भारतीय रेलवे अपने यात्रियों को 56993 करोड़ रुपये की सब्सिडी देती है-अश्विनी वैष्णव
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
प्रश्न काल में दिया जवाब
लोकसभा में प्रश्न काल के दौरान सांसदों ने रेल टिकट पर मिलने वाली छूट के बारे में सवाल पूछा था। तब जवाब देने के लिए रेल मंत्री खड़े हुए। उन्होंने कहा कि हर श्रेणी के यात्रियों को रेलवे प्रत्येक वर्ष 56,993 करोड़ रुपये की सब्सिडी देता है।
5 घंटे में पूरी होती है दूरी
आपको बता दें कि भुज और अहमदाबाद के बीच की दूरी करीब 359 किलोमीटर है। नमो भारत रैपिड रेल इस दूरी को महज 5 घंटे और 45 मिनट में पूरा कर लेती है। इस रूट में कई स्टॉपेज भी हैं, लेकिन बावजूद इसके नमो भारत रैपिड रेल ने इन दो शहरों की कनेक्टिविटी को बेहतर तरीके से पूरा किया है।
ट्रेनों में लगेंगे हजार जनरल कोच
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि आज जनरल कोच बढ़ाने पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। एसी1, एसी2 या एसी3 बढ़ाने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जनरल कोच पर ध्यान दिया जा रहा है। दिसंबर के अंत तक रेलवे नेटवर्क में 1,000 जनरल कोच जोड़े जाएंगे और 10,000 जनरल कोच के उत्पादन के लिए विशेष कदम उठाया गया है।
उन्होंने आगे कहा कि भारतीय रेलवे अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत पुनर्विकास परियोजना के तहत 1,300 स्टेशनों का पुनर्निर्माण कर रहा है, जिसे दुनिया में सबसे बड़ा माना जाता है।
स्टेशनों के विकास पर जोर
इसके अलावा दो अन्य सवालों के जवाब में उन्होंने केरल और तमिलनाडु के सांसदों से कहा कि वे सभी रेलवे को नियोजित परियोजनाओं को पूरा करने के लिए भूमि अधिग्रहण में मदद करने के लिए संबंधित राज्य सरकारों के साथ समन्वय करें।
उल्लेखनीय है कि त्योहारों के समय में यात्रियों की अधिक भीड़ होती है। ट्रेनों में जनरल कोच की कमी के कारण काफी यात्री यात्रा नहीं कर पाते हैं। ये समस्या सालों से चलती आ रही है। अब सरकार इस समस्या से निपटने की तैयारी कर रही है।
हाल के दिनों में बदले थे आरक्षण के नियम
ट्रेनों में टिकट के आरक्षण के नियमों को हाल के दिनों में ही बदला गया था। 1 नवंबर से लागू नए नियम के अनुसार अब यात्रा से 60 दिन पहले तक टिकट बुक कर सकते हैं। इससे पहले ये अवधि 120 दिनों की थी। रेलवे ने कहा कि नियमों में बदलाव के बाद यात्रियों को कंफर्म टिकट मिलने में सहूलियत होगी।
पूरी टिकट का पैसा देते हैं RAC वाले यात्री
बता दें कि आरएसी में पूरा किराया देने के बाद भी आधी सीट मिलती है। आरएसी होने पर यात्रियों को कोच में साइड लोवर की आधी सीट मिलती है। एसी कोच के यात्री के बर्थ पर पहुंचते ही कोच अटेंडर बेडरोल उपलब्ध कराता है। यह सुविधा उन्हीं यात्रियों को मिलती थी, जिनका बर्थ कंफर्म होता था। आरएसी के यात्रियों को इससे वंचित रखा गया था, जबकि आरएसी में एक सीट पर दो यात्रियों सफर करते हैं। एसी कोच में बेडरोल नहीं होने पर यात्री ठंड से परेशान हो जाते थे। इसी को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने यह निर्णय लिया है।
क्या कहते हैं अधिकारी?
कंफर्म टिकट वाले यात्रियों की तरह अब आरएसी वाले यात्रियों को भी अपनी जगह पर पहुंचते ही कोच अटेंडेंट बेडरोल उपलब्ध कराएगा। – अशोक कुमार, जनसंपर्क पदाधिकारी, वाराणसी