भारत ने दिलाई पाकिस्तान को आतंकवाद की याद

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

भारत के साथ संबंधों में सुधार को लेकर पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री इशाक डार की टिप्पणी ‘ताली एक हाथ से नहीं बजती’ (इट टेक्स टू टू टैंगो) पर भारत के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान के संदर्भ में प्रासंगिक ‘टी’ शब्द टेरोरिज्म (आतंकवाद) है।
इशाक डार ने गुरुवार को इस्लामाबाद में पत्रकारों से बातचीत में भारत से दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार का अनुरोध किया था और कहा था कि ताली एक हाथ से नहीं बजती। अगर भारत की तरफ से सद्भावना है, तो पाकिस्तान तैयार है। लेकिन यह दोनों तरफ से होना चाहिए। भारत के साथ पाकिस्तान के व्यापार संबंधों पर डार का कहना था कि संबंधों में सुधार में मदद के लिए माहौल बनाने की जरूरत है।

भारतीय विदेश मंत्रालय अफवाहों पर लगाया विराम

भारतीय विदेश मंत्रालय ने उन मीडिया रिपोर्टों को भी खारिज कर दिया जिसमें पाकिस्तान में कई हत्याओं में भारत का हाथ बताया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ”ऐसा लगता है कि अखबार और रिपोर्टर दोनों ही भारत के प्रति शत्रुता रखते हैं। आप उनकी गतिविधियों में एक पैटर्न देख सकते हैं। मैं उनकी विश्वसनीयता का आकलन आप पर छोड़ता हूं। जहां तक हमारा सवाल है, उनकी कोई विश्वसनीयता नहीं है।”

कहा, ”पाकिस्तान के बारे में मैं आपको याद दिलाना चाहूंगा कि हिलेरी क्लिंटन ने क्या कहा था। उन्होंने कहा था- आप अपने पिछवाड़े सांप नहीं पाल सकते और उनसे यह उम्मीद नहीं कर सकते कि वे सिर्फ आपके पड़ोसियों को ही काटें।”

भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को लेकर तीखा हमला किया है. दरअसल, एक दिन पहले ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने भारत के साथ संबंधों को लेकर कहा था कि ‘It takes two to tango’. इसका मतलब है कि किसी भी रिश्ते, विवाद या समस्या को हल करने के लिए दोनों पक्षों का सहयोग और भागीदारी जरूरी होती है, ये एकतरफा नहीं होता है. पाकिस्तान ने इसे ‘दो हाथ से ताली बजने’ जैसा बताया था.

इस पर भारत की प्रतिक्रिया सामने आई है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि इसमें ‘T’ शब्द का मतलब टेररिज्म है न कि टैंगो. बता दें कि दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध 2019 से बंद हैं, पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद भारत के साथ अपने राजनयिक संबंध भी घटा दिए थे.

पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने यह भी कहा था कि अच्छे संबंध बनाने के लिए जिम्मेदारी एकतरफा नहीं हो सकती. डार ने कहा कि संबंधों को बेहतर बनाने में मदद के लिए माहौल बनाने की जरूरत है.एक दिन पहले यानी गुरुवार को विदेश कार्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए इशाक डार ने पिछले साल पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सरकार के सत्ता में आने के बाद से पाकिस्तान के कूटनीतिक प्रयासों पर प्रकाश डाला.

क्या कहा था PAK के विदेश मंत्री ने?

भारत के साथ पाकिस्तान के संबंधों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने आपसी प्रयास के महत्व पर जोर दिया और कहा कि इसके लिए दो लोगों की जरूरत होती है. डार ने अगले महीने बांग्लादेश की यात्रा की योजना की भी घोषणा की और कहा कि पिछले साल अगस्त में हसीना सरकार के पतन के बाद इस्लामाबाद और ढाका संबंधों को फिर से मजबूत कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि बांग्लादेश एक खोए हुए भाई की तरह है, हमारा लक्ष्य आर्थिक और व्यापार सहयोग को मजबूत करना है. हाल ही में काहिरा में एक बैठक के दौरान उन्हें बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस से निमंत्रण मिला था. यूनुस ने तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को पिछले साल 5 अगस्त को छात्रों के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शन के बाद सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद मुख्य सलाहकार के रूप में कार्यभार संभाला था.

 इससे पहले इशाक डार ने पाकिस्तान के अलग-थलग होने के दावों को खारिज करते हुए कहा कि जब हमने पदभार संभाला था, तो कूटनीतिक अलगाव की धारणा थी. हालांकि, अपनी कूटनीति का विस्तार और क्षेत्रीय पड़ोसियों के साथ जुड़ने से ये धारणा बदल गई है. 

अफगानिस्तान हमारा भाईः इशाक डार

अफगानिस्तान पर टिप्पणी करते हुए इशाक डार ने काबुल के साथ संबंधों को मजबूत करने की पाकिस्तान की इच्छा व्यक्त की, लेकिन स्वीकार किया कि आतंकवाद एक बड़ी चुनौती बना हुआ है. उन्होंने कहा कि आतंकवादी हमलों के कारण काबुल की यात्राएं स्थगित कर दी गईं. साथ ही तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के साथ बातचीत करने के लिए पूर्व खुफिया प्रमुख जनरल फैज हमीद की भी आलोचना की. डार ने कहा कि अफगानिस्तान हमारा भाई है, हम मजबूत संबंध चाहते हैं. भारत के साथ रिश्ते सुधारना एक तरह से ‘दो हाथ से ताली बजाने’ जैसा है. अगर सद्भावना है, तो हम व्यापार के लिए तैयार हैं.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने यह टिप्पणी पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री इशाक डार के उस बयान के बारे में पूछे जाने पर की, जिसमें उन्होंने द्विपक्षीय व्यापार को फिर से शुरू करने के लिए संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता बताई थी. डार ने कहा कि भारत के साथ संबंधों को सामान्य बनाने के लिए आपसी इच्छाशक्ति की जरूरत है.

हालांकि, भारत-पाकिस्तान संबंधों में कुछ सकारात्मक रुख के संकेत मिले थे, जब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अक्टूबर में इस्लामाबाद की यात्रा की थी.

 

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