इंदौर नगर नहीं दौर, प्रवासी भारत के राष्ट्रदूत-पीएम मोदी

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आप कहीं भी रहें…भारत को अपने दिल में रखते हैं-पीएम मोदी

इतनी चर्चा में क्यों प्रवासी भारतीय दिवस?

 

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

Pravasi Bhartiya Divas 2023प्रधानमंत्री ने विदेशों में रह रहे भारतीयों को उन देशों में भारत का राष्ट्रदूत बताया. उन्होंने कहा सभी प्रवासी अपनी माटी को नमन करने आए हैं. इंदौर एक शहर है, मैं कहता हूं कि इंदौर एक दौर है, जो विरासत को समेटे रहता है. कुछ लोग इंदौर को स्वच्छता के साथ साथ स्वाद की राजधानी भी कहते हैं. 

यह प्रवासी भारतीय दिवस कई मायनों में खास है. अभी कुछ महीने पहले ही हमने भारत की आजादी के 75 साल मनाए हैं. यहां स्वतंत्रता संग्राम की प्रदर्शनी लगाई गई है. देश अमृत काल में प्रवेश कर चुका है. भारत की वैश्विक दृष्टि को मजबूती मिलेगी.

दुनिया के इतने अलग-अलग देशों में जब भारत के लोग एक कॉमन फैक्टर की तरह दिखते हैं तो वसुधैव कुटुंबकम् की भावना के साक्षात दर्शन होते हैं. दुनिया के किसी एक देश में जब भारत के अलग-अलग प्रान्तों और क्षेत्रों के लोग मिलते हैं तो एक भारत, श्रेष्ठ भारत का सुखद एहसास होता है.

पीएम मोदी ने G20 में भारत की उपलब्धि का जिक्र भी किया. उन्होंने कहा इस वर्ष भारत दुनिया के G20 समूह की अध्यक्षता भी कर रहा है. भारत इस जिम्मेदारी को एक बड़े अवसर के रूप में देख रहा है. हमारे लिए ये दुनिया को भारत के बारे में बताने का अवसर है.

पीएम ने कहा हमारे प्रवासी भारतीयों के योगदान का पूरी दुनिया आकलन करती है. इससे सशक्त और समर्थ भारत की आवाज भी सुनाई देती है.तीन दिन के इस सम्मेलन में 70 देशों के 3,500 से अधिक प्रवासी भाग ले रहे हैं। इस बार का विषय है प्रवासी अमृतकाल में भारत की प्रगति के लिए विश्वसनीय भागीदार।

70 देशों के प्रतिनिधि हैं, लेकिन मुख्य तौर पर यूएसए, यूके, सऊदी अरब, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, मैक्सिको, कनाडा और सूरीनाम, गुयाना, फिजी आदि देशों के एनआरआई प्रमुख हैं। एनआरआई का एक बड़ा वर्ग ऐसा भी है जो पहले भी मध्य प्रदेश के सम्मेलनों में आता रहा है। इस बार गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली मुख्य अतिथि हैं। और सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी विशेष अतिथि हैं। गेस्ट ऑफ ऑनर हैं ऑस्ट्रेलिया हाउस ऑफ पार्लियामेंट की सदस्य जेनेटा मेस्केन्हेन्स। इसके अलावा इसकी तैयारी तो बहुत दिनों से चल रही थी और कोशिश थी कि ये सम्मेलन ऐतिहासिक हो। उसके लिए 6 महीनों से इंदौर के प्रशासन ने कमर कस ली थी।

कोई भी राष्ट्र, उस पर निष्ठा रखने वालों के दिलों में जीवित रहता है- PM मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि भारत से बाहर रहने वाले बुजुर्ग प्रवासियों को अपने जीवन, संघर्ष, उलब्धियों का दस्तावेजीकरण करना चाहिए. बुजुर्गों के पास उस जमाने की यादें होंगी. विश्वविद्यालयों के माध्यम से हमारे डायस्पोरा की हिस्ट्री के दस्तावेजीकरण के प्रयास किए जाएं. कोई भी राष्ट्र, उस पर निष्ठा रखने वालों के दिलों में जीवित रहता है, जब कोई भारत का व्यक्ति विदेश जाता है और वहां कोई भारतीय मिल जाता है, तो उसे लगता है कि पूरा भारत मिल गया. आप जहां कहीं भी रहते हैं, भारत को अपने साथ रखते हैं, दिल में रखते हैं. बीते 8 वर्षों में देश ने अपने डायस्पोरा को ताकत देने के लिए हरसंभव प्रयास किए हैं.

