हसनपुरा में प्रशासन के मिलीभगत से पेड़ो को हो रही अंधाधुंध कटाई
श्रीनारद मीडिया‚ आशिष कुमार‚ हसनपुरा‚ सीवान (बिहार)
कहते हैं कि जो बोवोगे, वही काटोगे। ठीक प्रखंड क्षेत्र में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से उत्पन्न परिस्थितियों में यह कहावत सटीक बैठती है। प्रखंड के पियाउर, गायघाट, उसरी खुर्द सहित अन्य पंचायतों में दाहा नदी के किनारे लगे पेड़ों की अंधाधुंध कटाई जोरों पर है। करीब यह कटाई एक सप्ताह से की जा रही है। यह पर्यावरण और परिवेश के लिए घातक साबित हो रहा है। पेड़ों की अंतहीन कटाई ने जहां मानवीय जीवन को प्रभावित किया है, वहीं असंतुलित मौसम चक्र को भी जन्म दिया है। वही ग्रामीण अवध बिहारी गिरी, कृष्ण शेखर जयसवाल, शशिभूषण गुप्ता, वृजानंद शर्मा, बबिता सोनी, भीम कुमार, अमोध कुमार आदि लोगों का कहना है कि वन विभाग से लेकर स्थानीय प्रशासन के मिली भगत से नदी के किनारे लगे हरे-भरे पेड़ों की कटाई की जा रही है। यह कटाई गोरखपुर के व्यापारियों के द्वारा की जा रही है। वही सभी कटे पेड़ों को उसरी धनौती स्थित माईराम के मठिया के परिसर में रखा गया। वही ट्रक पर लाद कर रात्रि 12 बजे के बाद गोरखपुर के लिए रवाना होती है। इस दौरान लोगों ने बताया कि प्रशासन व अंचलाधिकारी को रुपया दिया जाता है। जहां सीओ के राजस्व कर्मचारी के सहयोगी के द्वारा रुपये का लेन-देन किया जाता है। वही सूत्र बताते है कि 10 लोगों को पुलिस गिरफ्तार भी की थी, लेकिन लेबी लेकर छोड़ दी।
क्या कहते हैं अंचलाधिकारी ः
इस मामले में अंचलाधिकारी प्रभात कुमार ने बताया कि हम तो इलेक्शन ड्यूटी में लगे हुए है। अगर सही बात है, तो वन विभाग को सूचना देते है और कार्रवाई की जाएगी।
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