस्तान से मदद मांगेगी और भारत उनकी मदद करेगा। उन्होंने कहा कि भारत के माफियाओं के पास तालिबान से ज्यादा हथियार हैं। तालिबानी हथियार छीनते हैं, लेकिन हमारे यहां माफिया खरीद लेते हैं।

औरंगजेब के समय अफगानिस्तान हिंदुस्तान में था
राना ने कहा कि औरंगजेब के जमाने में अफगानिस्तान हिंदुस्तान का हिस्सा था। मुगल बादशाह की हुकूमत थी तो भारत का हिस्सा अफगानिस्तान होता था। जब अंग्रेजों का समय आया तब अफगानों ने उन्हें पेड़ पर लटकाना शुरू कर दिया। इसके बाद अफगानिस्तान से हिंदुस्तान को अलग कर दिया गया।

अफगानिस्तान में मोदी सरकार के काम की तारीफ की
मुनव्वर राना ने कहा कि मोदी सरकार ने अफगानिस्तान में कई काम करवाया है। संसद भवन बना हुआ है। सड़कें बनवाई। कोई भी आदमी इसको नकार नहीं सकता। चाहे तालिबानी आ जाए या कोई और अफगानिस्तान के लोग जानते हैं कि हिंदुस्तान ने उनका कुछ बिगाड़ा नहीं बल्कि बनाया है।

AIMPLB के प्रवक्ता ने कहा था- तालिबान को सलाम
18 अगस्त को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना सज्जाद नोमानी ने एक वीडियो मैसेज जारी किया था। इसमें उन्होंने तालिबानियों को अफगानिस्तान में हुकूमत कायम करने की बधाई दी थी और कहा था कि गरीब और निहत्थी कौम ने दुनिया की सबसे मजबूत फौज को शिकस्त दी, आपकी हिम्मत को सलाम।

उन्होंने कहा था कि 15 अगस्त 2021 की तारीख इतिहास बन गई। अफगानिस्तान की सरजमीं पर एक निहत्थी और गरीब कौम, जिसके पास न साइंस, न टेक्नोलॉजी, न दौलत, न हथियार और न तादाद थी, उसने पूरी दुनिया की सबसे ज्यादा मजबूत फौजों को शिकस्त दी और काबुल के सरकारी महल में वो दाखिल हो गए।’

तालिबान का समर्थन करने वाले सपा सांसद का बचाव किया
राना ने तालिबान का समर्थन करने वाले सपा सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान पर दर्ज हुई देशद्रोह की FIR को गलत बताया। मुनव्वर ने कहा कि हम विश्वगुरु हैं तो थोड़े से कठमुल्लों से क्यों डरें। उत्तर प्रदेश में संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद डॉक्टर शफीकुर्रहमान बर्क ने तालिबान की तुलना स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों से की थी।

उन्होंने कहा था कि जैसे हिंदुस्तान ने अंग्रेजों से आजादी की लड़ाई लड़ी थी, वैसे ही तालिबान अफगानिस्तान में अमेरिका से आजादी की लड़ाई लड़ रहा है। तालिबान ने अपने देश को आजाद कराया है। इस बयान के बाद उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया।

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