चीन के डबल इंजन वाले ड्रोन से चिंतित हुआ भारत.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
चीन ने अपने इंटरनेशनल एयर शो के पहले दुनिया को अपने डबल इंजन वाले सैन्य ड्रोन की पहली झलक दिखाई है। चीन ने इस ड्रोन का नाम सीएच-6 (CH-6) रखा है। इसकी मारक क्षमता 4500 किलोमीटर बताई जा रही है। यह चीन की राजधानी पेइचिंग से दिल्ली तक की 3782 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है। आज से पहले चीन ने ड्रोन के केवल माडल को ही प्रदर्शित किया था। खास बात यह है कि चीन ने इस ड्रोन को ऐसे समय उतारा है, जब भारत अपनी सेना के लिए अमेरिका से अत्याधुनिक ड्रोन लेने के लिए आतुर है। आखिर इस चीनी ड्रोन की क्या खासियत है। भारत की सामरिक दृष्टि से यह कितना खतरनाक है।
चीन के सीएच-6 की खूबियां
- चीन का यह ड्रोन लंबी दूरी तक उड़ान भरकर दुश्मन के ठिकानों पर बम बरसाने में पूरी तरह से सक्षम है। इसे चीन के चाइना एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्लोलाजी कार्पोरेशन ने तैयार किया है। टोही मिशन के लिहाज यह ड्रोन बेहद कारगर है। यह ड्रोन लगातार 20 घंटे की उड़ान भरने में सक्षम है। टोही और हमलावर मिशन के दौरान यह आठ घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है। टोही मिशन में इसकी अधिकतम रेंज 12 हजार किलोमीटर है।
- इस ड्रोन की मारक क्षमता 4500 किमी बताई जा रही है। यह चीन की राजधानी पेइचिंग से दिल्ली तक की 3782 किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य को निशाना बना सकता है। इसकी जद में अन्य भारत के अन्य शहर भी सम्मिलित हैं।
- टोही और हमलावर मिशन के दौरान ड्रोन 4500 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकता है। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि यह 800 किमी प्रति घंटा की स्पीड से उड़ान भरने में सक्षम है। सीएच-6 ड्रोन की टोही मिशन के दौरान फ्यूल कैपिसिटी 3.42 टन की है। इस ड्रोन की क्रूज स्पीड 500 किलोमीटर प्रति घंटा से 700 किलोमीटर प्रति घंटा है। इसकी अधिकतम क्रूज ऊंचाई 10 किलोमीटर बताई जा रही है।
- टोही और हमलावर मिशन में ड्रोन का इस्तेमाल किया गया तो यह 1.72 टन के ईंधन के साथ टेकआफ कर सकता है। इतना ही नही, इस ड्रोन की कुल लंबाई 15 मीटर, पंखों की लंबाई 20.5 मीटर और ऊंचाई 5 मीटर है।
भारत को मिलेगा अमेरिकी ड्रोन, जानें इसकी खूबियां
- उधर, चीन और पाकिस्तान से बढ़ते खतरे के बीच भारत अब अपनी सैन्य क्षमताओं में इजाफा करने में जुटा है। रूस और फ्रांस से एयरक्राफ्ट करार के बाद अब भारत पहली बार अमेरिका से MQ-9 रीपर/प्रीडेटर बी सशस्त्र ड्रोन खरीदने की योजना बना रहा है। भारत, अमेरिका से 30 ऐसे ड्रोन खरीद रहा है, जो पाकिस्तान और चीन को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम होंगे।
- यह ड्रोन लगातार दो दिनों तक उड़ान भरने की क्षमता रखते हैं। यह अपने साथ 1700 किलोग्राम का भार ले जाने में सक्षम हैं। इस हथियारबंद ड्रोन के जरिए भारत चीन और पाकिस्तान के साथ चल रहे सीमाई तनाव को कम कर सकेगा। ड्रोन के जरिए भारतीय सेना दुश्मनों को यह बता सकेगी कि हमारे पास ऐसे हथियार हैं जो बिना पता चले उनके मंसूबों को नष्ट कर देंगे।
- इस ड्रोन की लागत करीब 21,832 करोड़ रुपए है। भारत में ड्रोन हमले के बाद अमेरिका से इसको खरीदने की इच्छा जताई थी। उम्मीद की जा रही है कि इस वर्ष के अंत में यह भारतीय सैन्य बेड़े में शामिल हो जाएंगे। जाहिर तौर पर इस समझौते के बाद भारत की सैन्य शक्ति में बड़ा इजाफा होगा। फिलहाल इन ड्रोन का इस्तेमाल भारत की सरहदों की निगरानी और जासूसी के लिए किया जाएगा।
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