प्रवासी भारतीय ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का सुखद अहसास, ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की भावना के साक्षात् दर्शन- PM मोदी

दुनिया के अलग-अलग देशों में जब भारत के लोग एक कॉमन फैक्टर की तरह दिखते हैं, तो ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की भावना के साक्षात् दर्शन होते हैं. दुनिया के किसी एक देश में जब भारत के अलग-अलग प्रान्तों और अलग-अलग क्षेत्रों के लोग मिलते हैं, तो ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का सुखद अहसास होता है.

भारत में न केवल एक ज्ञान केंद्र बनने की क्षमता है, बल्कि यह हुनरमंदों की राजधानी भी है- PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज भारत को आशा और जिज्ञासा की दृष्टि से देखा जा रहा है. वैश्विक मंच पर भारत की आवाज सुनी जा रही है. भारत इस साल के जी20 का मेजबान भी है. हम इसे केवल एक कूटनीतिक घटना नहीं बनाना चाहते, बल्कि लोगों की भागीदारी का कार्यक्रम बनाना चाहते हैं. भारत में न केवल एक ज्ञान केंद्र बनने की क्षमता है बल्कि हुनरमंदों की राजधानी भी है. हमारे युवाओं में काम के प्रति कौशल, मूल्य और ईमानदारी और दृढ़ संकल्प है. हमारी हुनरमंदों की पूंजी दुनिया का ग्रोथ इंजन बन सकती है.

स्वदेशो भुवनत्रयम्’ अर्थात हमारे लिए पूरा संसार ही हमारा स्वदेश है- PM मोदी

पीएम मोदी ने 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में कहा- हमने कुछ महीने पहले भारत की आजादी के 75 साल मनाए थे! हमारे स्वतंत्रता संग्राम को प्रदर्शित करने वाली डिजिटल प्रदर्शनी यहां आयोजित की गई है और यह गौरवशाली युग को फिर से आप सबके सामने लाती है. ‘स्वदेशो भुवनत्रयम्’ अर्थात हमारे लिए पूरा संसार ही हमारा स्वदेश है, मनुष्य मात्र ही हमारा बंधु-बांधव है. इसी वैचारिक बुनियाद पर हमारे पूर्वजों ने भारत के सांस्कृतिक विस्तार को आकार दिया था.

इंदौर का पोहा, कचोरी, समोसे, शिकंजी…जिसने भी चखा, उसके मुंह का पानी नहीं रुका- PM मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लोग कहते हैं इंदौर एक शहर है, मैं कहता हूं इंदौर एक ‘दौर’ है.  यह वह दौर है जो समय से आगे चलता है, फिर भी विरासत को समेटे रहता है. यहां काफी कुछ है, जो आपकी इस यात्रा को अविस्मरणीय बनाएगा. पास ही में महाकाल के महालोक का दिव्य और भव्य विस्तार हुआ है. आशा करता हूं कि आप सब वहां जाकर भगवान महाकाल का आशीर्वाद भी लेंगे. अद्भुत अनुभव का हिस्सा भी बनेंगे. वैसे हम सभी जिस शहर में है,

वह अपने अद्भुत खानपान के लिए मशहूर है. इंदौर ने स्वच्छता के क्षेत्र में अलग पहचान साबित की है. खाने-पीने के लिए अपन का इंदौर देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में लाजवाब है. यहां पोहे का पैशन, कचोरी, समोसे, शिकंजी… जिसने भी इसे चखा, उसके मुंह का पानी नहीं रुका, जिसने इसे चखा, उसने कहीं और मुड़कर नहीं देखा. इंदौर में 56 दुकान, सराफा प्रसिद्ध है ही. इंदौर स्वच्छता के साथ-साथ स्वाद की राजधानी भी है. मुझे यकीन है कि आप यहां के अनुभव नहीं भूलेंगे, औरों को भी यहां आने को कहेंगे.

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